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बीरेन सिंह ने विधायकों के साथ इंफाल के नुपी लान स्मारक परिसर में नुपी लान की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों मणिपुर हिंसा का स्थायी समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अभी हालात नाजुक होने के कारण समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि म्यांमार के शरणार्थियों के यूनाइटेड नेशन्स (UN) की गाइडलाइन के अनुसार व्यवहार किया जा रहा है।
CM बीरेन सिंह ने गुरुवार को कॉमरेड नुपी लान की याद में हो रहे एक कार्यक्रम में यह बात कही। सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से मणिपुर के 6 पुलिस थाना क्षेत्रों में फिर से लागू आर्म्ड फोर्स स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (AFSPA) हटाने की मांग की है।
मणिपुर हिंसा में अब तक 237 लोगों की मौत मणिपुर में कुकी-मैतेई के बीच 570 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस हिंसा में 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। अब तक 11 हजार FIR दर्ज की गईं हैं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया।
मणिपुर हिंसा को रोकने के लिए 6 थाना क्षेत्रों में फिर से AFSPA लागू किया गया है।
इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत।
शरणार्थियों के साथ UN की गाइडलाइन के अनुसार व्यवहार म्यांमार के शरणार्थियों के साथ व्यवहार के सवाल पर सिंह ने कहा कि लोगों को यहां आकर जमीनी हकीकत देखनी चाहिए। शरणार्थियों के साथ यूनाइटेड नेशन्स (UN) की गाइडलाइन के अनुसार केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार की निगरानी में व्यवहार किया जा रहा है।
बीरेन सिंह ने 8 मई को फेसबुक पर पोस्ट करके बताया था कि करीब 5500 घुसपैठियों को वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है, हालांकि उन्होंने म्यांमार के शरणार्थियों का अलग से उल्लेख नहीं किया था। उन्होंने बताया था कि अधिकारियों ने उनमें से 5200 लोगों का बायोमेट्रिक डेटा इकट्ठा किया है। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार म्यांमार में शांति बहाल होने तक शरणार्थियों को वापस नहीं भेजेगी।
म्यांमार के लोग कई सालों में मणिपुर में घुसपैठ कर रहे हैं।
म्यांमार में जारी हिंसा के कारण वहां के नागरिक सीमा से लगे मणिपुर में कई वर्षों से घुसपैठ कर रहे हैं। मणिपुर में म्यांमार के 5 हजार से 10 हजार लोग रह रहे हैं। भाजपा की प्रदेश इकाई म्यांमार से आने वाले लोगों पर रोक की मांग करती रही है।
स्थानीय जातियों-जनजातियों को आबादी घटने की चिंता मैते और नागा जनजाति के लोगों को आशंका है कि इनकी आमद से जातीय संतुलन बिगाड़ सकता है। बहुसंख्यक हिंदू समुदाय मैते की भी जनसंख्या लगातार घट रही है। 2011 की जनगणना के अनुसार मैते राज्य की कुल आबादी का 51% थे जबकि 1971 में 66% के करीब थे।
नुपी लान लुमित आंदोलन 1904 और 1939 में मणिपुरी महिलाओं ने अंग्रेजों के खिलाफ दो आंदोलनों किए थे, इसी याद में नुपी लान नुमित दिवस मनाया जाता है। मणिपुर की महिलाओं ने राज्य में घुसे बर्मा के लोगों को 7 साल (1819-1826) में बाहर किया था। मणिपुर में 40 वर्ष से अधिक उम्र की बेरोजगार महिलाओं को हर महीने 500 रुपये दिए जा रहे हैं।
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