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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar

Updated Wed, 20 Nov 2024 06:20 PM IST

गुरु तेग बहादुर अस्पताल के श्वसन औषधि विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंकिता गुप्ता ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने के बाद गंभीर मरीजों की मौजूदा दवा की डोज काम नहीं कर रही। ऐेसे मरीजों की दवाओं की डोज बढ़ानी पड़ रही है। 


Pollution made medicines ineffective Children as well as elderly troubled doctors said these patients not safe

प्रदूषण ने बेअसर की दवाइयां
– फोटो : adobe stock



विस्तार


दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर के साथ गंभीर मरीजों पर दवाइयां बेअसर होने लगी हैं। इन मरीजों की दवाओं का डोज बढ़ाना पड़ रहा है। साथ ही वैक्सीनेशन भी करवाने की सलाह दी जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर 500 तक के स्तर को पार कर गया है। ऐसी स्थिति में क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), टीबी से ठीक हुए मरीज, अंतरालीय फेफड़े की बीमारी (आईएलडी), ब्रोंकियेक्टेसिस सहित दूसरे रोग के गंभीर मरीज घर में भी सुरक्षित नहीं हैं। 

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