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-देहात क्षेत्र में जल रही महुआ अवैध शराब की भट्टी को आबकारी विभाग की टीम ने किया नष्ट
-अवैध शराब के कारोबार में शामिल लोगों की धरपकड़ के लिए आबकारी विभाग ने चलाया अभियान
-20 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद कर 150 किलोग्राम लहन को किया नष्ट, तस्कर गिरफ्तार
-घर, आम के बाग और खेत को बना रहे कच्ची शराब का अड्डा, बचने के लिए गड्ढा खोदकर छिपा रहे शराब की कैन

उदय भूमि
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के देहात क्षेत्र में महुआ कच्ची शराब बनाने का अवैध कारोबार कुटीर उद्योग का रूप लेता जा रहा है। यह शराब वैध दुकानों पर मिलने वाली ब्रांडेड शराब की अपेक्षा काफी सस्ती होती है, जिससे लोग इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं। मगर यह सस्ती शराब लोगों के स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर डाल रही है। इसकी कल्पना करना भी बेहद मुश्किल है। महुआ अवैध शराब के धंधे पर आबकारी विभाग की टीम तो लगातार कार्रवाई कर रही है। मगर इस कार्रवाई में अगर क्षेत्रीय थाना पुलिस भी थोड़ी अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो यह धंधा बहुत पहले ही समाप्त हो चुका होता। सूत्रों का कहना है कि महुआ अवैध शराब के धंधे से जुड़े लोगों को पुलिस की सह प्राप्त है, जिससे उनका हौसला बढ़ जाता है। आबकारी विभाग की टीम ने अपनी कार्रवाई से काफी हद तक देहात क्षेत्र में होने वाले महुआ अवैध के धंधे को बंद करा चुका है। मगर कुछ जगह अभी भी आबकारी विभाग की कार्रवाई के बाद भी अवैध शराब का धंधा बेखौफ के जारी है। इस धंधे में पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं और बच्चों को भी शामिल किया हुआ है। पुरुष और महिलाएं अवैध शराब का निर्माण करती है तो बच्चे निगरानी करने का काम करते है। हर दिन सैकड़ों लीटर कच्ची शराब बनाई जाती है। बाद में सस्ती दर पर बेचने के लिए इसे पाउच में पैक किया जाता है।

अवैध शराब के धंधे से जुड़े लोग कच्ची शराब बनाने के लिए पीने वालों की सेहत दांव पर लगाने से भी नहीं हिचकते हैं। कम कीमत पर ज्यादा नशा देने के लिए नाम मात्र के महुआ के साथ एक लीटर स्प्रिट से साढ़े तीन लीटर कच्ची शराब बनाने के लिए शराब में गुड़ का शीरा मिलाया जाता है। इससे तैयार देसी शराब को पॉलीथिन के पाउच में पैक कर सस्ती दर पर गांवों में बेचा जाता है। मिलावटी देसी शराब पीने से लीवर और गुर्दे के साथ- साथ आंखों की रोशनी और तंत्रिका तंत्र पर भी असर पड़ता है। इसका असर पीने वाले के शरीर पर इतना तेजी से होता है कि उन्हें समझ में नहीं आता और वह मिलावटी शराब के शिकार हो जाते है। कच्ची शराब की रोकथाम के लिए आबकारी विभाग द्वारा समय- समय पर अभियान चलाता रहता है। इसी क्रम में एक बार फिर से आबकारी विभाग की टीम ने महुआ अवैध शराब के धंधे पर प्रहार करते हुए कच्ची शराब से भरे प्लास्टिक के ड्रम बरामद किया है। वहीं अवैध शराब के कारोबार में शामिल एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश के आदेश के क्रम में पुलिस आयुक्त एवं जिलाधिकारी के निर्देशन में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री और तस्करी पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिले में प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। सोमवार सुबह मुखबिर की सूचना पर आबकारी निरीक्षक लक्ष्मी शंकर बाजपेई और उनकी टीम प्रधान/आबकारी सिपाही अजीतपाल सिंह, विजय शंकर,अमित कुमार, अखिलेश, सुषमा, अंजली, स्मिता एवं थाना पीजीआई की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम मवैया एवं बाबूखेड़ा में संदिग्ध घरों, बगीचों, तालाबों के किनारे संदिग्ध स्थानों पर दबिश और छापेमारी की गई। दबिश के दौरान मौके से लगभग 20 लीटर अवैध कच्ची शराब और 150 किलोग्राम लहन बरामद किया गया। बरामद कच्ची शराब को जब्त करते हुए लहन को मौके पर नष्ट कर दिया गया।

वहीं अवैध शराब के निर्माण में शामिल लेखराज पुत्र स्व सुखलाल पासी निवासी बाबूखेड़ा को गिरफ्तार किया गया। जिसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया। पकड़ा गया आरोपी घर में ही अवैध शराब का निर्माण कर रहा था। शराब का निर्माण करने के बाद कच्ची शराब को घर के पीछे झाडिय़ों में ही गड्ढा खोद कर छिपा देता था। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया आबकारी विभाग की टीम द्वारा लगातार कच्ची शराब बनाने वाले और अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसमें हजारों लीटर लहन और कच्ची शराब को नष्ट किया गया है। आम लोग भी कच्ची शराब का बहिष्कार करें। इसके लिए टीम द्वारा जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है। अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी।

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