Mau Gaurishankar Mandir: अरे ये क्या…मंदिर है या चांदी की खान. जो पूरे फर्श पर चांदी ही चांदी जड़ी हुई है. ये मंदिर उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद से 10 किलोमीटर दूर कोपागंज में है. नाम है गौरीशंकर मंदिर. सन 1529 में राजाओं ने इस मंदिर को बनाया था. पोखर के ऊपर बने इस मंदिर से जुड़ी चांदी का किस्सा जो भी सुनता है, हैरान हो जाता है. इसके अलावा शायद ही कोई और ऐसा मंदिर हो, जिसके फर्श पर चांदी जड़ी हो.
मऊ के गौरीशंकर मंदिर की कहानी
लोकल 18 से बात करते हुए मंदिर की पुजारी चंद्रमौली बताते हैं कि यह मंदिर सन 1529 ईस्वी में पिथौरागढ़ के राजा के द्वारा बनाया गया है. इस मंदिर की खास विशेषता यह है कि इस मंदिर पर यदि कोई सच्चे मन से अपनी मन्नतों को मांगता है, तो उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है. जिन लोगों की मुराद पूरी होती है, वह इस मंदिर परिसर के अंदर फर्श पर एक चांदी का सिक्का गढ़वा देते हैं. कुछ लोग इस मंदिर परिसर में अपनी मुराद पूरी होने के बाद यहां घंटा लगाते हैं.
पोखरे के ऊपर बना है मंदिर
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर का इतिहास यह है कि मंदिर एक पोखर के ऊपर बनाया गया है. इस पोखरे में कभी लोगों की कई बीमारियां दूर हुआ करती थी. इसी को देखते हुए इस मंदिर का निर्माण इस पोखरी पर कराया गया है. जहां कभी पोखरा हुआ करता था, आज वहां पर शिवलिंग बना हुआ है. शिवलिंग के ऊपर एक बड़ा नाग भी बनवाया गया है. साथ ही गौरीशंकर की प्रतिमा भी स्थापित है.
इसे भी पढ़े – नाराज पितरों को करना है शांत, तो इस मंदिर में करें पूजा, चार धाम के बराबर मिलता है फल!
महाशिवरात्रि के मौके पर लगता है मेला
महाशिवरात्रि के पर्व पर इस मंदिर परिसर में एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. जहां कई जनपद के लोग इस मेले में शामिल होने आते हैं. क्योंकि इस मंदिर की एक अलग ही विशेषता है. यहां लोगों की मुराद पूरी होती हैऔर मुराद पूरी होने के बाद इस मंदिर में चांदी के सिक्के फर्श पर लगाए जाते हैं. यहां इस मंदिर परिसर में देखा जाता है कि फर्श पर बहुत ही पुराने पुराने सिक्के लगे हुए हैं. पुराने सिक्कों को देखकर ही आज भी या परंपरा चली आ रही है. यूपी के अलावा भी कई राज्यों के लोग यहां पूजा करने के लिए आते हैं.
Tags: Hindu Temple, Local18, Mau news
FIRST PUBLISHED : November 27, 2024, 10:26 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||