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हाइलाइट्सप्रयागराज महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना की स्वच्छता को लेकर NGT में सुनवाई महाकुंभ मेले में गंगा सफाई के लिए योगी सरकार के प्लान से असंतुष्ट दिखा NGTNGT ने प्रदेश सरकार से तीन दिन के भीतर कंप्रिहेंसिव प्लान के साथ पेश होने को कहा

प्रयागराज. संगम की धरती पर 13 जनवरी 2025 से आयोजित हो रहे महाकुंभ से पहले गंगा और यमुना नदियों का जल अविरल और निर्मल हो इसको लेकर दाखिल याचिकाओं पर सोमवार को एक बार फिर से एनजीटी नई दिल्ली में सुनवाई हुई. एनजीटी में गंगा प्रदूषण को लेकर दाखिल याचिकाओं में महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना नदियों के जल की शुद्धता को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई है. मामले में यूपी सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल ने यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए जवाब दाखिल किया. लेकिन एनजीटी राज्य सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई.

सुनवाई के बाद एनजीटी ने 3 दिन में राज्य सरकार से कंप्रिहेंसिव रिपोर्ट मांगी है. एनजीटी ने राज्य सरकार से पूछा है कि 4000 हेक्टेयर में महाकुंभ मेला बसाया जा रहा है. महाकुंभ मेले के दौरान सीवरेज के निस्तारण के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं? यूपी सरकार की ओर से एनजीटी को जानकारी दी गई कि मेला क्षेत्र में जगह-जगह बड़े-बड़े पौंड बनाए जा रहे हैं, जहां पर दूषित पानी को ऑक्सीडेशन व अन्य तकनीकों से ट्रीट किया जाएगा. एनजीटी ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को गंगा और यमुना नदियों में दूषित जल ना गिरे यह सुनिश्चित करने को कहा है. एनजीटी ने कहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ से जुड़े कार्यों को पूरा करने की 15 दिसंबर तक की डेड लाइन अधिकारियों को दी है, ताकि मेले से संबंधित सभी तैयारियों को समय से पूरा किया जा सके. एनजीटी अब सोमवार 16 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई करेगी.

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गंगा प्रदूषण से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई
गंगा प्रदूषण से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल एवं विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की तीन सदस्यीय पीठ कर रही है. याची अधिवक्ता सौरभ तिवारी की ओर से दाखिल याचिका व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर एनजीटी सुनवाई कर रही है. एनजीटी ने 29 नवंबर को हुई सुनवाई में प्रयागराज में गंगा जल की शुद्धता को लेकर रिपोर्ट नहीं जमा करने पर गहरी नाराजगी जताई थी. एनजीटी में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कमेटी को रिपोर्ट जमा करना था, लेकिन रिपोर्ट जमा ना करने पर एनजीटी ने प्रधान/प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, उ.प्र. सरकार को 9 दिसंबर को तलब किया था. जिस पर रिपोर्ट के साथ राज्य सरकार के अधिवक्ता एनजीटी में पेश तो हुए, लेकिन राज्य सरकार की रिपोर्ट से एनजीटी संतुष्ट नहीं हुई. जिस पर गंगा प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने अब यूपी सरकार से कंप्रिहेंसिव रिपोर्ट मांगी है.

Tags: Allahabad news, Prayagraj News

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