-आबकारी विभाग के 35 सदस्यों की टीम पर साढ़े 18 लाख लोगों की जिंदगी का जिम्मेदारी
-होटल, रेस्टोरेंट, क्लब एवं मैरिज हॉल, रिसोर्ट, कम्युनिटिी सेंटर व बारात घरों पर आबकारी विभाग की चौकसी
-शादी या पार्टी में चेकिंग के लिए आबकारी विभाग की संयुक्त टीमों ने चलाया विशेष अभियान
-अवैध शराब के धंधे पर आबकारी अधिकारी की सख्ती, नैया लगेगी पार लगाने को माफिया खोज रहे रास्ता
उदय भूमि
गौतमबुद्ध नगर। जिले में त्योहारी सीजन की खुमारी खत्म होने के बाद शादी सीजन की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में आबकारी विभाग भी लगातार कार्यवाही करने मे जुटा है। अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए आबकारी विभाग ने दिन-रात कर जिले में चेकिंग अभियान चला रखा है। शराब तस्कर आगे-आगे तो आबकारी विभाग उनके पीछे-पीछे नजर आ रहा है। तस्करों को जिले से खदेडऩे के लिए हर संभव कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। भारी व्यस्तता के बावजूद विभाग ने शराब की दुकानों पर भी ध्यान दे रखा है। शराब दुकानदार किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें, इसे लेकर औचक चेकिंग कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। जनपद गौतमबुद्ध नगर की जो आबोहवा अब बदलती नजर आ रही है, इसके लिए आबकारी अधिकारी ने खूब मेहनत करनी पड़ी है। नहीं तो एक समय ऐसा था कि गौतमबुद्ध नगर शराब माफिया की जकड़ में था। जहां बेखौफ होकर शराब माफिया अपने धंधे को अंजाम देते नजर आते थे और पुलिस व प्रशासन की टीमें भी कार्रवाई करने से बचती नजर आती थी। मगर आज वहीं गौतमबुद्ध नगर अवैध शराब के चंगुल से मुक्त होकर शराब माफिया के लिए सबसे खतरों का शहर बन गया है।
इसके लिए आबकारी अधिकारी की जितनी तारीफ की जाए कम है। लेकिन शराब माफिया और जिले को अवैध शराब के कारोबार से मुक्त कर लोगों को सुरक्षित माहौल देने के लिए आबकारी विभाग की टीमें जिस तरह से कार्रवाई लगातार कार्रवाई कर रही है, उस कार्रवाई को भूलकर कुछ लोग आज भी आरोप लगाने से बाज नहीं आते है। इसी वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान वोटरों की संख्या 18,82,177 थीं। इसके अलावा वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार गौतमबुद्ध नगर की आबादी 16,74,714 थी। अब दोबारा से 2025 में जनगणना होगी। जिसमें उम्मीद लगाई जा रही है कि यह आबादी 40 लाख के पार पहुंच जाएगी। तेजी के साथ गौतमबुद्ध नगर में आबादी बढ़ती जा रही है। खासतौर पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनसंख्या में तेजी के साथ उछाल आ रहा है। गौतमबुद्ध नगर में 18.82 लाख की आबादी के बीच आबकारी विभाग के पास कितने अपने साधन है, अगर इस बार गौर किया जाए तो हर किसी के लिए बड़े आश्चर्य की बात होगी। इतनी बड़ी आबादी वाले जिले में आबकारी विभाग के पास 7 इंस्पेक्टर और 7 हेड कांस्टेबल व 21 सिपाही है, कुल मिलाकर उनके पास 35 लोगों की फौज है और उनके ऊपर एक कप्तान (जिला आबकारी अधिकारी) जो पूरे जिले की कमान को बखूबी निभा रहे है। सात इंप्पेक्टरों में प्रत्येक के पास 2 लाख 69 हजार की आबादी का जिम्मा है, जरुरी नहीं की यह जिम्मेदारी सभी पर एक समान हो।
मगर इतने कम लोगों की फौज ने अपनी कुशल कार्यशैली से अपने-अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहे है। जितनी टीम आबकारी विभाग के पास है, उससे अधिक तो एक थाने में ही पुलिस की टीम है। लेकिन उसमें भी थाना पुलिस अपने कर्तव्यों को बखूबी निवर्हन करने में लडख़ड़ाती नजर आती है। जिले से शराब माफिया का सूपड़ा साफ करने के बाद छोटे शराब तस्करों का भी जिले से सफाया करने के लिए आबकारी अधिकारी हर दिन नई रणनीति के तहत अपनी कार्रवाई को अंजाम देते नजर आते है। जो कि शराब माफिया के छक्के छुड़ाने के बाद अब छुटपुट तस्करों का भी सफाया करने पर पूरी शिद्दत से जुट गई है। अपनी कार्रवाई को एक अलग ही अंदाज में अंजाम देने के लिए आबकारी अधिकारी के कार्यों की प्रशंसा भी खुद आबकारी आयुक्त कर चुके है। क्योंकि गौतमबुद्ध नगर ही एक ऐसा सबसे संवेदनशील जिला माना जाता है। गौतमबुद्ध नगर दिल्ली और हरियाणा की सीमा से सटा हुआ है और उसके बाद भी शराब माफिया जिले में कदम रखने से डरते नजर आते है। इन दिनों आबकारी विभाग की टीम शराब तस्करों की सोच से दस कदम आगे बढ़ कर अपनी कार्रवाई को अंजाम देती नजर आ रही है। कार्रवाई के बीच में आबकारी विभाग के राजस्व बढ़ाने वाले श्रोतों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
आबकारी विभाग की सख्ती से भर रहा आबकारी विभाग का राजस्व
त्योहार का सीजन समाप्त होने के बाद शादी का सीजन शुरु हो चुका है। त्योहारी सीजन के दौरान 29, 30 और 31 अक्टूबर में जिले को 25 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह बिक्री पिछले वर्ष 2023 की अपेक्षा 6 करोड़ रुपये अधिक है। अवैध शराब पर सख्ती और आबकारी विभाग द्वारा चलाए गए जागरुकता अभियान का ही असर है कि इस बार आबकारी विभाग ने अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड बनाया है। जिले में अंग्रेजी, देशी, बीयर और मॉडल शॉप की कुल 564 दुकाने है, जिनमें 6 दुकाने अक्टूबर माह में जोड़ी गई थी। जिस तरह से आबकारी अधिकारी अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करते हुए र राजस्व बढोत्तरी में भी हर बार नया रिकॉर्ड कायम कर रहे है। वहीं शादी का सीजन शुरु होने के बाद आबकारी अधिकारी ने एक बार फिर से ऑकेजनल लाइसेंस से प्राप्त होने वाले राजस्व पर भी विशेष ध्यान दे रहे है। जिसके लिए शादी सीजन से पूर्व में बैठक कर और निरीक्षण कर फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल और होटल व बार संचालकों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी थी।
जिले में प्रतिमाह करीब 500 ऑकेजनल बार लाइसेंस लेने वालों की संख्या रहती है, मगर शादी का सीजन शुरु होने के बाद 10 से 15 प्रतिशत संख्या और अधिक बढ़ती नजर आ रही है। क्योंकि प्रतिदिन प्राप्त होने वाले 15 से 18 लाइसेंस के अलावा शादी सीजन के दौरान शराब पार्टी आयोजन के लिए 8, 10 रोज नए लाइसेंस लिए जा रहे है। शादी-पार्टी समारोह में होने वाले आयोजन की निगरानी के लिए आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय, गौरव चन्द, नामवर सिंह, डॉ. शिखा ठाकुर, अभिनव शाही, चन्द्रशेखर सिंह, रवि जायसवाल अपने-अपने क्षेत्र में अपनी फौज को लेकर सड़कों पर चेकिंग के साथ आयोजन स्थल पर पहुंच कर जांच करते है और आयोजक व संचालक को बार लाइसेंस के लिए जानकारी देते है। जिससे वह बिना लाइसेंस के शादी पार्टी में शराब पार्टी के कार्यक्रमों में आबकारी विभाग की कार्रवाई से बच सकें। क्योंकि कभी-कभी 11 हजार की फीस भी बडे शादी समारोह की रंगत बिगड़ सकती है।
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जिले में अवैध शराब के खिलाफ चल कार्रवाई में लोगों का भी बेहद आबकारी विभाग को सहयोग मिल रहा है। बिना किसी के सहयोग से अवैध शराब के खिलाफ चल रही जंग को जितना इतना आसान नही है। आबकारी विभाग की सभी टीम का प्रयास यही रहता है कि जिले के लोगों को अवैध शराब के सेवन से बचाया जा सकें। भले ही वह दूसरे राज्यों की सस्ती शराब का सेवन कर रहे हो, मगर उन लोगों को यह पता नहीं होता है कि सस्ती शराब कभी-कभी उनकी जान का दुश्मन बन जाती है। अवैध शराब के कारोबार में शामिल माफिया हो या तस्कर उन्हें सिर्फ अपने लाभ से मतलब होता है। उन्हें किसी की जान से कोई मतलब नहीं होता है।
साथ ही त्यौहार हो या फिर चुनाव या शादी का सीजन आबकारी विभाग का प्रयास यही रहता है कि इस तरह के आयोजन में होने वाली शराब पार्टी के लिए विभाग से ऑकेजनल बार लाइसेंस प्राप्त कर सकते है और उत्तर प्रदेश शराब का सेवन कर सकते है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा न हो कि 11 हजार रुपये की फीस आयोजक और संचालक को जेल भेजने की वजह बन जाए। साथ ही आबकारी विभाग की टीमें शराब पर ओवर रेटिंग को रोकने के लिए लगातार चेकिंग करने के साथ दुकानों पर शराब खरीदने वाले शौकीनों से भी पूछताछ कर रही है। समय-समय पर आबकारी निरीक्षकों के साथ बैठक कर उन्हें भी कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित करने के साथ कार्रवाई करने के नए-नए तरीकों से भी अवगत कराया जाता है। आबकारी विभाग के पास जितने भी साधन है, वह अपने आप में पर्याप्त है। जिले में अवैध शराब से संबंधित कोई भी कार्य हो उसे बिल्कुल भी नहीं होने दिया जाएगा।
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||