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-प्रमुख सचिव ने उद्यमियों के साथ बैठक कर विस्तार से सुनी उनकी समस्याएं

गाजियाबाद। जनपद के उद्यमियों की समस्याओं और शिकायतों का प्राथमिकता पर अधिकारी निस्तारण करें। उद्यमी अपनी समस्याओं के साथ समाधान भी बताएं। उस पर विचार-विमर्श कर शीघ्र निस्तारण भी किया जाएगा। शनिवार को यह बातें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बैठक के दौरान कहीं। शनिवार को प्रमुख सचिव आलोक कुमार कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए बैठक करने के लिए पहुंचे थे। कलेक्ट्रेट में पहुंचने पर प्रमुख सचिव आलोक कुमार का पुलिसकर्मियों ने गार्ड ऑफ ऑनर किया। जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने प्रमुख सचिव को गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया। प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने अतिरिक्त आयुक्त उद्योग प्रोत्साहन मेरठ मंडल गरिमा सिंह, जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक, जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में उद्यमियों की समस्याएं सुनीं। बैठक के दौरान उद्यमियों ने यूपीसीडा से आवंटित लीज होल्ड भूखंडों को फ्री होल्ड किए जाने की मांग की।

जनपद गाजियाबाद का औद्योगिक परिदृश्य
प्रमुख सचिव को सर्वप्रथम पीपीटी के माध्यम से जनपद गाजियाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों का अवलोकन कराया गया। जिसमें जनपद में स्थापित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस एवं ट्रेडिंग समेत कुल 1,42,748 औद्योगिक इकाई जनपद में एमएसएमई के अंतर्गत हैं। इन औद्योगिक इकाइयों में लगभग 10,22,322 लोग रोजगार प्राप्त हैं। इसके अलावा जनपद में लगभग 45 वृहद औद्योगिक इकाईयां स्थापित है, जिनमें प्रमुख रूप से हमदर्द लैबोरेट्री लिमिटेड, पार्ले एग्रो, अम्बिका स्टील, टाटा स्टील, भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड आदि शामिल हैं। जनपद में स्थापित निर्यात इकाइयों तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में किए गए कुल निर्यात 4811 करोड़ रुपए के बारे में भी अवगत कराया गया।

प्रमुख सचिव को उद्यमियों ने गिनाई समस्या
बैठक में प्रमुख सचिव के समक्ष उत्तर प्रदेश उद्यमी विकास संघ के अध्यक्ष उपेन्द्र गोयल ने रूग्ण इकाइयों के पुर्नवासन के संबंध में अनुरोध करते हुए अवगत कराया कि कोई औद्योगिक इकाई विलंब से भुगतान, अत्याधिक टैक्स व किसी आकस्मिक दुर्घटना में हुए जानमाल एवं भवन तथा निर्मित उत्पाद के क्षय होने पर रूग्ण हो जाती हैं, तो ऐसी औद्योगिक इकाइयों को बैंक व प्रदेश सरकार द्वारा पुनर्वासन के लिए कोई नीति निर्गत नहीं है। इसके लिए नीति बनाने की मांग गई। संघ के प्रतिनिधि संजीव सचदेवा ने अवगत कराया कि औद्योगिक इकाइयों को स्थापित एवं संचालित करने के लिए विभिन्न विभागों से अनापत्ति पत्र,मानचित्र स्वीकृति प्राप्त करनी होती है, जिन्हें प्राप्त करने के लिए सभी विभागों के नियमानुसार अलग-अलग रूप में मानचित्र की डिमांड की जाती है। इससे उद्यमियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।

औद्योगिक क्षेत्र के भूखंडों को लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने की उद्यमियों ने की मांग
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के औद्योगिक क्षेत्र के भूखंडों को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने की मांग की गई। इस प्रमुख सचिव को यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदीप कुमार सत्यार्थी ने अवगत कराया कि इस प्रकरण में शासन स्तर पर कार्रवाई प्रचलित हैं। जनपद के उद्यमियों को यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी द्वारा शीघ्र कार्रवाई एवं निर्णय का आश्वासन दिया जा चुका हैं। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रतिनिधियों द्वारा उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु सहमति प्रमाण पत्र प्राप्त करते समय पुरानी औद्योगिक इकाईयों को पूर्व के वर्षों के शुल्क पर छूट प्रदान कराए जाने के लिए ओटीएस स्कीम समाधान योजना चलाए जाने की मांग की गई। साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जनपद के औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों, नाले-नालियों एवं जल निकासी आदि की समस्याएं भी प्रमुख सचिव के समक्ष रखी। यूपीसीडा के उप महाप्रबंधक ने अवगत कराया कि यूपीसीडा द्वारा नगर निगम को हस्तांतरित सभी औद्योगिक क्षेत्रों को वापस यूपीसीडा में सम्मिलित किया जा रहा है।

इनमें जल्द ही निर्माण कार्य कराएं जाएंगे। लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष अमरीश गोयल ने मुरादनगर एवं मोदीनगर क्षेत्र के पावरलूम बुनकरों की विद्युत संबंधी समस्याओं के साथ प्रदेश सरकार द्वारा पावरलूम बुनकरों को फ्लेटिड रेट पर प्रदान की गई विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष भुगतान के लिए लंबित धनराशि का भुगतान विद्युत विभाग को कराए जाने की मांग की। विद्युत विभाग को बुनकरों के विद्युत भार बढ़ाए जाने और कनेक्शन पीडी करने के संबंध में निर्देशित किया गया। गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष अरूण शर्मा ने अवगत कराया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही गैस आधारित जेनरेटर पर अनुदानित योजना चलाई गई है। इसमें मध्यम उद्योगों को आच्छादित नहीं किया गया है। सिर्फ माइक्रो एवं स्माल श्रेणी की इकाइयों को ही शामिल किया गया हैं। इस योजना में मध्यम श्रेणी को भी शामिल किए जाने की प्रमुख सचिव से मांग की गई। औद्योगिक संगठन के पदाधिकारियों द्वारा जनपद के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता कराए जाने की भी मांग की गई।

प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने उद्यमियों की समस्याएं सुनते हुए लिखित में आवेदन भी स्वीकार किए। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके साथ ही शासन स्तर से उद्यमियों की समस्याओं का शीघ्र निदान का आश्वासन भी दिया। उद्यमियों से संबंधित कार्यों में कोई भी अड़चन आ रही है तो हमें अपनी समस्या के साथ-साथ समस्या का समाधान किस प्रकार से किया जाए। उसका विकल्प भी बताएं। बैठक में उत्तर प्रदेश उद्यमी विकास संघ के अध्यक्ष उपेंद्र गोयल, संजीव सचदेवा, मंजीत सिंह,मनोज शर्मा, विश्वेंद्र गोयल, बृजेश अग्रवाल, लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष अमरीश गोयल, आईएएमए के अध्यक्ष सुशील अरोड़ा, अमृत स्टील कंपाउंड के सत्यभूषण अग्रवाल, आईआईए के राकेश अनेजा, मनोज अग्रवाल, लोहा विक्रेता मंडल अध्यक्ष अतुल जैन, हर्षा कंपाउंड अजीत सिंह नंदा, आनंद इंडस्ट्रियल एस्टेट किरण पांचाल, कविनगर इंडस्ट्रियल एरिया अध्यक्ष अरुण शर्मा, साहिबाबाद इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन साइट-4 मुकेश गुप्ता, साहिबाबाद ट्रांस हिंडन एसोसिएशन अशोक चौधरी, इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ  एमएसएमई अरूण गुप्ता, मैसर्स चित्रा रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड से संजय त्यागी समेत अन्य उद्यमी बैठक में उपस्थित रहे।

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