ज्यादातर अभिभावक छोटी क्लासेस से ही बच्चों को कोचिंग भेजना शुरू कर देते हैं. बहुत से लोगों ने मान लिया है कि कोचिंग भेजे बिना उनका बच्चा क्लास में पास नहीं हो पाएगा. इस चक्कर में वो कोचिंग का इंफ्रास्ट्रक्चर या शिक्षकों की योग्यता तक चेक नहीं करते हैं. देश के किसी कोचिंग सेंटर में कोई हादसा हो जाने पर उनका ध्यान इन फैक्टर्स की तरफ जाता है. साल 2024 में कोटा, दिल्ली, जयपुर, कानपुर समेत कई शहरों में स्थित कोचिंग सेंटर्स में हुए हादसों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
कोचिंग के लिए बनाई गई हैं गाइडलाइंस
अब कोचिंग सिर्फ पढ़ाई या कुछ एक्सट्रा जानने-समझने का सेंटर नहीं हैं. इन्हें बिजनेस का रूप दे दिया गया है. कोई कोचिंग संचालक खुद को टॉपर फैक्ट्री बताता है तो कोई भ्रामक ऐड्स से लोगों को गुमराह करता है. कोचिंग कारोबार देशभर में बेतरतीब ढंग से फैला हुआ है. इसकी वजह से छात्रों के आत्महत्या के मामले बढ़ गए हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग सेंटर के लिए गाइडलाइन तैयार की है. इसका पालन नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
1- इस उम्र में ही अटेंड कर सकेंगे कोचिंग
जेईई, नीट की तैयारी करवाने वाले कई कोचिंग संस्थान छठी क्लास से ही बच्चों को एडमिशन देना शुरू कर देते हैं. शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों को लेकर जारी गाइडलाइन में बच्चों की उम्र सीमा निर्धारित कर दी है. 16 साल से कम उम्र या हाईस्कूल पास होने से पहले कोचिंग क्लास जॉइन नहीं कर सकते हैं. इस नियम का उल्लंघन करके कोचिंग सेंटर में दाखिला लेने वाले संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी.
2- जरूरी है फीस की रसीद
शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, कोचिंग संस्थानों को स्टूडेंट्स को फीस की रसीद देनी होगी. साथ ही विभिन्न कोर्स की हर डिटेल देते हुए एक प्रॉस्पेक्टस भी जारी करना होगा. इस प्रॉस्पेक्टस में फीस और उसे जमा करने के नियम की भी जानकारी देनी होगी. कोचिंग से संबंधित सभी जरूरी जानकारियां वेबसाइट पर दर्ज होनी चाहिए.
3- हर स्टूडेंट को मिलनी चाहिए 1 मीटर जगह
कोचिंग क्लास में हर स्टूडेंट के लिए कम से कम एक वर्ग मीटर की जगह सुनिश्चित करना जरूरी है. इसके अलावा कोचिंग संस्थान में फर्स्ट एड किट और मेडिकल असिस्टेंस फैसिलिटी का होना भी अनिवार्य है. साथ ही पीने के लिए साफ पानी और सीसीटीवी कैमरे लगाना भी जरूरी है. सभी कोचिंग संचालकों को हर स्टूडेंट के लिए इतनी सुविधाएं मुहैया करवानी होंगी.
4- स्कूल के समय नहीं लगेगी क्लास
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की कोचिंग गाइडलाइन के अनुसार, स्कूल की क्लासेस के दौरान स्टूडेंट्स को कोचिंग क्लास अटेंड करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही कोचिंग क्लास को स्टूडेंट्स और शिक्षकों के लिए 1 दिन का साप्ताहिक अवकाश भी सुनिश्चित करना होगा. इससे उन पर प्रेशर कम होगा और वो पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे.
Tags: Coaching class, Kota Coaching, School education
FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 17:43 IST
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