-अवैध शराब के कारोबार पर कार्रवाई करने के बाद आबकारी विभाग के राजस्व का भरा जा रहा खजाना
-बैंड, बाजा, बारात के बीच आबकारी विभाग की मुस्तैदी तोड़ रही अवैध शराब का नेटवर्क
-आबकारी विभाग की टीम ने शादी समारोह बैंक्वेट हॉल, होटल और धर्मशाला में की छापेमारी
-बिना लाइसेंस के शराब पार्टी बिगाड़ सकती है शादी समारोह में शहनाई की गूंज
उदय भूमि
गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद को अवैध शराब के कारोबार से मुक्त करने के बाद आबकारी विभाग की कार्रवाई अभी भी लगातार जारी है। जिले से बड़े और छोटे शराब तस्करों का सफाया होने के बाद शादी सीजन में होने वाले बिना लाइसेंस के शराब पार्टी आयोजन को रोकने के लिए आबकारी विभाग टीमें लगातार छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। शहर में 500 से ज्यादा शादियां होंगी। इसके लिए बैंक्वेट हॉल, होटल और धर्मशाला पहले से ही बुक करा लिए गए हैं। देहात में होने वाली शादियों का आंकड़ा भी जोड़ दें तो यह एक हजार से ज्यादा है। लोनी, ट्रांस हिंडन, मोदीनगर और मुरादनगर के फार्म हाउस भी शादियों के लिए बुक हैं। देवोत्थान एकादशी पर पुनः: जाग्रत होते हैं। इस शुभ दिन के साथ ही शादियों की शहनाई गूंज उठती है। हर वर्ष ही इस पावन दिन पर शहर में सैकड़ों की संख्या में शादियां होती हैं। शहर में ट्रांस हिंडन क्षेत्र में लगभग 250 विवाह स्थल हैं। इतने ही स्थानों पर शहर के बाकी हिस्से में शादी के आयोजन किए जाने के स्थल हैं। ये सभी 12, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 28, 29 नवंबर और 4, 5, 9, 10, और 14 दिसंबर के लिए पहले से बुक हैं। मोदीनगर, मुरादनगर, डासना और लोनी में कुल मिलाकर 500 विवाह स्थल भी शादी के लिए बुक हैं। इनके अलावा गांवों में बरात घर भी हैं। कई लोग खुले स्थान पर तंबू लगाकर शादी समारोह का आयोजन करते हैं। इस तरह एक करीब 2 से ज्यादा शादियां होंगी।
वहीं शादी सीजन में होने वाले शराब पार्टी के आयोजन की निगरानी रखने के लिए आबकारी अधिकारी खुद धरातल पर कार्रवाई को अंजाम देते हुए नजर आ रहे है। गाजियाबाद में होने वाले शादी समारोह के आयोजन की सूची आबकारी विभाग ने पहले ही अपने पास मंगा ली थी। बैंक्वेट हॉल, होटल और धर्मशाला के संचालकों के साथ पूर्व में ही मीटिंग कर इसकी चेतावनी दे दी गई थी कि बिना लाइसेंस के अगर शादी-समारोह में शराब पार्टी का आयोजन या फिर बाहरी राज्यों की शराब की एक भी बोतल जांच के दौरान पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तो होगी ही, साथ ही बैंक्वेट हॉल, होटल और धर्मशाला को सील करने के भी कार्रवाई होगी। इसलिए सहूलियत इसी में है कि शादी-समारोह में विभाग की ओर से दिए जा रहे ऑकेजनल बार लाइसेंस लेने के बाद ही शराब पार्टी का आयोजन करें। कहीं ऐसा न हो जाए कि 11 हजार रुपये बचाने के लिए चक्कर में लाखों-करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ जाए। 11 हजार रुपये की फीस जेल भेजने की वजह भी बन सकती है और जेल जाने से बचा भी सकती है।
गाजियाबाद में शादी-पार्टी में होने वाली शराब पार्टी को रोकने के लिए आबकारी अधिकारी के साथ उनकी टीमें जिले में सभी समारोह स्थल पर रात होते ही निरीक्षण कर रही है। जिले में आबकारी विभाग की फौज भले ही कम हो, मगर उनकी कार्यशैली को हल्के में लेने की भूल जेल भिजवा सकती है। यह टीमें अपने कार्यों में परिपूर्ण है, क्योंकि जो काम गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट की इतनी बड़ी फौज अपराध को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। वहीं अवैध शराब के कारोबार को जड़ से खत्म करने में आबकारी अधिकारी और उनकी टीमें करती नजर आ रही है। गाजियाबाद में बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम हो रहा है। जिसका परिणाम यह है कि गाजियाबाद में शराब माफिया अपने कदम रखने से पीछे हटते नजर आते है। आज गाजियाबाद उनके लिए पहले की तरह सुरक्षित नहीं रह गया है। शराब तस्करों पर हो रही लगातार कार्रवाई का परिणाम है कि गाजियाबाद में आबकारी विभाग की टीमें राजस्व मामले में पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड स्थापित कर रही है।
आबकारी विभाग कि 40 की फौज संभाल कर रही 68 लाख लोगों के जीवन की सुरक्षा
गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का हिस्सा है और नई दिल्ली की सीमा से सटा गाजियाबाद, कानपुर के बाद उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है। जिसकी आबादी करीब 68 लाख 70 हजार है और मतदाताओं की संख्या 29 लाख 41 हजार 624 है। इतनी बड़ी आबादी वाले जिले की कमान 7 इंस्पेक्टर में मनोज शर्मा, अखिलेश बिहारी वर्मा, डॉ राकेश त्रिपाठी, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, अनुज वर्मा और अभय दीप सिंह के अलावा 10 हेड कांस्टेबल के अलावा 22 सिपाही है, जिनका प्रतिनिधित्व आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम करते नजर आ रहे है। इतनी कम फौज होने के बाद भी जिले की टीम ने कभी भी हार नहीं मानी।
चुनाव हो या फिर त्योहार का सीजन या शादी सीजन इन सबमें जिले की टीम ने अपनी कार्रवाई के दम पर लोहा मनवाने का काम किया है। जब भी कोई बड़ी चुनौतियां इनके सामने आई, उसका डटकर सामना किया और परिणाम हमेशा आबकारी विभाग के पक्ष में ही आया। जिले के लाखों के जीवन को बचाने के लिए आबकारी विभाग की टीम बीच-बीच में जागरुकता अभियान भी चलाती है, जिससे लोग अवैध शराब के सेवन से बच सकें। गाजियाबाद दिल्ली से सटा होने के कारण सबसे संवेदनशील जनपद माना जाता है। बाहरी राज्यों में अगर कोई बड़ी मात्रा में शराब की तस्करी होती है तो पहले गाजियाबाद से ही होती नजर आती थी। मगर पिछले कुछ समय से आबकारी विभाग की फौज की सख्ती के चलते शराब माफिया को अपना रास्ता बदलना पड़ गया है।
शादी सीजन से आबकारी विभाग का भर रहा खजाना
जिले में शादी समारोह में होने वाली शराब पार्टी के लिए जहां पहले आयोजक व संचालक ऑकेजनल बार लाइसेंस लेने से बचते नजर आते थे। वहीं आज आबकारी अधिकारी की सख्ती के चलते शादी समारोह में शराब पार्टी के लिए आयोजक व संचालक बार लाइसेंस लेने के लिए आगे आ रहे है। आबकारी विभाग के राजस्व को चूना लगाने वाले बैंक्वेट हॉल, होटल और धर्मशाला के संचालक आबकारी विभाग के राजस्व को भरने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। आमतौर पर विभाग के पास प्रतिदिन ऑकेजनल बार लाइसेंस लेने वालों की संख्या करीब 7, 8 तक पहुंच कर सीमित रह जाती थी। वहीं अब शादी समारोह के चलते 7, 8 लाइसेंस से अतिरिक्त 15-20 प्रतिदिन विभाग के पास ऑकेजनल बार लाइसेंस लेने के लिए आवेदन आ रहे है। आबकारी विभाग की टीमें प्रतिदिन कार्रवाई के साथ इन दिनों विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए विभिन्न स्रोतों पर कार्रवाई कर रही है।
जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम का कहना है कि जिले में अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह जड़ से खत्म करने के लिए आबकारी विभाग की टीमें दिन-रात कार्रवाई कर रही है। बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए दिल्ली-बॉर्डर, हाईवे, डासना और दुहाई चेक पोस्ट के अलावा राजमार्ग और राष्ट्रीय मार्ग पर 24 घंटे टीमें पहरा दे रही है। इन सबके बीच में शराब पर ओवर रेटिंग को रोकने के लिए भी टीम द्वारा लगातार दुकानों की चेकिंग और दुकानों के आसपास खुले अन्य दुकानों की लगातार चेकिंग की जा रही है। साथ ही विक्रेताओं को भी पॉश मशीन से स्कैन करने के बाद शराब की बिक्री और ऑनलाइन पेमेंट लेने के लिए भी निर्देश दिए जा रहे है। शराब पर ओवर रेटिंग रोकने के लिए सभी विक्रेताओं को अधिक से अधिक ग्राहकों से ऑनलाइन पेमेंट लेने के लिए कहा गया है। इस तरह के कार्योंं से ओवर रेटिंग की शिकायत में कमी आएगी।
रविवार को आबकारी विभाग की टीमों के साथ एम.आर. गोल्डन ड्रीम फार्म हाउस, वेदांता रिसोर्ट मैरिज लॉन, यू.के. औरा मैरिज लॉन, कृष्णा पैलेस मैरिज हॉल, कलश बैंक्वेट की चेकिंग की गई। सभी फार्म हाउस/ मैरिज हॉल/पार्टी लॉन संचालकों को उनके परिसर में अन्य प्रांत की शराब पाये जाने एंव बिना लाइसेंस शराब पिलाए जाने की स्थिति में नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया शराब तस्करों से निपटने के लिए टीम के साथ मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है। आबकारी विभाग का उद्देश्य लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने के साथ अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों को सलाखों के पीछे भेजना है। क्योंकि इस तरह मानसिकता के लोग समाज के लिए खतरा है। इनकी जगह सिर्फ जेल है, इसके लिए आबकारी विभाग की टीमें लगातार धरपकड़ अभियान चला रही है और लोगों से भी उनके क्षेत्र में होने वाले अवैध शराब से संबंधित जानकारी देने के लिए अपील की जा रही है। आबकारी विभाग की कारवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी।
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