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हाइलाइट्सफलों में मौजूद फ्रक्टोज की मात्रा उसे कम या ज्यादा मीठा बनाती हैइसी तरह फलों में रहने वाले एसिड की मात्रा उसके खट्टेपन को बढ़ाती या कम करती हैसाइंस कहती है कि फलों पर नमक डालकर नहीं खाना चाहिए

क्या आपको मालूम है कि फल मीठे या खट्टे ही क्यों होते हैं, नमकीन क्यों नहीं होते. साइंस इस बारे में क्या कहती है. क्या मीठे या खट्टे फलों को नमक डालकर खाना चाहिए. ये फायदेमंद है या नुकसानदायक.

पौधे शुगर और एसिड को नेचुरली प्रोसेस कर सकते हैं
फल आम तौर पर नमकीन नहीं होते, क्योंकि उनमें नमक की मात्रा पैदा करने वाले नेचुरल सिस्टम की कमी होती है. पौधे शुगर और एसिड को नेचर के जरिए अपने सिस्टम से प्रोसेस कर सकते हैं लेकिन नमक यानि सोडियम क्लोराइड नहीं. आमतौर मिट्टी से पौधों में कुछ नमक जरूर आता है लेकिन बहुत सीमित मात्रा में. अगर ये ज्यादा हो जाए तो पौधे की ग्रोथ और बीज से पौधा बनने की प्रक्रिया पर असर डाल सकते हैं.

हां कुछ फलों में नमक की थोड़ी मात्रा हो सकती है, लेकिन इसके बाद भी उनमें नमकीन स्वाद नहीं होता. कई फल ऐसे होते हैं जिसमें बहुत कम मात्रा में सोडियम होता है. हालांकि दुनिया का एक फल ऐसा है जो नमकीन होता है, इसे पिगफेस फ्रूट कहते हैं. ये दुर्लभ माना जाता है.

क्यों कोई फल कम या ज्यादा मीठे या खट्टे क्यों होते हैं
फलों में मौजूद फ्रक्टोज़, सेल्यूलोज, विटामिन, स्टार्च, एसिड और प्रोटीन के कारण उनमें मिठास और खट्टेपन की मात्रा अलग अलग होती है. जिन फलों शर्करा ज्यादा होती है, उनका स्वाद मीठा होता है, जिनमें अम्लों की मात्रा ज़्यादा होती है, उनका स्वाद खट्टा होता है.

कच्चा फल खट्टा होता है लेकिन पकने के बाद मीठा हो जाता है
आम तौर पर, कच्चे फलों में अम्लों की मात्रा ज़्यादा होती है. पकने पर अम्लों की मात्रा कम हो जाती है. खनिजों की वजह से भी सभी के स्वाद और टैक्सचर में अंतर होता है.

पिगफेस दुनिया का अकेला सबसे ज्यादा नमकीन स्वाद वाला फल है. ये आस्ट्रेलिया में पाया जाता है.

तो कुल मिलाकर  पौधों में मुख्य रूप से प्राकृतिक शर्करा (जैसे फ्रक्टोज़) और अम्ल (जैसे साइट्रिक एसिड) मौजूद होते हैं. ये उसके स्वाद को निर्धारित करते हैं.

क्यों पौधे फलों तक नमक नहीं पहुंचने देते
एक सवाल ये हो सकता है कि जमीन में नमक की मात्रा ज्यादा होती है तो ये पौधों में क्यों नहीं आती. नमकीन स्वाद मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड (नमक) और खनिज लवणों से आता है. फलों में ये लवण बहुत कम मात्रा में होते हैं क्योंकि पौधे खनिजों का उपयोग अपने विकास और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए करते हैं. फलों में कुछ ऐसी कोशिकाएं होती हैं तो नमक तो फल तक जाने से रोकती हैं.

अकेला फल जो ज्यादा नमकीन होता है
पिगफेस, जिसे वैज्ञानिक रूप से कार्पोब्रोटस ग्लॉसेसेंस के रूप में जाना जाता है. ये ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्रों और दक्षिण अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाने वाला एक रसीला पौधा है.ये फल एक मांसल, बेलनाकार बेरी है जो 2.5 सेमी तक लंबा हो सकता है.

ये आमतौर पर गहरे लाल या बैंगनी रंग में पकता है. इसका आकार अनूठा होता है, जिसमें दो सींग हैं जो सुअर के कान से मिलते जुलते हैं. ये नमकीन स्वाद वाला होता है. पिगफेस पौधे का हर हिस्सा खाने योग्य होता है, जिसमें पत्ते और फूल भी शामिल हैं. इसके फल से पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसी सामग्री मिलती है.

फलों में नमक डालकर खाना चाहिए या नहीं, आमतौर पर ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता.

परंपरागत रूप से इस फल का सेवन स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई लोग करते थे. आजकल इसका उपयोग जैम, जेली और चटनी बनाने के लिए किया जाता है. पत्तियों को कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है. पिगफेस समुद्र तट के किनारे रेतीली मिट्टी में पनपता है. नमक और हवा के प्रति अत्यधिक सहनशील है.

दुनिया का सबसे मीठा फल कौन सा है
दुनिया का सबसे मीठा फल कैराबाओ आम है , जो फिलीपींस में पैदा होने वाला आम है. इस आम की ज्यादा मिठास उनमें मौजूद फ्रुक्टोज की काफी ज्यादा मात्रा के कारण होती है. भारत में होने वाले आम से ये ज्यादा मीठा होता है. वैसे अंगूर, चेरी, नाशपाती, तरबूज, अंजीर और केले भी काफी मीठे फल होते हैं.

दुनिया का सबसे खट्टा फल कौन सा
बिलिम्बी को दुनिया में सबसे अधिक खट्टा प्राकृतिक फल माना जाता है. इसका रस काफी ज्यादा अम्लीय और खट्टा होता है. इस फल को आमतौर पर ताजा नहीं खाया जाता है. ये आमतौर पर इंडोनेशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में उगता है. इसका उपयोग मुख्य तौर पर औषधीय कामों में होता है. इसका इतना खट्टापन साइट्रिक और ऑक्सालिक एसिड से आता है.

फलों पर नमक लगाकर खाना चाहिए या नहीं
साइंस कहती है कि नमक के साथ फल खाने से स्वास्थ्य पर पॉजिटिव और निगेटिव दोनों तरह के कई प्रभाव पड़ सकते हैं. नमक डालने से कुछ फलों के स्वाद चटपटे हो जाते हैं, जिससे उन्हें खाने में मज़ा आता है. ये खट्टे या कच्चे फलों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है.

साइंस कहती है कि नियमित रूप से नमक के साथ फल खाने से अत्यधिक सोडियम का सेवन हो सकता है. उससे हाई सोडियम सेवन हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और स्ट्रोक का रिस्क दे सकता है. फिर फलों पर नमक छिड़कने से उनमें पानी निकल सकता है, जिससे कुछ पोषक तत्व खराब हो सकते हैं. यानि किसी फल से जितना लाभ मिल सकता है, वो नहीं मिलेगा.

फलों में ज्यादा नमक डालकर खाने से बढ़ा सोडियम स्तर गुर्दे की फंक्सनिंग को निगेटिव तौर पर असर डाल सकता है. कुछ लोगों में फलों में नमक डालने से एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं या शरीर में सूजन हो सकती है.

Tags: Food, Fruit Market New Rate, Science facts, Sweet Dishes

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