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रतन शंकर ओझा बताते हैं कि पछेती किस्मों की बुवाई में समय कम मिलता है और मौसम की परिस्थितियां सामान्य बुवाई जैसी नहीं होतीं, जिसके कारण पैदावार में कमी हो सकती है. इसलिए, आशीर्वाद और वरदान जैसी प्रजातियों का उत्पादन लगभग 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकता है. सरसों की फसल की बुवाई सामान्यतः अक्टूबर से नवंबर माह तक की जाती है, लेकिन जो किसान भाई अब तक बुवाई नहीं कर पाए हैं, वे इन पछेती प्रजातियों की बुवाई 12 दिसंबर तक कर सकते है.

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