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CBSE बोर्ड और UP बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के एग्जाम्स की डेटशीट जारी कर दी है। CBSE बोर्ड ने पहली बार एग्जाम से 86 दिन पहले डेटशीट जारी की है, ताकि बच्चे समय से अपनी तैयारी शुरू कर सकें। 15 फरवरी से CBSE बोर्ड के एग्जाम्स शुरू हो रहे हैं। वहीं UP बोर्ड के एग्जाम्स 24 फरवरी से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स के पास बोर्ड एग्जाम्स की तैयारी के लिए सिर्फ दो महीने का समय बचा है।
इसके अलावा ये समय देश में शादियों का भी है। ऐसे में कई पेरेंट्स के मन में सवाल होंगे कि बच्चों को शादी में लेकर जाएं या नहीं? घर की शादी में बच्चों की पढ़ाई का ख्याल कैसे रखें?
पेरेंट्स के ऐसे ही ढेरों सवाल और दुविधाओं का हल हमने जाना हमारे एक्सपर्ट्स से। आज के हमारे एक्सपर्ट हैं…
- डॉ. निधि दुग्गल, प्रिंसिपल, PW, गुरुकुलम स्कूल, गुरुग्राम
- डॉ. संजीब कुमार आचार्या, करियर काउंसलर
सवाल- बच्चों के बोर्ड एग्जाम के बीच ही घर में शादी है। ऐसा क्या करूं कि शादी के माहौल के बीच बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब न हो?
जवाब- बोर्ड एग्जाम्स बच्चों के लिए बहुत जरूरी हैं। ऐसे में अगर घर में शादी है तो आपको ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसे में आप बच्चों को किसी करीबी रिश्तेदार के यहां शिफ्ट कर सकते हैं, जहां पढ़ाई के लिए उन्हें शांत माहौल मिल सके। बच्चों के लिए एक ट्यूशन टीचर भी अपॉइंट कर सकते हैं, जो बच्चों की पढ़ाई मॉनिटर कर सके।
वहीं, अगर शादी आपके घर में नहीं है, किसी करीबी रिश्तेदार के यहां है तो माता-पिता वहां जाना अवॉइड करें। ये वक्त बच्चों के लिए खास है। उनके लिए पेरेंट्स का साथ बहुत जरूरी है।
सवाल- इस साल मेरी बेटी 12वीं के बोर्ड एग्जाम दे रही है। उसे क्या खिलाऊं और क्या न खिलाऊं जिससे वो पढ़ाई और एग्जाम अच्छी तरह दे सके?
जवाब- एग्जाम के इस माहौल में अपनी बेटी के खान-पान का आप ऐसे रखें ख्याल…
- इस समय बेटी को बैलेंस्ड डाइट दें। डाइट में होल ग्रेन्स, लीन प्रोटीन, फ्रूट्स और सब्जियां शामिल करें। इससे उसकी एनर्जी और कॉन्संट्रेशन बनी रहेगी।
- शुगर वाले स्नैक्स और कैफीनयुक्त चीजें बेटी को न दें। इससे उसका फोकस बिगड़ सकता है।
- बेटी को जंक फूड बिल्कुल न खिलाएं। इससे उसे पेट दर्द या फूड पॉइजनिंग जैसी समस्या हो सकती है और पढ़ाई रुक सकती है।
- बेटी को अत्यधिक तला-भुना, फैट वाला और शुगर वाला खाना न खिलाएं।
- उसे घर का बना खाना ही दें। चाहे तो बेटी की फेवरेट डिश बनाकर उसे खिला सकते हैं।
- इस समय बेटी को हाइड्रेट रहने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में उसे पानी पीने के लिए उत्साहित करते रहें। इसके अलावा उसे फ्रेश फ्रूट्स भी खिला सकते हैं।
- बेटी को समय पर खाना खिलाएं और छोटे-छोटे अंतराल पर घर के बने स्नैक्स खिलाएं।
सवाल- मेरा बेटा बोर्ड एग्जाम को लेकर काफी परेशान रहता है। न ठीक से खाता है और न प्रॉपर नींद ले रहा है। उसकी किस तरह हेल्प करूं?
जवाब- सबसे पहले तो आप समझें कि ये समय बच्चों के लिए इंपोर्टेंट के साथ-साथ स्ट्रेसफुल भी होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे के साथ दोस्त बनकर बात करें। उसे समझाएं कि एग्जाम का रिजल्ट उसकी वर्थ डिसाइड नहीं करेगा। इसके अलावा उससे पूछें कि ऐसी क्या प्रॉब्लम है या डाउट है जिससे वो इतना परेशान हो रहा है। उसके बाद उसकी क्लास टीचर या ट्यूशन टीचर के साथ इस बारे में बात करें। एक अच्छा रूटीन बनाने में बच्चे की हेल्प करें जिसमें खाने-पीने, रेगुलर एक्सरसाइज और सोने का समय तय करें। इसके अलावा बेटे को सेल्फ केयर और स्ट्रैस मैनेजमेंट के बारे में बताएं। इसके बाद भी अगर बच्चे के व्यवहार में सुधार नहीं होता तो प्रोफेश्नल काउंसलर की मदद लें।
सवाल- मेरा बेटे के इस साल बोर्ड्स हैं लेकिन वो बिल्कुल पढ़ाई नहीं कर रहा। मुझे चिंता है कि कहीं फेल न हो जाए। क्या करूं?
जवाब- सबसे पहले तो बच्चे से इस बारे में बात करें। ध्यान रहे माता या पिता बन कर नहीं बल्कि एक दोस्त के तौर पर बात करेंगे तभी बच्चा आपकी बात समझ पाएगा। बच्चे को सपोर्ट करें, पढ़ाई का एक शेड्यूल बनाने में उसकी हेल्प करें और अगर जरूरत पड़े तो उसकी टीचर्स और ट्यूशन टीचर की मदद लें। उसे बताएं कि बोर्ड एग्जाम जरूरी हैं और तैयारी करने के लिए अभी देर नहीं हुई है।
सवाल- कहते हैं सुबह का पढ़ा याद रहता है। इसलिए बच्चों को सुबह पढ़ने के लिए उठाती हूं। लेकिन वो उठते ही नहीं, रात में ही पढ़ना पसंद करते हैं। उनकी यह आदत कैसे ठीक करूं?
जवाब- बच्चों से बात करें कि वो रात में क्यों पढ़ना पसंद करते हैं। जैसा माहौल उन्हें चाहिए, दिन में उन्हें वैसा माहौल देने की कोशिश करें। साथ ही रात में बच्चा अगर पढ़ता है तो इससे उसके बॉयोलॉजिकल क्लॉक पर गलत असर पड़ता है। रातभर जागकर पढ़ने वाले बच्चे दिन में सोते हैं। ऐसे में उनका दिमाग दिन के समय आलसी हो जाता है। लेकिन एग्जाम तो दिन में होना है। एग्जाम के समय भी उनका दिमाग आलसी होगा और उन्हें नींद आ सकती है। इसलिए पहले ही उन्हें दिन में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
सवाल- एग्जाम के दौरान बच्चे खेलकूद से बिल्कुल दूर हो गए हैं। क्या इसका असर उनकी हेल्थ पर पड़ सकता है? उन्हें हेल्दी रखने के लिए क्या करूं?
जवाब- चाहे एग्जाम हो या न हों, बच्चों के लिए दिन में कम से कम एक घंटा खेलकूद जरूरी है। एक्सरसाइज न सिर्फ उनकी फिजिकल हेल्थ बल्कि उनकी मेंटल हेल्थ के लिए भी जरूरी है। उन्हें बाहर जाकर खेलकूद करने के लिए एनकरेज करें। इसके लिए आप खुद भी कोई फिजिकल एक्सरसाइज करें।
सवाल- बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई तो करता है मगर सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग में काफी टाइम वेस्ट करता है। उसे कैसे मैनेज करूं?
जवाब- इसके लिए आप ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं…
- बच्चे को ऑफलाइन पढ़ने के लिए मोटीवेट करें।
- बच्चे को कहे कि कि लिख-लिखकर पढ़ाई करें। इससे याद भी अच्छा रहेगा और स्क्रीन टाइम भी घटेगा।
- बच्चों के ऑनलाइन रहने और स्क्रीन इस्तेमाल करने का समय निर्धारित करें।
- सोशल मीडिया और गेमिंग प्लैटफॉर्म को पेरेंटल कंट्रोल एप्स की मदद से मॉनिटर कर सकते हैं।
- बच्चे को टाइम मैनेजमेंट और रिस्पॉन्सिबल इंटरनेट यूज के बारे में बताएं।
- बच्चें बड़ो से ही सीखते हैं। इसलिए सबसे आप एक परिवार के तौर पर स्क्रीन और इंटरनेट से दूरी बनाएं।
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