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राकेश शर्मा , अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अनुज कुमार

Updated Mon, 04 Nov 2024 07:35 AM IST

सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों में नई जान आ रही। एम्स के बाल चिकित्सा विभाग में बाल न्यूरोलॉजी प्रभाग की प्रमुख प्रोफेसर डॉ. शेफाली गुलाटी ने बताया कि ट्रायल के दौरान बच्चे के मस्तिष्क के प्रभावित हिस्से की पहचान की जाती है।


Delhi AIIMS
– फोटो : ANI



विस्तार


सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के मस्तिष्क से विकार दूर कर एम्स इनके हाथों-पैरों में नई जान ला रहा है। इन बच्चों में होने वाली जटिलता को दूर करने के लिए एम्स ने थ्रासथेनियल मैग्नेटिक सिमुलेशन मशीन की मदद ली है। 5 से 18 साल के 23-23 बच्चों पर इसका ट्रायल किया। परिणाम बेहतर मिले हैं। 

विशेषज्ञ का कहना है कि सेरेब्रल पाल्सी एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो मस्तिष्क की विकास में असामान्यताओं के कारण होता है। देश में यह रोग एक हजार में से तीन बच्चों में होने की आशंका रहती है। इसके लक्षण उम्र बढ़ने के साथ दिखने लगते हैं। ऐसे बच्चों के मस्तिष्क में हुए नुकसान को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन ट्रायल के परिणाम सेे उसमें सुधार की उम्मीद जगी है। इसकी मदद से बच्चों में होने वाली जटिलताएं कम होती है। 

इसके बाद प्रभावित के विपरीत हिस्से के ऊपर थ्रासथेनियल मैग्नेटिक सिमुलेशन मशीन को लगाया जाता है। इससे मैग्नेटिक फिल्ड बनता है जो प्रभावित हिस्से में सुधार का कारण बनता है। ट्रायल के दौरान ऐसे बच्चों में सुधार देखा गया जो हाथ-पैर को हिला नहीं पाते थे। 

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