काम की बात…
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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के साथ लोगों में सांस लेने सहित मानसिक व अन्य कई तरह की समस्याएं बढ़ने लगी हैं। इन समस्याओं से बचने में योग मददगार हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में सुबह और शाम के समय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर पर रहता है।
ऐसे में घर से बाहर निकलना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। खासकर बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती और पहले से बीमार लोगों की स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसी परिस्थिति में योग फेफड़ों को मजबूत कर सकता है। इससे शरीर में उचित ऑक्सीजन पहुंचेगी और विषैले व प्रदूषण तत्व शरीर से बाहर निकलेंगे। रक्त प्रवाह में भी सुधार होगा। योग से शरीर को नई ऊर्जा व शक्ति मिलती है।
एम्स के एनाटॉमी विभाग की प्रो. डॉ. रीमा दादा ने बताया कि सुबह और शाम के समय वातावरण में प्रदूषक कण काफी अधिक हैं। इस दौरान बाहर टहलने पर नुकसान हो सकता है। इससे बचाव के लिए विशेषज्ञ की सलाह पर घर में योग कर सकते हैं। शरीर की जरूरत के आधार पर योग की कई क्रियाएं शरीर को प्रदूषण से लड़ने योग्य बनाती हैं। यदि हम प्राणायाम करते हैं तो फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
योग फेफड़ों से विषैले पदार्थ और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालता है। साथ ही, प्रचुर मात्रा में शरीर में ऑक्सीजन मिलती है। ब्राह्मणी प्राणायाम करने से नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर बढ़ता है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। फेफड़ों को मजबूत करने के लिए अच्छी तरह से सांस लेकर कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकाल सकते हैं।
बढ़ गई है सांस लेने की दिक्कत
पल्मोनरी विभाग के डॉक्टरों का कहना है प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ लोगों में सांस लेने की दिक्कत बढ़ गई है। यह ऐसे लोगों में भी दिख रही है जिन्हें पहले कोई बीमारी नहीं थी। वहीं अस्थमा, सांस के मरीज में यह खतरनाक हो गई है। डॉक्टरों का सुझाव है कि दवा को बंद न करें। समस्या बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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