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मुंबई24 मिनट पहले

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ठगी के दोनों मामले मुंबई के हैं। एक मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे की जांच चल रही है।

साइबर ठगी के दो केसों में दो बुजुर्गों से करीब 15 करोड़ रुपए के फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। दोनों मामले मुंबई के हैं। एक मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे की जांच चल रही है।

पहला मामला रिटायर्ड शिप कैप्टन से जुड़ा है। जालसाजों ने 75 वर्षीय बुजुर्ग को शेयर मार्केट से हाई रिटर्न दिलाने का झांसा देकर फंसाया। इसके बाद ठगों ने अगस्त से नवंबर के बीच 11.16 करोड़ रुपए ठग लिए।

वहीं, दूसरे मामले में 77 वर्षीय महिला को जालसाजों ने करीब एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा। ठग ने खुद को लॉ एन्फोर्समेंट ऑफिसर बताकर 3.8 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है।

पहला मामला: ऑनलाइन अकाउंट में प्रॉफिट दिखाया, 20% टैक्स बताकर 11 करोड़ ट्रांसफर कराए

ठगों ने बुजुर्ग को इन्वेस्टमेंट में मुनाफे का कहा, फिर सर्विस टैक्स के नाम पर पैसे ट्रांसफर करा लिए।

पहले मामले में पुलिस ने बुधवार को बताया कि शुरुआत में पीड़ित बुजुर्ग को अपने ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट अकाउंट में मुनाफा दिखाई दिया। जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की तो 20% सर्विस टैक्स देने के लिए कहा गया। पीड़ित ने 22 बार ट्रांजैक्शन करके ठगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए।

ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि ठगों ने पैसे निकालने के लिए कई अकाउंट्स का इस्तेमाल किया था। दो खातों की छानबीन से पता चला कि एक महिला ने चेक के जरिए 6 लाख रुपए निकाले। उसने KYC के लिए पैन कार्ड दिया था। पूछताछ करने पर महिला ने कैफ मंसूरी के कहने पर पैसे निकालने की बात कबूली।

मामले में पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी मामले में हिस्ट्रीशीटर कैफ इब्राहिम मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 12 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स के 33 डेबिट कार्ड और 12 चेकबुक बरामद हुईं।

दूसरा मामला: मनी लॉन्ड्रिंग केस का झांसा दिया, ₹3.8 करोड़ ठगे

ठगों ने महिला के भेजे पार्सल में ड्रग्स होने की बात कही, फिर दबाव बनाया और पैसे ट्रांसफर करा लिए।

करीब एक महीने पहले 77 वर्षीय महिला को अज्ञात नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया। ठग ने महिला से कहा कि उसने जो पार्सल ताइवान भेजा है उसमें MDMA ड्रग्स, 5 पासपोर्ट, 1 बैंक कार्ड और कपड़े हैं। जब महिला ने पार्सल भेजने की बात इस इनकार किया तो ठग ने कहा कि इसमें उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है।

इसके बाद ठग ने मुंबई के बड़े पुलिस ऑफिसर को कॉल ट्रांसफर करने की बात कही। इसके बाद फर्जी पुलिस ऑफिसर ने महिला को बताया कि उसका आधार कार्ड एक मनी लॉन्ड्रिंग केस से भी जुड़ा हुआ है और इसकी जांच चल रही है।

फर्जी पुलिस ऑफिसर ने महिला से स्काइप ऐप डाउनलोड करने को कहा, साथ ही बताया कि अन्य पुलिस ऑफिसर उससे बात करेंगे। ठग ने कॉल डिस्कनेक्ट करने से पहले आदेश दिया कि इसकी जानकारी किसी और को न दें।

बाद में खुद को IPS ऑफिसर बताने वाले एक व्यक्ति ने कॉल करके महिला से उसके बैंक अकाउंड्स की डीटेल्स मांगी। फाइनेंस डिपार्टमेंट का IPS ऑफिसर होने का दावा करने वाले एक अन्य ठग ने महिला से उसके बताए बैंक अकाउंट्स में पैसे ट्रांसफर करने को कहा।

ठग ने कहा कि अगर कोई गड़बड़ी नहीं पाई जाती तो पैसे वापस कर दिए जाएंगे। ठगों ने महिला का विश्वास जीतने के लिए ट्रांसफर किए गए 15 लाख रुपए वापस कर दिए।

इसके बाद ठगों ने महिला और उसके पति के जॉइंट अकाउंट से सारा पैसा ट्रांसफर करने को कहा। महिला ने कई ट्रांजैक्शन में 3.8 करोड़ रुपए 6 अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जब महिला को पैसे वापस नहीं मिले तो उसे शक हुआ। ठग महिला से ट्रांसफर किए गए पैसे लौटाने के लिए टैक्स के नाम पर और पैसे मांग रहे थे।

इसके बाद जब महिला ने विदेश में रहने वाली अपनी बेटी को फोन किया। बेटी ने महिला को बताया कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है और पुलिस में शिकायत करने को कहा। महिला की शिकायक के बाद उन 6 बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया जिनमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे।

डिजिटल अरेस्ट के बारे में समझें…

सवाल- डिजिटल अरेस्ट क्या है? जवाब- डिजिटल अरेस्ट वॉट्सऐप कॉल पर की जाने वाली ब्लैकमेलिंग है, जिसमें पुलिस या सरकारी विभाग का अधिकारी बनकर साइबर ठग लोगों को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं।

साइबर ठग लोगों को यकीन दिलाते हैं कि उनके या उनके किसी परिजन के साथ कुछ बुरा हो चुका है या होने वाला है। चूंकि सामने बैठा शख्स पुलिस की वर्दी में होता है तो अधिकांश लोग डर जाते हैं। इसके बाद उनके जाल में फंसते चले जाते हैं।

सवाल- डिजिटल अरेस्ट की पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- पुलिस के मुताबिक डिजिटल अरेस्ट की पहचान करने के लिए सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। अगर आपके पास अनजान नंबर से कोई फोन कॉल आता है तो नीचे ग्राफिक में दी इन बातों का ध्यान रखें।

सवाल- डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए क्या करें? जवाब- साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा कहते हैं कि डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठगों का सबसे बड़ा हथियार वॉट्सऐप है। वॉट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए ही वह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए सबसे पहले अपने वॉट्सऐप की सेटिंग्स में कुछ बदलाव करें, जिससे अगर कोई अनजान नंबर से कॉल आए तो आपके पास सिर्फ नोटिफिकेशन पहुंचे। इसके बाद इन बातों का ध्यान रखें।

  • वॉट्सऐप, फेसबुक या इंस्‍टाग्राम पर आने वाले किसी भी संदिग्ध कॉल को न उठाएं।
  • अगर फोन उठा लिया है तो घबराएं नहीं। बस अपनी पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी शेयर न करें।
  • शुरुआत में शक होने पर तुरंत फोन काट दें। फोन पर लंबी बातचीत करने से बचें।
  • अनजान नंबर से आए कॉल को तुरंत ट्रू-कॉलर जैसे ऐप से वेरिफाई जरूर करें।

सवाल- वॉट्सऐप पर आने वाले अनजान कॉल को कैसे साइलेंट कर सकते हैं?

जवाब- पिछले कुछ सालों में वॉट्सऐप के अनजान कॉल्स के जरिए स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसे रोकने के लिए वॉट्सऐप ने एक नया फीचर जोड़ा है। इस फीचर का नाम है- अननोन कॉल साइलेंट। इसे ऑन करते ही Unknown और Spam कॉल्स ऑटोमैटिक म्यूट हो जाएंगे। हालांकि आपके पास किस नंबर से कॉल आया है, यह नोटिफिकेशन के जरिए पता चल सकेगा।

वॉट्सऐप के अननोन कॉल साइलेंट फीचर को ऑन करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।

स्टेप 1: सबसे पहले अपने वॉट्सऐप ऐप को ओपन करें।

स्टेप 2: इसके बाद ऐप की सेटिंग्स को ओपन करें।

स्टेप 3: ‘Privacy’ के ऑप्शन पर जाकर क्लिक करें।

स्टेप 4: इसके बाद ‘calls’ के ऑप्शन पर क्लिक करें।

स्टेप 5: यहां ‘Silence unknown callers’ का ऑप्शन मिलेगा। उसे सिलेक्ट करके ऑन कर दें।

इससे वॉट्सऐप पर आने वाले अनजान कॉल्स का पहले आपको नोटिफिकेशन मिलेगा।

सवाल- क्या फेक कॉल्स की ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं?

जवाब- वॉट्सऐप पर आने वाले फर्जी कॉल और मैसेज को रोकने को लेकर टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने चक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर संदिग्ध मैसेज, कॉल या वॉट्सऐप पर आने वाले स्पैम कॉल्स की शिकायत कर सकते हैं। शिकायत करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।

  • सबसे पहले संचार साथी पोर्टल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
  • इसके बाद ‘Citizen Centric Services’ के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • ‘Report Suspected Fraud Communication’ पर क्लिक करें।
  • इसके बाद ‘Continue For Reporting’ के ऑप्शन पर जाएं।
  • अब फॉर्म का पेज खुलेगा। इसमें फर्जी कॉल या मैसेज की डिटेल भरें।
  • फॉर्म में एक फ्रॉड लिस्ट होगी। आपकी जो शिकायत है, उस ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • इसमें फेक कॉल या मैसेज का स्क्रीनशॉट भी अपलोड करें।
  • आखिर में अपना मोबाइल नंबर और नाम लिखें।
  • कैप्चा कोड और OTP वेरिफिकेशन के बाद इसे सबमिट कर दें।

इसके अलावा अगर आपको ऐसी ही कोई कॉल या मैसेज आता है, जिसमें डरा-धमकाकर पैसे की मांग की जाती है तो इसकी नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत जरूर करें। http://www.cybercrime.gov.in पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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साइबर फ्रॉड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

गूगल की मार्केटिंग मैनेजर 3 घंटे डिजिटल अरेस्ट, आरोपी बोले- ये तो वही है जिसका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में है

साइबर ठगों ने गूगल की मार्केटिंग मैनेजर को ही 3 घंटे डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इतना धमकाया कि पति के 15 मिनट दरवाजा खटखटाने पर भी उन्होंने नहीं खोला। जब ठगों को भरोसा हो गया कि महिला उनके झांसे में आ चुकी है, तब जाकर उन्होंने महिला से दरवाजा खोलने को कहा। पूरी खबर पढ़ें…

ठग बोला- मोबाइल से अश्लील मैसेज भेजे जा रहे, क्राइम ब्रांच गिरफ्तार करेगी

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक व्यापारी को साइबर ठगों ने आधे घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया। ठग व्यापारी को ब्लैकमेल कर उससे ठगी की कोशिश करते रहे। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके मोबाइल से अश्लील मैसेज भेजे जा रहे हैं। क्राइम ब्रांच जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने पहुंचेगी। पूरी खबर पढ़ें…

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