-नशा मुक्ति की अलख जगाने की आबकारी विभाग निभा रहा अपनी जिम्मेदारी
-आबकारी अधिकारी ने युवाओं को पढ़ाया नशा छोड़ देश की तरक्की में योगदान देने का पाठ
-नशा के विरुद्ध एक अभियान: कैलाश इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में वर्कशॉप का आयोजन
उदय भूमि
गौतमबुद्ध नगर। समाज में फैली नशे की बुराई न केवल युवाओं के शरीर को खोखला कर उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रही है, बल्कि अपराध का ग्राफ भी बढ़ा रही है। शौक के लिए नशा करने वाले युवा लत लगने के बाद नशे की पूर्ति के लिए भटकते हैं। ऐसे हालात में वह नशे की पूर्ति के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं। यही कारण है कि छोटी-मोटी वारदातों से लेकर संगीन वारदातों में इलाके के नशाखोर शामिल रहे हैं। जैसे-जैसे समाज में नशाखोरी बढ़ती जा रही है, अपराध का ग्राफ भी साल दर साल बढ़ता जा रहा है। अपराध को रोकने से पहले हमें अपनी आने वाली युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए जागरूक करना होगा। यह जागरुकता अभियान विशेष किसी एक दिन तक सीमित न रहें इसके लिए स्कूल, कॉलेज में लगातार अभियान चलाना होगा। तभी हम देश के भविष्य युवा पीढ़ी को नशे के सेवन से बचा सकते है।
यह बातें गुरुवार को एनसीओआरडी जिला स्तरीय समिति द्वारा नशा के विरुद्ध एक अभियान के अंतर्गत कैलाश इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, नॉलेज पार्क 2 में आयोजित वर्कशॉप का शुभारंभ करते हुए जिला आबकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने कहीं। इससे पूर्व जिला आबकारी अधिकारी और कॉलेज मैनेजमेंट व इंस्पेक्टर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा फिल्म और सीरियल का असर किशोरों के दिल व दिमाग पर छाया हुआ है। किशोर खुद को अपने साथियों से बेहतर दिखाने के प्रयास में जुटे हैं। यह स्थिति किशोरों को उनके साथियों को देखकर नशा करने के लिए भी प्रेरित करती है। वह नशा करने में भी साथियों से पीछे नहीं रहना चाहते। जो व्यक्ति नशा करते हैं, वह समाज से टूट जाते हैं। नशा करने वाला व्यक्ति अपने परिवार तथा समाज के ऊपर एक बोझ बन जाता है। नशा करने वाले व्यक्ति को समाज भी अच्छी नजर से नहीं देखता।
हमारी युवा पीढी आज जितना नशे के सेवन से दूर रहेंगी उतना जीवन में कामयाब बनेगी। जीवन में कामयाबी यू नहीं मिल जाती है। इसके लिए कठिन परिश्रम की जरूरत होती है। इसलिए नशा छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान दें और देश के विकास में अपना सहयोग दें। जिला आबकारी अधिकारी ने कहा आबकारी विभाग अपनी कार्रवाई के बीच में जागरुकता अभियान चलाता रहता है। मगर यह अभियान तभी सार्थक होगा, जब युवा पीढ़ी खुद के साथ अपने आसपास के लोगों को भी नशे से दूर रहने में अपना सहयोग देगी। कहीं भी आपकों अपने आसपास अवैध शराब संबंधित कोई भी सूचना हो तो आबकारी विभाग को अपनी सूचना दे सकते है। जिस पर तत्काल कार्रवाई होगी और आपके सहयोग से ऐसे लोगों को उनकी सही जगह पहुंचाने में आसानी रहेगी।
वर्कशॉप में छात्रों द्वारा स्वास्थ्य चर्चा,नशा मुक्त भारत अभियान और तम्बाकू एवं ड्रग्स नियंत्रण पर खुली पैनल चर्चा आयोजित की गई। छात्रों ने तंबाकू और मादक द्रव्यों के दुष्प्रभावों पर अपने विचार साझा किए और समाधान सुझाए। इस चर्चा ने युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। वर्कशॉप में आबकारी निरीक्षक आशीष पांडेय, जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (डी.टी.सी.सी.) से डॉ. श्वेता खुराना एवं नारकोटिक्स विभाग मेरठ यूनिट, जिला समाज कल्याण विभाग (डी.एस.डब्लू.ओ.), जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों द्वारा छात्रों को संबोधित कर ड्रग एब्यूज के बारे में विस्तार से बताया गया। समापन समारोह में छात्रों और प्रशासन द्वारा मादक द्रव्यों के सेवन के विरुद्ध तथा तम्बाकू मुक्त परिसर बनाए रखने की शपथ ली गई।
युवाओं को दिलाई गई शपथ
हम संकल्प लेते हैं कभी नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे, दूसरे लोगों को भी रोकेंगे। नशीली दवाओं का बहिष्कार और नशे की लत को समाप्त कर स्वस्थ समाज का निर्माण करेंगे। यह संकल्प और शपथ नशा मुक्ति के लिए कैलाश इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, नॉलेज पार्क 2 में आयोजित वर्कशॉप छात्राओं को दिलाई गई।
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