दिल्ली के कांस्टीटूशन क्लब मे लगे इंडिया आर्ट फेस्टिवल के दौरान अपनी पेंटिंग दिखाती कलाकार
– फोटो : प्रशान्त पाण्डेय
विस्तार
समाज में हर कोई कहता है कि कला से घर नहीं चलता, लेकिन यह सवाल कलाकार से पूछोगे तो वह कहेगा कि कला ही उसकी रोटी है। वो उसके लिए पकवान भी है और भगवान भी। वह उसे पकाकर आनंद लेता है, जिसके पीछे कड़ी मेहनत होती है। लेकिन लोग कपड़ों की शॉपिंग की तरह उसको खरीदने में भी मोल-भाव करते हैं। वह भूल जाते हैं कि यह कोई वस्तु नहीं है, बल्कि कलाकार की मेहनत है। समाज को मेहनत के साथ इंसाफ करना चाहिए। यह विचार इंडिया आर्ट फेस्टिवल में लखनऊ से आए चित्रकार श्याम वर्मा ने प्रकट किए। फेस्टिवल में सबसे महंगी पेंटिंग बेचने वाले श्याम को बचपन से ही पेंटिंग का शौक था।
तब से वह दुनिया को रंगों की तरह देखते हैं। शुरुआती दिनों को याद करते हुए वह बताते हैं कि उन्हें घूमना बेहद पसंद है। वह एक बार राजस्थान गए। वहां के रंग उन्हें बहुत दिलचस्प लगे। इस तरह उनकी बंजारों वाली पेंटिंग जन्मी। एक आज का दिन है जब वह अन्य 450 कलाकारों की तरह आर्ट फेस्टिवल में पहुंचे हैं।
यहां उनकी पेंटिंग्स तीन से आठ लाख में बिक रही हैं। यह इस बार की सबसे महंगी पेंटिंग है। वहीं, चार दिवसीय इंडिया आर्ट फेस्टिवल का रविवार को आखिरी दिन है। आयोजकों को उम्मीद है कि बड़ी संख्या में लोग उत्सव की कलाकारी देखने पहुंचेंगे। इनमें देशभर से आए कलाकारों की कृतियां तो हैं ही, वह अपने साथ अपनी दिलचस्प कहानियां भी लेकर आए हैं।
‘भावनाओं का संतुलन बेहद जरूरी’ : फेस्टिवल में हैदराबाद से अपनी आठ पेंटिंग बेचने के लिए आए आर्टिस्ट जे. वेंकटेश्वर बचपन की यादों का चित्रण करते हैं। इनमें से ज्यादातर में खुशियों के रंग होते हैं। उनका मानना है कि एक कलाकार होने के लिए भावनाओं का संतुलन बेहद जरूरी है।
कभी ऐसा दिन भी होता है जब कृतियों में वह नहीं झलकनी चाहिए। तो कभी जरूरत पड़े तो कृतियों को रूप देने के लिए भावनाओं को उड़ेलना पड़ता है। वह जब खुश या दुखी होते हैं तो उस दौरान पेंटिंग को समय देते हैं, लेकिन उन्हें खुशियों भरे रंग ही रंगना पसंद है। वह इसे जिंदगी में आगे बढ़ने का नाम देते हैं।
एक आखिरी फोटो अपनी कृति के साथ : शनिवार को फेस्टिवल में बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने पहुंचे। इस दौरान कुछ कलाकार खुश होकर ग्राहकों के साथ फोटो खिंचाते नजर आए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि वह अपनी कृति के साथ एक आखिरी फोटो खिंचवाना चाहते थे।
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