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BSF G-Setup: सरहद पर अपने नापाक मंसूबों के साथ हर वक्‍त मौजूद रहने वाले पाकिस्‍तान के लिए बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स का जी-सेटअप (G-Setup) गले की फांस बन गया है. जी-सेटअप के चलते पाकिस्‍तान के दिमाग में पक रही नापाक मंसूबों की खिचड़ी कभी अंजाम तक ही नहीं पाती. इतना ही नहीं, बीएसएफ का यह वही जी-सेटअप है, जिसने पूर्वी पाकिस्‍तान में पाक सेना के तोते उड़ा दिए थे और पाकिस्‍तान के दो टुकड़े करने में अहम भूमिका अदा की थी. समय के साथ जी-सेटअप अधिक सशक्‍त और हाइटेक हो चुका है और यही बात अब पाकिस्‍तान के साथ बांग्‍लादेश को लगातार परेशान कर रही है.

पाकिस्‍तानी इस जी-सेट को लेकर इसलिए भी परेशान है, क्‍योंकि इसी सेटअप की मदद से जम्‍मू और कश्‍मीर में आतंकवाद की कदम तोड़ने में सुरक्षाबलों को मदद मिली है. दरअसल, घाटी में आतंकवाद के खिलाफ जारी अभियान को सशक्‍त बनाने के लिए बीएसएफ के जी-सेटअप को श्रीनगर के कुछ पुलिस स्‍टेशन और इंटेरोगेशन सेंटर पर एक्टिव किया गया था. जी-सेटअप ने घाटी में सक्रिय आतंकियों के कम्‍युनिकेशन सिस्‍टम में सेंध लगाने के लिए मुखबिरों और टेक्‍नोलॉजी का ऐसा बेहतरीन नेटवर्क तैयार किया था, जिससे उनकी हर गतिविधियों का आसानी से पता लगाया जा सके. बीएसएफ का जी-सेटअप आज भी बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है.

जानिए, क्‍या है बीएसएफ की जी-सेटअप
1965 और 1971 के भारत-पाकिस्‍तान युद्ध के दौरान सुरक्षा बल में सेंट्रल कार्डिनेशन की जरूरत महसूस की गई. इन्‍हीं जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए बीएसएफ ने एक इंटेलिजेंस विंग की स्‍थापना की, जिसे जी-सेटअप का नाम दिया गया. इस सेटअप के गठन के लिए वेस्‍ट बंगाल के आईजी अश्‍वनी कुमार के नेतृत्‍व में एक हाईलेबल कमेटी का गठन 1972 में किया गया था. करीब तीन साल की कवायद के बाद 1975 में अश्विनी कुमार कमेटी की सिफारिशों के आधार पर जी-सेटअप को नए सिरे से तैयार किया गया. इसके बाद, इस जी-सेटअप में देश के बेहतरीन इंटेलिजेंस ऑफिसर्स का प्रशिक्षण शुरू किया गया.

यहां तैयार होते हैं देश के बेहतरीन इंटेलिजेंस ऑफिसर्स
शुरूआत में यह जी-सेटअप दिल्‍ली के ग्रीन पार्क एक्‍सटेंशन से शुरू किया गया था. 1979 में इस सेटअप को स्‍थानांतरित कर आरकेपुरम भेज दिया गया. कारगिर युद्ध के बाद 9 मार्च 2000 को गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला किया और बीएसएफ के जी-सेटअप में आईटीबीपी, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के इंटेलिजेंस ऑफिसर्स का ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई. अब बीएसएफ का यह ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट देश को ऐसे इंटेलिजेंस ऑफिसर्स तैयार करके दे रहा है, जो अपनी सीमाओं में रहते हुए, दुश्‍मन के हरकतों का पता लगाने में सक्षम हैं. बीएसएफ द्वारा तैयार इन इंटेलिजेंर्स ऑफिसर्स की बदौलत पाकिस्‍तान चाहकर भी बॉर्डर पर कुछ नहीं कर पा रहा है.

FIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 13:55 IST

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