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28 मिनट पहले

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मुंबई, दिल्ली और उत्तराखंड में देश के सबसे महंगे स्कूल हैं। इन स्कूलों की औसतन सालाना फीस 8 से 10 लाख रुपए या उससे भी ज्यादा है। कई स्कूलों में फीस इतनी ज्यादा है कि एक हाईली पेड आईटी इंजीनियर या सॉफ्टवेयर डेवलपर की आधे से ज्यादा सैलरी अपने बच्चे को इस स्कूल में पढ़ाने में चली जाएगी। आम तौर पर इन स्कूलों में देश के बड़े उद्योगपतियों, नेताओं और आला दर्जे के ब्यूरोक्रेट्स के बच्चे पढ़ते हैं। आज बाल दिवस है। जवाहर लाल नेहरू की जयंती का दिन। उनकी चौथी पीढ़ी के वारिस कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी उत्तराखंड के ऐसे ही एक स्कूल दून इंटरनेशनल स्कूल से पढ़े हैं। इसकी सालाना फीस आज करीब 10 लाख रुपए है।

महंगे स्कूलों में पढ़ाया जाता है IB करिकुलम, भारत में 226 एफीलिएटेड स्कूल

इंटरनेशनल बैकलॉरिएट एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम यानी करिकुलम है। स्विटजरलैंड के जेनेवा से इसकी शुरुआत हुई। भारत में इसे 1976 में अपनाया गया था। अभी भारत में लगभग 200 स्कूल आईबी करिकुलम के तहत पढ़ा रहे हैं।

इसके तहत 3 साल से 13 साल के बच्चों के लिए 4 तरह के प्रोग्राम होते हैं-

  • प्राइमरी ईयर प्रोग्राम (3 से 11 साल के बच्चों के लिए)
  • मिडिल ईयर प्रोग्राम (11 से 16 साल के बच्चों के लिए)
  • डिप्लोमा प्रोग्राम (16 से 19 साल के बच्चों के लिए)
  • करियर रिलेटेड प्रोग्राम (16 से 19 साल के बच्चों के लिए)

आम तौर पर इन प्रोग्राम्स में 6 सब्जेक्ट्स होते हैं। इनमें लैंग्वेज, मैथ्स, साइंस, हिस्ट्री, आर्ट और एक सेकेंडरी लैंग्वेज होती है। इसके आलवा थ्योरी ऑफ नॉलेज यानी TOK के तहत बच्चों को एथिक्स पढ़ाई जाती हैं। इसके अलावा एक्सटेंडेड एसे के तहत बच्चों को अलग-अलग मुद्दों पर लंबे निबंध लिखने होते हैं।

मुंबई के सबसे महंगे 10 स्कूल

1. धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल: मुंबई के बीकेसी इलाके में बना ये स्कूल रिलायंस ग्रुप का है। स्कूल में इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) करिकुलम पढ़ाया जाता है। शीर्ष स्तर की सुविधाओं के अलावा, सख्त एकेडमिक नियमों के लिए स्कूल मशहूर है।

2. इकोले मोंडियेल वर्ल्ड स्कूल: जुहू इलाके में बने इकोले मोंडिएल वर्ल्ड स्कूल को इंटरनेशनल नॉलेज पार्क नाम की कंपनी चलाती है। यह को-एड स्कूल है। इसमें भी इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है।

3. आदित्य बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी: 2010 में आदित्य बिरला वर्ल्ड एकेडमी की शुरुआत हुई थी। यह एक को-एड स्कूल है। इसमें भी इंटरनेशनल बैकलॉरिएट करिकुलम पढ़ाया जाता है।

4. कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल: मुंबई के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल है। इसमें 11वीं और 12वीं क्लास के लिए इंटरनेशनल बैकलॉरिएट करिकुलम के तहत पढ़ाई होती है।

5. सिंगापुर इंटरनेशनल स्कूल: सिंगापुर इंटरनेशनल स्कूल को-एड स्कूल है। इसमें भारतीय और विदेशी बच्चों के लिए आईबी पीवाईपी (इंटरनेशनल बैकलॉरिएट प्राइमरी ईयर्स प्रोग्राम), आईजीसीएसई और इंटरनेशनल बैकलॉरिएट डिप्लोमा प्लान) के तहत पढ़ाई करवाई जाती है।

6. एसेंड इंटरनेशनल स्कूल: कासेगांव एजुकेशन सोसाइटी इस स्कूल को चलाती है। 2015 में शुरू हुए बीकेसी इलाके के इस को-एड स्कूल में इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) करिकुलम के तहत पढ़ाई होती है। इसमें प्री-प्राइमरी से 12वीं तक के बच्चों के लिए तीन आईबी प्रोग्राम्स हैं।

7. बॉम्बे इंटरनेशनल स्कूल: साउथ मुंबई का यह मशहूर स्कूल, इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) और यूनाइटेड किंगडम में कैम्ब्रिज असेसमेंट इंटरनेशनल एजुकेशन (सीएआईई) से एफिलिएटेड है।

8. हिल स्प्रिंग इंटरनेशनल स्कूल: हिल स्प्रिंग इंटरनेशनल स्कूल को नागरिक शिक्षा संस्था ट्रस्ट के तहत चलाया जाता है। इसकी स्थापना 2004 में हुई थी। इस इंटरनेशनल स्कूल में आईबी डिप्लोमा करिकुलम के तहत पढ़ाई होती है।

9. माउंट लिटेरा स्कूल इंटरनेशनल: मुंबई के बीकेसी इलाके में बने माउंट लिटेरा स्कूल इंटरनेशनल में आईबी करिकुलम पढ़ाया जाता है। स्कूल इंटरनेशनल बैकलॉरिएट ऑर्गनाइजेशन (आईबीओ) का मेंबर है। इसमें प्राइमरी से लेकर मिडिल और डिप्लोमा लेवल की पढ़ाई होती है।

10. बीडी सोमानी इंटरनेशनल स्कूल: बीडी सोमानी इंटरनेशनल स्कूल में क्लास 9 और 10 के लिए आईजीसीएसई प्रोग्राम के तहत पढ़ाई होती है। वहीं 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए इंटरनेशनल बैकलॉरिएट डिप्लोमा प्रोग्राम के तहत पढ़ाई होती है।

दिल्ली के 9 सबसे महंगे स्कूल

1. ब्रिटिश स्कूल: दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में बना ये स्कूल इंटरनेशनल करिकुलम पढ़ाता है। ये दिल्ली का सबसे महंगा इंटनेशनल स्कूल माना जाता है।

2. अमेरिकन एम्बेसी स्कूल: चाणक्यपुरी इलाके का ये स्कूल अमेरिकी करिकुलम पढ़ाता है। इसके एकेडमिक प्रोग्राम काफी मुश्किल माने जाते हैं।

प्रवासी समुदाय की जरूरतों को पूरा करने वाला अमेरिकन एम्बेसी स्कूल अपने कठोर शैक्षणिक कार्यक्रमों और विविध पाठ्येतर गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्कूल अमेरिकी पाठ्यक्रम का पालन करता है और शहर के सबसे महंगे स्कूलों में से एक है।

3. द फ्रेंच स्कूल (लाइसी फ्रैंकैस डी दिल्ली): इस स्कूल में फ्रांसीसी करिकुलम पढ़ाया जाता है। यहां एक से ज्यादा भाषाओं के ज्ञान और कल्चरल एक्सचेंज पर ध्यान दिया जाता है।

4. एक्सेलसियर अमेरिकन आईबी स्कूल: ये एक डे-बोर्डिंग स्कूल है, जहां अंतरराष्ट्रीय शिक्षाशास्त्र और यूके के कैम्ब्रिज बेस्ड करिकुलम की पढ़ाई होती है। इसमें आईबी करिकुलम के तहत डिप्लोमा प्रोग्राम भी उपलब्ध है।

5. श्री राम स्कूल: दिल्ली के वसंत विहार इलाके में बना ये स्कूल अपने प्रोग्रेसिव टीचिंग मेथड के लिए मशहूर है। यहां स्टूडेंट्स के ओवरऑल डेवेलपमेंट पर जोर दिया जाता है।

6. थवेज वर्ल्ड स्कूल: अरावली के इस स्कूल का कैंपस बहुत खूबसूरत है। यहां आईबी करिकुलम पढ़ाया जाता है। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड वाले इस स्कूल की फीस भी ठीक-ठाक है।

7. डीपीएस इंटरनेशनल: ये स्कूल दिल्ली के साकेत इलाके में है। दिल्ली पब्लिक स्कूल ग्रुप का ये स्कूल इंटरनेशनल करिकुलम पढ़ाता है।

8. द हेरिटेज स्कूल: दिल्ली के रोहिणी इलाके के इस स्कूल में कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एग्जामिनेशन (CIE) का करिकुलम पढ़ाया जाता है। अच्छी सुविधाओं के अलावा इस स्कूल में कई विदेशी टीचर्स पढ़ाते हैं।

9. पाथवेज स्कूल: पाथवेज स्कूल की एक और ब्रांच नोएडा में है। यह नेशनल कैपिटल रीजन में ही आता है। आईबी करिकुलम पढ़ाने वाला यह स्कूल अपनी नई टीचिंग टेक्नीक के लिए मशहूर है।

इनके अलावा देश के सबसे महंगे स्कूलों में से कुछ उत्तराखंड में हैं। राजधानी देहरादून के दून इंटरनेशनल स्कूल की सालाना फीस करीब 10 लाख रुपए है। भारत के आम लोगों के बच्चों का हाल यह है कि 64% बच्चे सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ते हैं। ऐसी कोई रिपोर्ट भी उपलब्ध नहीं है जो यह बताती हो कि इतनी बड़ी संख्या के पीछे की वजह इन स्कूलों की अच्छी पढ़ाई है। हालांकि साइंस डायरेक्ट जैसी कई रिसर्च कहती हैं कि भारत के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के चलते आम लोगों के बच्चों का एडमिशन बढ़ा है।

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दिल्ली के महंगे स्कूलों पर नर्सरी एडमिशन के लिए मनमानी फीस लेने और हर साल फीस में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी करने के आरोप लगते रहते हैं। दिल्ली के स्कूलों में नर्सरी और केजी की क्लास में एडमिशन की प्रक्रिया में क्या खामियां हैं, मनचाहे तरीके से फीस क्यों बढ़ा दी जाती है, पूरी खबर पढ़िए…

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