प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल से ज्यादा का दौर थोड़ा अलग है. संगठन हो या सरकार हर पद पर कार्यकर्ताओं को ही बिठाया गया है. इन 10 सालों में बाहरी लोग जुड़े भी हैं, लेकिन उन्हें भी ये समझ में आ चुका है कि इस संगठन में कार्यकर्ता सर्वोपरी है और वो नेता भी जानते हैं कि पार्टी के हर कार्यक्रम का सहभागी बनना ही पड़ेगा. आलम यह है कि मंत्री बने या फिर सांसद, प्रदेश अध्यक्ष बने या फिर जिलाध्यक्ष, बीजेपी के कार्यकर्ताओं का उत्साह हर पद के लिए देखते ही बनता है. ऐसा लगता मानो उन्होंने बहुत बड़ी उपबल्धि हासिल कर ली हो. संगठन के काम तो मानो ऑटो पायलट मोड में चलते ही रहते हैं.
कार्यकर्ताओं की हुंकार
यह साल वाकई बीजेपी के आम कार्यकर्ताओं के लिए अहम है. लोकसभा चुनावों में नंबर थोड़े कम तो रह गए, लेकिन लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक जीत मिली. इसके बाद संघ औऱ बीजेपी के कार्यकर्ताओं को समझ में आने लगा कि मनोबल टूटने का नुकसान पार्टी को ही होता है. फिर क्या था हरियाणा हो या महाराष्ट्र, विधानसभा चुनावों में कार्यकर्ता हुंकार भऱते हुए मैदान में कूद पड़े. पार्टी का एक सर्वेक्षण बताता है कि कार्यकर्ताओं का एक बार फिर घर घर जाना और वोटरों को ये समझ में आना कि उनके घर से नहीं निकलने के कारण लोकसभा चुनावों में बीजेपी की ताकत कम कर गया है तो फिर विधानसभा में सब एक बार फिर गर से निकल पड़े. फिर क्या था इन दोनों राज्यों में ऐतिहासिक जीत मिली. हर्षोल्लास इतना कि झारखंड की हार का दर्द भी सब भूल गए.
सदस्यता अभियान का तौर तरीका
साल 2024 में जब बीजेपी ने देश भर में बीजेपी ने सदस्यता अभियान शुरु किया तो इरादा एक ही था कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी औऱ सबसे बड़े सदस्यता अभियान के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ना है. पहले प्राथमिक सदस्यता अभियान चला, फिर सक्रिय सदस्यता अभियान जिसमें हर सदस्य को कम से कम 50 प्राथमिक सदस्य बनाने थे. इसके बाद शुरू हुआ बूथ स्तर तक टीम बनाने का अभियान. पीएम मोदी के शब्दों में ये शक्ति केन्द्र बिल्कुल जड़ों तक पहुंचने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है. जानकारी के लिए बता दें कि हर बूथ समिति में 12 सदस्य होते हैं, जिसमें कम से कम 3 महिला सदस्य होती हैं. खास बात यह है कि हर बूथ समिति में एक व्हाट्सएप इंचार्ज, लाभार्थी प्रमुख, मन की बात प्रमुख और दो बीएलए रखना अनिवार्य है.
कच्छ के शक्ति केंद्र का हाल
सदस्यता अभियान में इस बार बीजेपी के इन्हीं बूथों यानि शक्ति केन्द्रों पर कार्यकर्ताओं में जो जोश नजर आया, उससे बीजेपी के शीर्ष नेताओं की बांछें खिल गई हैं. देशभर में कई शक्ति केन्द्रों में उत्साह इतना था कि हर आला नेता अब कार्यकर्ताओं के हित की बात करने लगा है. हम आपको बताते हैं कच्छ के एक गांव में बने शक्ति केन्द्र का हाल. अपना बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम के तहत यहां भी बूथ पर टीम बनी और बूथ का अध्यक्ष भी चुना गया. कार्यकर्ताओं का जोश इतना कि इस शक्ति केन्द्र के अध्यक्ष को पूरे गांव में घोड़े पर बिठा कर घुमाया गया. बैंड, बाजा औऱ ढोल के साथ नारे लगाते चल रहे कार्यकर्ताओं की भीड़ ये साबित कर रही थी कि अगर यही सक्रिय रहें तो चुनावों से पहले का आलाकमान का सिरदर्द काफी हद तक दूर हो जाएगा.
यूपी-एमपी में भी उत्साह
कच्छ से दूर यूपी के कानपूर में एक नवनिर्वाचित बूथ अध्यक्ष ने रॉल्स रॉयस विंटेज कार में सवार होकर पूरे मंडल के चक्कर लगाया. उनके साथ चल रहे क्षेत्रिय अध्यक्ष और जिलध्यक्ष ने तो बूथ अध्यक्ष का पगड़ी पहना कर सम्मान भी किया. भाजपा के सदस्यता अभियान के बाद यूपी के अकबरपुर मंडल के सभी बूथ अध्यक्षों के साथ बुलडोजर यात्रा निकाली गई.
उधर, बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ माने जाने वाले मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व मे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ विधानसभा और फिर लोकसभा चुनावों में पार्टी का झंडा बुलंद रखा, बल्कि सदस्यता अभियान में भी पूरे देश में सबसे आगे चल रहे हैं. 13 दिसंबर तक सदस्यता अभियान के मध्य प्रदेश के आंकड़ों के मुताबिक कुल 1.66 करोड से ज्यादा प्राथमिक सदस्य बने और कुल बूथों की संख्या पूरे राज्य में 65 हजर से अधिक है. प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के मुताबिक राज्य में बूथ केन्द्रों के लक्ष्य को संगठन पार कर चुका है.
अनोखा बूथ केंद्र
आलम यह है कि मध्य प्रदेश में 5 बूथ ऐसे बने हैं, जिनमें सभी 12 सदस्या महिलाएं हैं. इनमें भोपाल नगर के दो बूथ, इंदौर ग्रामीण, खंडवा और मंदसौर में एक एक बूथ बने जिनमें सिर्फ महिला सदस्य ही हैं. मध्य प्रदेश में भी बूथ अध्यक्षों को चुने जाने के बाद इस बार ऐसा सम्मान मिल रहा है, जिससे कार्यकर्ताओं का उत्साह दोगुना हो गया है. घोड़े पर सम्मान के साथ पूरे इलाके मे घुमाना, विंटेज कार पर ढोल नगाड़ों के साथ अपने शहर में जलसा निकालना, लोगों का आशीर्वाद लेने उनके घर जाना साबित कर रहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी आलाकमान ने कार्यकर्ताओं को एक बार फिर अपनी शक्ति का केन्द्र बना लिया है. आलाकमान जानता है कि शक्ति केन्द्रों का यही उत्साह और ताकत उन्हें कभी कमजोर नहीं होने देगी.
Tags: BJP Membership Campaign, National News
FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 15:48 IST
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