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-अवैध शराब पर आबकारी विभाग की सख्ती, जीएसटी व प्रवर्तन मेरठ की टीम ने संभाला मोर्चा
-शराब तस्करों के साथ शराब विक्रेताओं पर भी शिकंजा कसने की तैयारी
-दिवाली में अवैध शराब का कारोबार करने वाले और ओवर रेटिंग करने वालों की नहीं होगी खैर

उदय भूमि
गाजियाबाद। पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी और जिले में अवैध शराब का कारोबार करने वालों पर आबकारी विभाग ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। आगामी कुछ दिनों में दिवाली का त्योहार है। दीवाली के नजदीक आते शराब की खपत और तस्करी दोनों बढ़ जाती है। यह हाल किसी एक जनपद का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश का है। इस दौरान शराब माफियाओं के भी हौसले बुलंद हो जाते हैं। वह अपने अवैध शराब के धंधे को चमकाने के लिए नए-नए तरीकों का इजाद करते है। हालांकि अभी तक गाजियाबाद जिले में शराब माफिया अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकेंं। जिलेे में बाहरी राज्यों से शराब तस्करी को रोकने के लिए आबकारी अधिकारी ने विशेष अभियान शुरु किया है। जिसे ऑपरेशन चक्रव्यूह का नाम दिया गया है। यह अभियान शराब तस्करों के साथ जिले में विक्रेताओं के साथ अवैध वसूली और ओवर रेटिंग करने वाले शराब विक्रेता के साथ बिना लाइसेंस के शराब पिलाने वाले बार व रेस्टोरेंट संचालकों के खिलाफ तैयार किया गया है।

अभियान के तहत आबकारी विभाग के साथ प्रवर्तन मेरठ और जीएसटी की टीमें और थाना पुलिस को भी इसमें शामिल किया गया है। चारों विभागों की चौकड़ी अब ऑपरेशन चक्रव्यूह के तहत शराब तस्करों के संगठित नेटवर्क को तोडऩे का काम करेंगी। शराब तस्करों को सबक सिखाने के साथ-साथ ओवर रेटिंग का खेल करने वाले विक्रेताओं पर अपनी नकेल कसने के लिए आबकारी अधिकारी खुद मैदान में उतरते नजर आ रहे है। सरकारी कामकाज के बीच खुद सड़कों पर टीम के साथ चेकिंग और टीम द्वारा की जा रही कार्रवाई का जायजा लेने के साथ दुकानों का औचक निरीक्षण कर रहे है। दिवाली का त्योहार नजदीक आते ही इस बीच कुछ लोग अवैध वसूली करने के लिए सक्रिय होते नजर आ रहे है। जो कि आबकारी विभाग को बदनाम करने की नीयत से बिना किसी तथ्यों के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर देते है और जब विभाग शिकायत की पुष्टि करने के लिए उनसे संपर्क करता है तो सामने आने से बचते है। मगर अब ऐसा नहीं होगा, ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए ही आबकारी अधिकारी ने खुद इसकी कमान संभाल ली है।

अवैध शराब के कारोबार में शामिल तस्कर, अवैध वसूली करने वाले ब्लैकमेल और विभाग की छवि धूमिल करने वाले शराब विक्रेता अब अपनी करतूतों से बच नहीं सकेेंगे। जिला आबकारी अधिकारी के सख्त निर्देश है कि अवैध रूप से लाई जाने वाली शराब के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। यदि कोई भी अधिकारी-कर्मचारी अवैध रूप से शराब की रोकथाम को लेकर कोताही बरतता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। आबकारी विभाग की छवि को धूमिल करने वालों को बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाए। इसके लिए अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई करें। अन्य राज्यों से अवैध तरीके से शराब के रूप में एक बोतल भी प्रदेश से नहीं गुजरनी चाहिए। अवैध तरीके से आपूर्ति की जा रही शराब पर पूर्ण लगाम के लिए अन्य विभागों के साथ बेहतरीन तालमेल कर कार्रवाई करनी होगी। साथ निजी हित के लिए शराब विक्रेताओं को परेशान करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए अभियान चलाया जाए। क्योंकि ऐसे लोग अक्सर रात के समय और भीड़भाड़ वाली दुकानों पर पहुंच कर ही अपने कार्यों को अंजाम देते है और ऐसे में शिकायत की जांच करना बेहद मुश्किल होता है। शिकायत करने वालों की शिकायतों की जांच के लिए उनसे संपर्क करें और तथ्यों की मांग करें। अगर वह तथ्यों नहीं देता और जांच में सहयोग नहीं करता है तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई के आबकारी अधिकारी ने निर्देश दिए है।

अवैध शराब को लेकर आबकारी विभाग के साथ जीएसटी की टीम ने संभाला मोर्चा
जिला आबकारी संजय कुमार प्रथम ने बताया त्योहारी सीजन के दौरान अवैध शराब की तस्करी, निर्माण और बिक्री के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान तेज कर दिया है। अभियान के तहत आबकारी विभाग के निरीक्षक मनोज शर्मा, अखिलेश बिहारी वर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, डॉ. राकेश त्रिपाठी, अनुज वर्मा और अभय दीप सिंह के साथ जीएसटी की टीमें भी लगातार दबिश एवं चेकिंग कर रही है। मंगलवार को आबकारी निरीक्षक और राज्य कर सचल दल प्रभारी विनय कुमार शुक्ला की टीम द्वारा  ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे डासना टोल प्लाजा पर चेकिंग अभियान चलाया गया। चेकिंग के दौरान टोल पर आने वाले सभी वाहनों की गहनता से तलाशी ली गई और वाहन चालकों को अन्य राज्य की शराब मिलने पर कार्रवाई के लिए चेतावनी दी गई।

अवैध शराब के विरुद्ध अभियान लगातार जारी है। शराब तस्करों से निपटने के लिए विभाग की तरफ से तैयारी पहले ही पूरी कर ली गई थी। बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी और क्षेत्र में चोरी-छिपे शराब तस्करी करने वाले तस्करों के खिलाफ आबकारी विभाग की टीमें लगातार चेकिंग एवं दबिश दे रही है। साथ ही मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है। आबकारी विभाग की टीम द्वारा यूपी बॉर्डर, सीमापुरी बॉर्डर, लोनी बॉर्डर के साथ-साथ ईस्टर्न पेरिफेरल डासना और दुहाई टोल पर लगातार वाहनों की चेकिंग कर रही है। गाजियाबाद दिल्ली की सीमा से सटा होने के कारण शराब तस्करी की अधिक आशंका रहती है। मगर पिछले कुछ समय से आबकारी विभाग द्वारा की गई सख्ती के बाद शौकीनों का भी दिल्ली की शराब से मोह भंग हो गया है।

आबकारी विभाग की छवि को धूमिल करने वाले जाएंगे जेल
अवैध शराब के कारोबार पर अपना शिकंजा कसने के लिए आबकारी विभाग की टीमें लगातार शराब की दुकानों का औचक निरीक्षण कर रही है। साथ ही 10, 5 रुपये के लिए आबकारी विभाग की छवि को धूमिल करने वाले शराब विक्रेताओं पर नकेल कसने के लिए जिला आबकारी अधिकारी ने टीम के साथ अपनी कार्रवाई भी तेज कर दी है। एक तरफ जहां प्रतिदिन आबकारी निरीक्षक दुकानों का औचक निरीक्षण कर रहें है तो दुसरी आबकारी अधिकारी भी खुद दुकानों की चेकिंग के साथ किसी-किसी दुकान पर खुद ग्राहक बनकर शराब खरीद कर इसकी पुष्टि कर रहे है कि कहीं कोई विक्रेता शराब पर अंकित मूल्यों से अधिक की वसूली तो नहीं कर रहा है। आबकारी विभाग की टीमों के साथ प्रवर्तन मेरठ की टीम ने भी जिले में दस्तक दे दी है। प्रवर्तन मेरठ की टीमें भी लाइसेंसी शराब की दुकानों पर पहुंच कर ओवर रेटिंग करने वाले शराब विक्रेताओं पर अपनी नजर बनाए हुए है। जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि पिछले कुछ दिन से सोशल मीडिया के माध्यम से शराब पर ओवर रेटिंग की शिकायत मिल रही थी।

शिकायत की पुष्टि के लिए जब शिकायतकर्ता से संपर्क कर उन्हें मौके पर बुलाया जाता है तो वह आने से बचता है और जब दुकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाती है तो मामला फर्जी पाया जाता है। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए आबकारी विभाग की टीमें अब दुकानों के बाहर मौजूद रहेंगी और फर्जी शिकायत करने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। साथ ही शराब विक्रेताओं को भी सख्त चेतावनी दी गई है कि जिले में शराब पर ओवर रेटिंग बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। नियमानुसार शराब की बिक्री करें। दिवाली का त्योहार है, ऐसा न हो कि 10, 5 रुपये का लालच आपको जेल की हवा खिला दें और साथ ही भविष्य में फिर से शराब की दुकानों पर काम भी न कर सकें। फिलहाल दुकानों पर चेकिंग के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। विक्रेताओं को पॉश मशीन से स्कैन करने के बाद ही शराब बेचने के निर्देश दिए गए है।

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