प्रशांत विहार में बंसीवाला स्वीट्स और सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। धमाके में बेंजोइल पेरोक्साइड यानी ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। पाउडर के साथ कुछ और रसायन भी मिलाए गए थे, लेकिन रसायन कौन-कौन से थे इनका रोहिणी स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भी अभी तक पता नहीं लगा पाई है। उधर, अधिकारियों का कहना है कि ब्लीचिंग पाउडर आज तक आतंकी वारदात या फिर बम धमाकों में इस्तेमाल नहीं किया गया है। ऐसे में या तो कोई वेस्ट सामान फेंक रहा है या फिर शरारत की जा रही है।
बेंजोइल पेरोक्साइड बम धमाकों के लिए इस्तेमाल नहीं होता
लैब के अफसरों के अनुसार बेंजोइल पेरोक्साइड बम धमाकों के लिए इस्तेमाल नहीं होता। मौके से पुलिस को बम धमाके के लिए इस्तेमाल करने वाली कोई डिवाइस आदि नहीं मिली है।
घटनास्थल पर आवाजाही रोकी
दिल्ली के प्रशांत विहार में धमाके के बाद शुक्रवार को घटनास्थल पर पुलिस ने आवाजाही रोक दी और सभी दुकानें आदि बंद रहीं। पुलिस ने दुकानों और घरों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच 20 अक्तूबर को सीआरपीएफ स्कूल की दीवार पर हुए धमाके से जोड़कर की जा रही है। धमाके की जांच पुलिस के साथ केंद्रीय एजेंसियां भी कर रही हैं, लेकिन अभी कुछ भी ऐसा हासिल नहीं हो सका है जिससे यह कहा जाए कि धमाका किसने और क्यों किया। पुलिस की स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच के अलावा एफएसएल रोहिणी, एनएसजी और एनआईए की टीमों ने नमूने आदि लिए हैं। पांच किलोमीटर के दायरे में जितने लोगों के मोबाइल संचालित हुए उन सभी का डंप डाटा लिया गया है। इससे जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। जिस जगह पर धमाका हुआ है, वहां गाड़ियां खड़ी थीं और कूड़ा पड़ा था। इस बीच किसी ने विस्फोटक वहां पर रखा, कूड़े से ढंक दिया।
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||