-735 एकड़ में विकसित होगी सिटी, विदेशी कंपनियों की मदद से धरातल पर उतरेगी परियोजना
उदय भूमि
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे प्रस्तावित हेरिटेज सिटी को कोरिया और वियतनाम की तर्ज पर विकसित करने का सपना जल्द ही पूरा होगा। इसके लिए शासन ने सोमवार को 735 एकड़ में विकसित होने वाली राया हेरिटेज सिटी को मंजूरी दे दी है। अब इससे संबंधित रिपोर्ट यूपी पीपीपीवीईसी (उत्तर प्रदेश पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप विड एबुलेशन कमेटी), मुख्य सचिव और कैबिनेट में रखी जाएगी। इसके बाद डेवलपर कंपनी का चयन किया जाएगा। हेरिटेज सिटी में मथुरा-वृंदावन की सांस्कृतिक धरोहर की झलक देखने को मिलेगी। सलाहकार कंपनी सीबीआरई बिड दस्तावेज को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। विदेशों की तर्ज पर विकसित होने वाली इस सिटी में सहयोग के लिए विदेशी कंपनियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
दरअसल, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अपने अधिसूचित क्षेत्र में राया कट के पास हेरिटेज सिटी विकसित करने की योजना बनाई थी। मगर, इसमें आंशिक बदलाव करते हुए यमुना एक्सप्रेसवे के 101 किमी पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए प्रस्तावित 6.9 किमी लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे हेरिटेज सिटी बसाई जाएगी। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र स्थित बेगमपुर गांव के पास तक बनाया जाएगा, जिसे 1.5 लंबे एलिवेटेड रोड के जरिए यमुना नदी पर सेतु निगम की ओर से बनाए जा रहे पुल से जोड़ा जाएगा।
पहले चरण में 100 मीटर चौड़ा यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, भविष्य में इसे आठ तक किया जा सकता है। हेरीटेज सिटी में इलेक्ट्रिक बस डिपो, ईवी का बड़ा हब, कथावाचनालय, हाट बाजार, लाइट साउंड शो, हस्तशिल्प बाजार, आश्रम, घाट, वन, लेक एंड वाटरबॉडी, मथुरा कला ताथा संस्कृति, योगा केंद्र एंड प्राकृतिक चिकित्सालय, पार्क, ध्यानकेंद्र, धर्मशाला, चिकित्सालय आदि होंगे। हेरिटेज सिटी राया अर्बन सेंटर मास्टर प्लान-2031 का हिस्सा है। मास्टर प्लान को भी बीते सप्ताह मंजूरी मिल चुकी है। 735 एकड़ में विकसित होने वाली हेरिटेज सिटी को विकसित करने में 6300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे।
एलाइमेंट में किया बदलाव
प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की दाईं ओर हेरिटेज सिटी विकसित की जाएगी। इसके विपरित बाईं तरफ दूसरी परियोजना के लिए आरक्षित किया गया है। पहले राया कट के पास से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी थी, लेकिन मार्ग में कई गांवों की अधिक आबादी आ रही थी, इसलिए एलाइमेंट में परिवर्तन करते हुए नई डीपीआर तैयार की गई है। परियोजना में अरूवा खादर, भीम खादर, डांगरौली खादर, पानी गांव खादर, पिपरौली, जहांगीरपुर खादर व बेगमपुर खादर समेत गांव आ रहे हैं। इन गांवों के विकास का खाका भी तैयार किया जा रहा है।
विधवा और सन्यासियों के लिए बनेंगे आठ हजार फ्लैट
इस योजना के तहत प्राधिकरण विधवाओं और सन्यासियों के लिए 8000 फ्लैट्स बनाएगा। विदेशी पर्यटकों के ठहरने के लिए यहां पर विशेष इंतजाम किए जाएंगे। इसके अलावा कुछ-कुछ दूरी पर पार्किंग हब बनाकर यातायात की समस्या से निजात दिलाने की योजना है। हेरिटेज सिटी में जल स्रोतों को संरक्षित करने की खास योजना है। इसमें 30-30 मीटर का बफर जोन बनाकर इन्हें संरक्षित किया जाएगा।
विदेशी कंपनियां आ सकती हैं आगे
इस परियोजना की डीपीआर तैयार करने से पहले परामर्शदाता कंपनी ने उन कंपनियों से भी संपर्क किया था, जो वियतनाम, इंडोनेशिया और कोरिया समेत अन्य देशों में हेरिटेज विकास का काम कर चुकी हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि वैश्विक निविदा निकालने पर इसके विकास के लिए भी विदेशी कंपनियां भी आ सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
हेरिटेज सिटी से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलने की पूरी उम्मीद है। धार्मिक नगरी मथुरा, वृंदावन और आगरा के साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की इसमें अहम भूमिका होगी। यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते ताजमहल का दीदार करने के लिए आगरा जाने वाले लोगों को हेरिटेज सिटी के रूप में एक प्रमुख पर्यटन स्थल मिल जाएगा। इससे वृंदावन को भी फायदा होगा। यहां कथा वाचनालय का निर्माण किया जाएगा।
दौंड़ेगी इलेक्ट्रिक बसें
राया हेरिटेज सिटी में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए 14 एकड़ में बस डिपो का निर्माण प्रस्तावित है। इससे सुगम यातायात के साथ वायु प्रदूषण की समस्या से भी काफी हद तक निजात मिलेगी। डीपीआर में इसका विशेष से प्रावधान किया गया है। प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आने वाले गांव बेगमपुर के पास 12 हेक्टेयर में पार्किंग बनाई जाएगी।
राया हेरिटेज सिटी को शासन से मंजूरी मिल चुकी है। इसकी राह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो गई है। अब यूपी पीपीपीवीईसी, मुख्य सचिव और कैबिनेट की मंजूरी के बाद विकासकर्ता कंपनी के चयन के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हेरिटेज सिटी में सांस्कृतिक धरोहर की झलक दिखेगी। 735 एकड़ में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी के बिड दस्तावेज तैयार किए जाएंगे। जल्द ही परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए कंपनी का चयन कर लिया जाएगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह,
सीईओ यमुना प्राधिकरण
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