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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत 19वें दिन में दाखिल हो गया है।

हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से आज किसान एक बार फिर दिल्ली के लिए कूच करने वाले हैं। 101 किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ेगा। हालांकि, उन्हें रोकने के लिए पहले से ही बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। किसानों का दिल्ली कूच का यह

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किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शुक्रवार शाम को इसे लेकर बयान भी जारी किया। दिल्ली कूच की जानकारी देने के साथ उन्होंने कहा कि सरकार को लग रहा होगा कि किसान बॉर्डर क्रॉस नहीं कर पा रहे, लेकिन, हम सरकार को बता देना चाहते हैं कि 101 किसानों का जो टकराव अर्धसैनिक बलों से हो रहा है, इसकी आवाज पूरे देश के किसानों तक पहुंच रही है। उन्होंने हरियाणा और पंजाब के किसानों से बड़ी संख्या में शंभू बॉर्डर पर पहुंचने की अपील भी की।

शुक्रवार को डल्लेवाल ही हालत काफी नाजुक नजर आई।

डल्लेवाल की हालत नाजुक, डॉक्टर बोले- शरीर ही शरीर को खा रहा इधर, खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक है। उनकी सेहत की जांच कर रही डॉक्टरों की टीम ने कहा कि उन्हें कभी भी दिल का दौरा पड़ सकता है। यह साइलेंट अटैक हो सकता है। इसी तरह किडनी फेल हो सकती है। ऐसे में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना बहुत जरूरी है।

डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति बच्चे की तरह हो गई है। वह कभी भी इन्फेक्शन का शिकार हो सकते हैं। हर छह घंटे के बाद उनकी सेहत की जांच हो रही है। अब वह पानी भी एकदम नहीं पी सकते। उनके शरीर में कई तत्व कम हो गए हैं। अब उनके शरीर को उनका शरीर ही खा रहा है।

खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मिलने पहुंचे राकेश टिकैत व अन्य किसान नेता।

डल्लेवाल से मिलने पहुंचे राकेश टिकैत इससे पहले शुक्रवार को डल्लेवाल से मुलाकात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पहुंचे। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि सिख कौम शहीदी से नहीं डरती। डल्लेवाल हमारे सीनियर किसान नेता हैं। मांगें पूरी होने तक मरणव्रत खत्म नहीं करेंगे। दोबारा दिल्ली को घेरना पड़ेगा। टिकैत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज के राजा प्रजा पर दया करने वाले नहीं हैं।

दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार से कहा है कि डल्लेवाल को तुरंत डॉक्टरी मदद दी जाए। उन्हें खाने को मजबूर न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की जिंदगी आंदोलन से ज्यादा जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि किसान शांति बनाए रखें और डल्लेवाल पर किसी तरह का बल प्रयोग न किया जाए।

देखते हैं सरकार कोर्ट की बात मानती है या नहीं इधर, सुप्रीम कोर्ट के बयान पर पंधेर ने कहा है कि सरकार को बातचीत करने और बल न प्रयोग करने के लिए कहा गया है। अब देखते हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की कितनी बात मानती है।

डल्लेवाल ने PM मोदी को खून से साइन कर लेटर भेजा इससे पहले गुरुवार को डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने अपने खून से साइन किए। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि अपने किए वादे पूरे करे। उन्होंने चिट्‌ठी में कहा कि यह मेरा आपको पहला और आखिरी पत्र है। इससे पहले डल्लेवाल ने एक वीडियो जारी कर लोगों से एक हफ्ते तक मोर्चे पर डटने की अपील की थी।

पुलिस ने 2 बार किसानों को बॉर्डर से खदेड़ा 16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर सभी राज्यों में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इस दिन राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र डीसी और एसडीएम को सौंपे जाएंगे। इससे पहले 6 और 8 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया था। इस दौरान उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए थे। वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया था। दोनों दिन 15 से ज्यादा किसान घायल हुए थे। एक किसान को पीजीआई रेफर करना पड़ा था।

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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 96 घंटे की कस्टडी की कहानी बताई

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को 26 नवंबर की सुबह पंजाब पुलिस ने खनौरी बॉर्डर से हिरासत में ले लिया था। वह करीब 96 घंटे लुधियाना के DMC अस्पताल में रहे। दैनिक भास्कर ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से बातचीत कर जाना कि उनके ये 96 घंटे कैसे गुजरे। पढ़ें पूरी खबर

किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली मार्च टाला, हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश का वीडियो जारी किया

8 दिसंबर को पंजाब के 101 किसानों ने दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी के पुल पर ही रोक दिया। करीब 4 घंटे बाद जत्थे को वापस लौटना पड़ा। इस दौरान 8 किसान घायल भी हुए। पूरी खबर पढ़ें…

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