देश के अलग अलग हिस्सों से ये नक्सल काडर जो कि सरेंडर कर चुके हैं, सरकार के इस विकास कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं जिसके तहत 2026 नक्सल मुक्त भारत मिशन चलाया जा रहा है. इसी के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. दरअसल पिछले 1 साल में 200 से भी ज्यादा नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में मार गिराया है.
आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की यही नीति है एक और नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में ज्यादा से ज्यादा तेजी लाई जाए. साथ ही नक्सलियों के काडर सरेंडर भी करें और सरेंडर करने के बाद वे अपनी जिंदगी के लिए क्या सपने पूरे करना चाहते हैं, गृह मंत्री अमित शाह ने सरेंडर कर चुके नक्सलियों से मुलाकात के जरिए यही जानने की कोशिश की.
बीजापुर सुकमा दंतेवाड़ा यह ऐसे इलाके हैं जहां पर सुरक्षा बलों ने इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. सुरक्षा एजेंसी सूत्रों के मुताबिक इन ऑपरेशन में खास बात यह है कि पहले केंद्रीय सुरक्षा पुलिस बल की अहम भूमिका होती थी लेकिन पिछली एक साल में जो ऑपरेशन हुए हैं उनमें केंद्रीय पुलिस वालों के अलावा स्थानीय पुलिसबलों की भी बेहद अहम भूमिका रही है. वे मानते हैं कि सुरक्षा से जुड़ी जानकारी जोकि इंटेलिजेंस नेटवर्क में मजबूती आने से मिल रही है और ग्राउंड पर सुरक्षा बलों की गहरी पकड़ इस बाबत सफलता दिलवा रहे हैं.
उड़ीसा महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ जो ऑपरेशन हो रहा है. सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि सबसे ज्यादा नक्सली दो जिलों में ज्यादा हैं. इन दो जिलों को भी पूरी तरीके से घेर लिया गया है. यानी सरकार का जो लक्ष्य है, मार्च 2026 नक्सली मुक्त भारत, उस दिशा में तेजी से काम जारी है.
FIRST PUBLISHED : December 15, 2024, 14:02 IST
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