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Pakistan D-Chowk: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सर्वेसर्वा इमरान खान की रिहाई को लेकर जो बवाल मचा था, वह फिलहाल थम गया है. लेकिन, अभी भी देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पाकिस्तानी रेंजर्स और सेना की जबरदस्त नाकेबंदी के बावजूद भी इमखान खान की पत्नी बुशरा बीबी की अपील पर लाखों समर्थक इस्लामाबाद के डी-चौक पहुंच गए थे. इमरान के समर्थकों का डी-चौक पहुंचने का मतलब राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट का काम पूरी तरह से ठप हो जाना. आपको बता दें कि इस्लामाबाद के डी-चौक का उतना ही महत्व है, जितना नई दिल्ली के विजय चौक का है.

हालांकि, बीती रात डी-चौक को इमरान खान के समर्थकों से सेना ने खाली करा लिया है. डी-चौक के खाली होते ही इमरान खान की पार्टी ने विरोध प्रदर्शन को खत्म करने का भी ऐलान कर दिया है. लेकिन, इसके बावजूद पूरे देश में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है. पाकिस्तानी सेना ने तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के समर्थकों के कब्जे से डी-चौक खाली कराना अपने आप में बड़ी घटना है. रात के अंधेरे में डी-चौक खाली कराया गया है. इस्लामाबाद का डी-चौक खाली होना राजनीतिक लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है.

डी-चौक पर कब्जा के जानें मायने
आपको बता दें कि नई दिल्ली में जिस तरह से इंडिया गेट और विजय चौक का स्थान है. पाकिस्तान में वही स्थान डी-चौक का है. इस्लामाबाद में डी-चौक का मतलब आप राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और प्रधानमंत्री कार्यालय के पास पहुंच गए. डी-चौक वीआईपी एरिया माना जाता है. यह इस्लामाबाद का सबसे हाई प्रोफाइल इलाका है. डी-चौक के अगल-बगल में राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट तो है ही साथ में कई देशों के दूतावास और विदेशी कार्यालय भी हैं. बीती रात पाकिस्तानी रेंजर्स ने डी-चौक खाली कराकर इमरान खान रिहाई की सारी उम्मीदें खत्म कर दी.

बुशरा बीबी के सामने पाकिस्तान सरकार पस्त
विदेश मामलों के जानकार कमर आगा कहते हैं, ‘पाकिस्तान का डी-चौक मतलब दिल्ली का विजय चौक मान लीजिए. इस इलाके में तहरीके इंसाफ पार्टी का कब्जा होने का मतलब सबकुछ ठप हो जाता. क्योंकि न प्रधानमंत्री ऑफिस जा सकते हैं और न राष्ट्रपति भवन में कोई घूस सकता है और न ही सुप्रीम कोर्ट का काम चल सकता था. इसलिए पाकिस्तानी सेना ने इसे खाली कराकर इमरान खान खिलाफ पहली जंग जीत ली है.’

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पीटीआई समर्थक पिछले दो दिनों से इमरान खान की रिहाई के लिए आंदोलन कर रहे थे. जब पुलिस और पाकिस्तानी रेंजर्स से प्रदर्शन कंट्रोल नहीं हुआ तो इस्लामाबाद में सेना को उतारना पड़ा. फिलहाल तो पाकिस्तान में इमरान खान की रिहाई और चुनाव रद्द करने की मांग कुछ दिनों के लिए रुक गई है. लेकिन, आने वाले दिनों में यह मांग और जोर पकड़ सकती है. इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी इस आंदोलन को लीड कर रही हैं. बुशरा बीबी भी इमरान खान की तरह ही जेल में बंद थीं. लेकिन, पिछले महीने ही वह जेल से जमानत पर बाहर आई हैं. इमरान खान अनुपस्थिति में बुशरा बीबी पहली बार तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं.

Tags: Imran khan news, Pakistan army, Pakistan big news, Vijay Chowk

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