नई दिल्ली. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में अपनी जिम्मेदारियों से रिटायर्ड हो रहे हैं. इसके बाद जस्टिस खन्ना उनकी जगह लेंगे. सीजेआई ने शनिवार को राम जन्मभूमि को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया, जिसपर अब सियासत भी खुलकर होने लगी है. उन्होंने कहा कि अयोध्या मुद्दे के समाधान के लिए वो भगवान से प्रार्थना किया करते थे. तब बाबरी मस्जिद और श्रीराम जन्म भूमि को लेकर सदियों से विवाद चला आ रहा था. कोर्ट के फैसले के बाद इसी साल राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई. कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने सीजेआई के बयान की जमकर आलोचना की.
उदित राज ने कहा कि चीफ जस्टिस ने अन्य बड़े मुद्दों जैसे कि आम नागरिकों को बिना वित्तीय बोझ के न्याय दिलाना या ईडी-सीबीआई व आयकर विभाग (IT) जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग के समाधान के लिए प्रार्थना की होती, तो इन मुद्दों का भी समाधान हो सकता था. CJI चंद्रचूड़ ने कहा था कि उन्होंने भगवान के सामने अपने घर में बैठकर राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान खोजने की प्रार्थना की थी. साल 2019 में तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने उक्त जमीन पर राम मंदिर बनाने के पक्ष में फैसला सुनाया था. उस बैंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे.
उदित राज ने क्या कहा?
उब उनके बयान पद उदित राज ने कहा, “चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ जी ने कहा कि उन्होंने अयोध्या मुद्दे के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी. अगर उन्होंने कुछ और मुद्दों के लिए प्रार्थना की होती तो वे भी हल हो जाते, जैसे आम आदमी को बिना पैसे के हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिल सकता है. ईडी, सीबीआई और आईटी का दुरुपयोग बंद हो जाता.” बता दें कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद साल 1822 से लंबित है. साल 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद में 2.77 एकड़ जमीन राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट को सौंप दी गई. अदालत ने सरकार को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 1992 में ध्वस्त की गई बाबरी मस्जिद के स्थान पर एक अन्य मस्जिद बनाने के लिए अन्य स्थान पर 5 एकड़ वैकल्पिक भूमि देने का भी आदेश दिया.
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