लखनऊः सुप्रीम कोर्ट काशी-विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई शुरू की, जहां 15 लंबित मामलों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की गई है, ताकि उन पर एक साथ सुनवाई हो सके. मौजूदा समय में वाराणसी जिला जज की अदालत में 9 मामले और सिविल जज सीनियर डिवीजन, वाराणसी की अदालत में 6 मामले चल रहे हैं. वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि हमने आवेदन को सूचीबद्ध करने के लिए एक तात्कालिकता पत्र दिया था. बोर्ड पर जो सूचीबद्ध किया गया है वह हमारे अनुरोध के अनुसार है, जिस IA को हम सूचीबद्ध करना चाहते थे, वह 21555 है.
जस्टिस कांत ने कहा तो आप समान मुकदमों के एकीकरण की मांग कर रहे हैं? तो एक समय मैं वहां बेंच पर था. क्या याचिकाकर्ता की ओर से भी कभी कोई प्रार्थना की गई थी कि याचिकाओं को समेकित किया जाए. वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने कहा कि हमने वह प्रार्थना की थी और हमें जिला अदालत में जाने के लिए कहा गया था. जस्टिस कांत ने कहा कि हाँ, एक न्यायिक आदेश के माध्यम से मुख्य मामला जिला न्यायाधीश को सौंपा गया था, इसलिए उन्हें निर्णय लेना होगा. अहमदी ने कहा लेकिन इस आईए में वे चाहते हैं कि याचिकाएं हाईकोर्ट के समक्ष जाएं.
वरिष्ठ वकील दीवान ने कहा कि इससे विरोधाभासी आदेश आएंगे. हम जो सुझाव दे रहे हैं वह यह है कि यह इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए एक उपयुक्त मामला होगा ताकि इसे तीन विद्वान न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुना जाए और निर्णय लिया जाए. यह आईए आज बोर्ड पर नहीं था, लेकिन यह कार्रवाई का एक उचित तरीका है. सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, दो सप्ताह में जवाब मांगा है. मस्जिद कमेटी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब.
FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 11:39 IST
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