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- Hemant Soren Became The CM Of Jharkhand For The Fourth Time; PM Modi Will Start Maha Kumbh 2025; K 4 Ballistic Missile Successfully Tested
57 मिनट पहले
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केरल में शुरू हुआ SAREX – 24 युद्धाभ्यास। ट्रम्प ने भारतवंशी भट्टाचार्य को बनाया NIH डायरेक्टर। वहीं, दिविथ रेड्डी ने अंडर-8 विश्व कैडेट्स शतरंज चैंपियनशिप 2024 जीता।
कुछ प्रमुख करेंट अफेयर्स की जानकारी, जो सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण हैं…
नेशनल (NATIONAL)
1. हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने : झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी JMM के लीडर हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड के सीएम बन गए हैं। उन्हें 28 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में गवर्नर संतोष गंगवार ने शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा।
24 साल के झारखंड के इतिहास में हेमंत सोरेन 14वें मुख्यमंत्री बने हैं।
- 15 नवंबर 2000 को झारखंड गठन के बाद सबसे पहले बाबूलाल मरांडी झारखंड के मुख्यमंत्री बने।
- इसके बाद अर्जुन मुंडा 3 बार, शिबू सोरेन 3 बार, मधु कोड़ा 1 बार, रघुवर दास 1 बार, चंपाई सोरेन 1 बार और हेमंत सोरेन 3 बार सीएम रहे हैं।
- साल 2009 में JMM ने हेमंत को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया, जिसमें उन्हें जीत मिली। इसके साथ ही हेमंत सोरेन की संसदीय राजनीति शुरू हुई।
- 24 जून 2009 से 4 जनवरी 2010 तक हेमंत सोरेन राज्य सभा के सदस्य रहे।
- इस बीच दिसंबर 2009 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने दुमका सीट से जीत हासिल की।
- साल 2009 के चुनाव में पहली बार विधायक बनने के बाद हेमंत सोरेन 2010 में उपमुख्यमंत्री बने। वे अर्जुन मुंडा सरकार में सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक उपमुख्यमंत्री रहे।
- पहली बार 13 जुलाई 2013 को हेमंत ने JMM, कांग्रेस, RJD के गठबंधन की सरकार में सीएम पद की शपथ ली थी। इस सरकार का कार्यकाल 23 दिसंबर 2014 तक रहा।
- दूसरी बार हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को सीएम पद की शपथ ली थी।
- 31 जनवरी, 2024 को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। जमानत पर बाहर आने के बाद 4 जुलाई, 2024 को उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी।
- 23 नवंबर, 2024 को आए झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों में JMM की अगुवाई में INDIA ब्लॉक ने 81 में से 56 सीटों पर जीत दर्ज की है।
- इसमें JMM 34, कांग्रेस की 16, RJD की 4 और CPI(ML) की दो सीट है।
2. प्रधानमंत्री मोदी करेंगे महाकुंभ-2025 की शुरुआत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को गंगा पूजन कर महाकुंभ-2025 की शुरुआत करेंगे। ऐसा पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री महाकुंभ आयोजन की शुरुआत करेंगे। इससे पहले आमतौर पर डीएम या मेला अधिकारी ही गंगा पूजन कर माघ मेला या कुंभ की शुरुआत करते रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 नवंबर को प्रयागराज में महाकुंभ के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने ही बताया कि प्रधानमंत्री 13 दिसंबर को प्रयागराज आएंगे।
- प्रयागराज के महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला कार्यक्रम शृंग्वेरपुर धाम में होगा।
- यहां वे निषादराज पार्क के साथ-साथ भगवान राम और निषादराज की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे।
- संगम पर एक सभा आयोजित होगी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली करीब 150 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
डिफेंस (DEFENCE)
3. केरल में शुरू हुआ SAREX – 24 युद्धाभ्यास : भारतीय तटरक्षक बल ने 27 नवंबर को कोच्चि, केरल में अपना दो दिवसीय राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास और वर्कशॉप (SAREX – 24) शुरू किया। यह SAREX का 11वां संस्करण है। 28 नवंबर 2024 तक चलने वाले अभ्यास के दौरान आपात स्थिति में समुद्र में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
SAREX -24 के साथ-साथ 22वीं राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड की बैठक भी आयोजित की जा रही है।
- SAREX -24 अभ्यास राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड के तहत आयोजित किया जा रहा है।
- इसमें भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण और सीमा शुल्क विभाग की भागीदारी है।
- SAREX -24 अभ्यास का उद्घाटन रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने किया।
- भारतीय तटरक्षक बल SAREX -24 अभ्यास का नेतृत्व कर रहा है।
- भारतीय तटरक्षक बल केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है।
- भारतीय तटरक्षक बल के अध्यक्ष राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड के अध्यक्ष होते हैं।
- भारतीय तटरक्षक बल समुद्र में सभी खोज और बचाव कार्यों का संचालन करने वाली मुख्य एजेंसी है।
- भारतीय तटरक्षक बल (ICG) 1 फरवरी को अपना स्थापना दिवस मनाता है।
- ICG की स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।
- विश्व में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट की सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
4. इंडियन नेवी ने K-4 बैलिस्टिक मिसाइल की सफल टेस्टिंग की : इंडियन नेवी ने 27 नवंबर को K-4 बैलिस्टिक मिसाइल की सफल टेस्टिंग की। यह टेस्टिंग न्यूक्लियर सबमरीन अरिघात से की गई थी। अरिघात को 2017 में लॉन्च किया गया था। इसका अपग्रेड वर्जन जल्द ही कमीशन किया जाएगा।
भारत के पास K4 और K15 दो बैलिस्टिक मिसाइल हैं।
- अरिघात INS अरिहंत का अपग्रेडेड वर्जन है। इसे विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के शिप बिल्डिंग सेंटर (SBC) में बनाया गया था।
- अरिहंत की तुलना में अरिघात 3500 किलोमीटर की रेंज वाली के-4 मिसाइलों से लैस होगी।
- इस सबमरीन का वजन 6 हजार टन (60 हजार क्विंटल) है।
- भारतीय नौसेना अब तक 3 न्यूक्लियर सबमरीन तैयार कर चुकी है। इसमें से एक अरिहंत कमीशंड है, दूसरी अरिघात मिलने वाली है और तीसरी पर टेस्टिंग जारी है।
- 2009 में पहली बार सांकेतिक तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर INS अरिहंत को लॉन्च किया था।
- इसके बाद 2016 में इसे नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया। अगले 5 साल में दो और पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना ने लॉन्च किया है।
- 2009 में लॉन्च करने से पहले भारत ने पनडुब्बियों को दुनिया से छिपा रखा था।
- 1990 में भारत सरकार ने ATV यानी एडवांस टेक्नोलॉजी वेसल प्रोग्राम शुरू किया था। इसके तहत ही इन पनडुब्बियों का निर्माण शुरू हुआ था।
इंटरनेशनल (INTERNATIONAL)
5. ट्रम्प ने भारतवंशी भट्टाचार्य को बनाया NIH डायरेक्टर : अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 नवंबर को भारतीय-अमेरिकी फिजीशियन और इकोनॉमिस्ट ‘जय भट्टाचार्य’ को ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH)’ के डायरेक्टर के रूप में चुना है। जय भट्टाचार्य, ट्रंप द्वारा शीर्ष प्रशासनिक पद के लिए नामित होने वाले पहले भारतीय-अमरीकी बन गए हैं।
‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ’ अमेरिका में चिकित्सा अनुसंधान की फंडिंग करने वाला सबसे बड़ा सार्वजनिक संस्थान है, जिसका बजट लगभग 47.3 अरब डॉलर है।
- इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य संबंधी अनुसंधान को बढ़ावा देना और नई चिकित्सा तकनीकों का विकास करना है।
- NIH के डायरेक्टर के तौर पर भट्टाचार्य 27 संस्थानों की देखरेख करेंगे।
- ये संस्थान महामारी के लिए वैक्सीन तैयार करने और नई दवाएं विकसित करने के लिए काम करते हैं।
- जय भट्टाचार्य 1968 में कोलकाता में पैदा हुए थे। उन्होंने 1997 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन से MD की डिग्री हासिल की और 2000 में इकोनॉमिक्स में PhD की डिग्री हासिल की।
- भट्टाचार्य ‘ग्रेट बैरिंगटन घोषणापत्र’ के तीन प्रमुख लेखकों में से एक हैं। इसके दो और लेखक ‘स्कॉट एटलस’ और ‘एलेक्स अजार’ हैं।
- यह घोषणापत्र 2020 में कोरोना काल में जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि वायरस को हेल्दी लोगों के बीच फैलने देना चाहिए। ऐसा करके वायरस के खिलाफ नैचुरल इम्युनिटी विकसित की जा सकती है।
- 56 साल के भट्टाचार्य, रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर काम करेंगे। ट्रम्प ने कुछ दिन पहले कैनेडी जूनियर को स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया है।
- रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर, अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे हैं।
स्पोर्ट (SPORT)
6. पैरा एथलीट रिनचेन यूडो ने विश्व पैरा पूमसे ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता : पैरा एथलीट रिनचेन यूडो ने 28 नवंबर को पहले विश्व पैरा पूमसे ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वे केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल इलाके में बोधखरबू नाम की जगह की रहने वाली हैं।
पहले विश्व पैरा पूमसे ताइक्वांडो चैम्पियनशिप का आयोजन बहरीन के मनामा में हो रहा है।
- ताइक्वांडो पूमसे चैम्पियनशिप के लिए भारतीय पैरा ताइक्वांडो की 16 सदस्यीय टीम बहरीन में है।
- टीम के कोच मिथिलेश कैमरे हैं।
- इससे पहले 27 नवंबर को मध्यप्रदेश, इंदौर की पिंकी दुबे ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
- विश्व पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में ईरान, इराक, ब्राजील, पोलैंड, कजाकिस्तान सहित 14 देशों के खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं।
- इसमें विश्व भर के मूक बधिर, शारीरिक दिव्यांग, बोनापन, सेरेब्रल पाल्सी के 256 दिव्यांग खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
7. दिविथ रेड्डी ने अंडर-8 विश्व कैडेट्स चेस चैंपियनशिप 2024 जीता : 8 वर्षीय दिविथ रेड्डी ने 27 नवंबर को इटली के मोंटेसिल्वानो में आयोजित अंडर-8 विश्व कैडेट्स चेस चैंपियनशिप 2024 जीता। उन्होंने भारत के ही सात्विक स्वैन को सुपर टाईब्रेक स्कोर के आधार पर शिकस्त देकर गोल्ड मेडल जीता।
दिविथ रेड्डी तेलंगाना के हैदराबाद के रहने वाले हैं।
- दिविथ ने अंडर-8 विश्व कैडेट शतरंज चैंपियनशिप में संभावित 11 में से 9 अंक हासिल किए।
- वहीं, भारतीय चेस प्लेयर सात्विक स्वैन और चीन के खिलाड़ी जिमिंग गुओ भी इसी स्कोर के साथ बराबरी पर रहे।
- ऐसे में, सुपर टाईब्रेक मुकाबला हुआ और बेहतर टाई-ब्रेक स्कोर के कारण दिविथ रेड्डी को गोल्ड मेडल मिला।
- साथ ही, सात्विक स्वैन को सिल्वर मेडल और चीन के खिलाड़ी जिमिंग गुओ को ब्रॉन्ज मेडल मिला।
- दिविथ रेड्डी ने चैंपियनशिप में बेहतरीन शुरुआत की थी और उन्होंने शुरुआती चारों गेम जीते। इसके बाद वे दो लगातार दो गेम हार गए।
- फिर दिविथ ने वापसी की और लगातार 5 गेम जीतकर पॉइंट टेबल में नंबर-1 हो गए।
- विश्व शतरंज नियामक संस्था वर्ल्ड चेस फेडरेशन यानी FIDE ने 14-27 नवंबर, 2024 तक इटली के मोंटेसिल्वानो में FIDE विश्व कैडेट्स चैंपियनशिप 2024 का आयोजन किया।
- विश्व कैडेट्स चैंपियनशिप तीन कैटेगरी – अंडर 8, अंडर 10 और अंडर 12 में आयोजित की गई।
8. उर्विल टी-20 में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय : गुजरात टीम के ओपनर और विकेटकीपर उर्विल पटेल टी-20 फॉर्मेट में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने 27 नवंबर को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में त्रिपुरा के खिलाफ मात्र 28 गेंदों में सेंचुरी लगाई।
मैच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला गया।
- उर्विल से पहले यह रिकॉर्ड ऋषभ पंत के नाम था, जिन्होंने 2018 में इसी टूर्नामेंट में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ 32 गेंदों पर शतक लगाया था।
- इसके अलावा, उर्विल टी20 क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाने वाले दुनिया के दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले एस्टोनिया देश के साहिल चौहान ने साइप्रस के खिलाफ 27 गेंदों पर शतक लगाया था।
- तीसरे नंबर पर वेस्टइंडीज के क्रिस गेल हैं। उन्होंने IPL-2013 के सीजन में पुणे वारियर्स के खिलाफ RCB के लिए खेलते हुए 30 बॉल में शतक लगाया था।
- उर्विल ने 35 गेंदों पर नाबाद 113 रन बनाए। इसमें 12 छक्के और 7 चौके लगाए।
- गुजरात ने 8 विकेट से मैच जीता त्रिपुरा ने पहले बैटिंग की और 20 ओवर में 8 विकेट पर 155 रन बनाए। जवाब में गुजरात ने महज 10.2 ओवर में 2 विकेट पर 156 रन बनाकर जीत दर्ज की। उर्विल ने टीम को 8 विकेट से जीत दिलाई।
- उन्होंने पहले विकेट के लिए ओपनर आर्यन देसाई के साथ मिलकर 150 रनों की साझेदारी की।
9. रेसलर बजरंग पूनिया चार साल के लिए सस्पेंड : नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने 27 नवंबर को पहलवान बजरंग पूनिया को चार साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। पूनिया ने 10 मार्च, 2024 को राष्ट्रीय टीम के सिलेक्शन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते उन पर कार्रवाई हुई।
टोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले पूनिया को इससे पहले 23 अप्रैल को अस्थायी रूप से सस्पेंड किया गया था।
- पूनिया ने इस सस्पेंशन के खिलाफ अपील की थी, जिसके बाद इसे 31 मई तक रद्द कर दिया गया था।
- इसके बाद NADA ने 23 जून को पूनिया को नोटिस जारी किया था। पूनिया ने 11 जुलाई को इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके बाद 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई।
- अब अपने आदेश में NADA के डोपिंग पैनल (ADDP) ने उनके चार साल के निलंबन को जारी रखा है।
- पूनिया ने टोक्यो ओलिंपिक (2020) में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
- साल 2022 में हुए बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। पुरुषों के फ्री स्टाइल 65 किलो वेट कैटेगरी के फाइनल में पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 से मात दी थी।
- पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड और ओवरऑल तीसरा मेडल था।
- दिसंबर 2023 में बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था। इस चिट्ठी में पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद पर बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की जीत का विरोध जताया था।
- WFI के चुनाव हुए तो बृजभूषण के करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए। इसके बाद पूनिया के अलावा विनेश ने भी 23 दिसंबर 2023 को अपने अवॉर्ड लौटा दिए थे।
आज का इतिहास (TODAY’S HISTORY)
28 नवंबर का इतिहास : 1890 में आज ही के दिन भारत के समाज सुधारक, दार्शनिक और लेखक ज्योतिबा फुले का निधन हुआ था। उन्होंने सबसे पहले अछूतों की स्थिति बेहतर करने और महिला शिक्षा के लिए प्रयास करने शुरू किए। स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए ज्योतिबा ने 1854 में एक स्कूल खोला। यह इस तरह का देश में पहला स्कूल था। लड़कियों को पढ़ाने के लिए टीचर नहीं मिली तो उन्होंने कुछ दिन स्वयं यह काम करके अपनी पत्नी सावित्री को इस योग्य बना दिया। ज्योतिबा ने ‘सत्यशोधक समाज’ स्थापित किया। उनकी समाजसेवा देखकर उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी। ज्योतिबा ने ब्राह्मण-पुरोहित के बिना ही विवाह-संस्कार आरंभ कराया और इसे मुंबई हाईकोर्ट से भी मान्यता मिली। वे बाल-विवाह विरोधी और विधवा-विवाह के समर्थक थे।
सन् 1873 में उनकी पुस्तक “गुलामगिरी” का प्रकाशन हुआ। ये बहुत कम पन्नों की एक किताब है, लेकिन इसमें बताए गए विचारों के आधार पर पश्चिम और दक्षिण भारत में बहुत सारे आंदोलन चले।
- 1966 में डोमिनिक रिपब्लिक ने संविधान अपनाया था।
- 1962 में बंगाल के मशहूर दृष्टिहीन गायक केसी डे का निधन हुआ था।
- 1912 में इस्माइल कादरी ने तुर्की से अल्बानिया के आजाद होने की घोषणा की थी।
- 1893 में न्यूजीलैंड में नेशनल इलेक्शन में पहली बार महिलाओं ने मतदान किया था।
- 1821 में पनामा ने स्पेन से आजाद होने की घोषणा की थी।
- 1660 में लंदन में ‘द रॉयल सोसाइटी’ का गठन हुआ था।
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