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नियम तार-तार
– फोटो : अमर उजाला

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प्रदूषण विभाग ने नोएडा-ग्रेनो में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण लागू होने के बाद मंगलवार को प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई की। नोएडा में आठ व ग्रेनो में दो स्थानों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगाकर कुल पांच लाख रुपये वसूले गए। सभी जगहों पर मानकों का उल्लंघन कर काम कराया जा रहा था। 

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नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के किनारे सड़क निर्माण कार्य के दौरान प्राधिकरण के ठेकेदार पर 50 हजार व फ्यूटेक गेटवे सेक्टर-175 के सामने मुख्य रोड के किनारे डिवाइडर पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान प्रदूषण फैलाने पर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया। 

इसी तरह से उद्योग निर्माण इकाई के निर्माण कार्य के दौरान सेक्टर-10 में दो स्थानों पर 50-50 हजार, सेक्टर-117 सीवेज पंपिंग स्टेशन के सामने एसटीपी ट्रीटेड वाटर की भूमिगत पाइपलाइन के कार्य, सेक्टर-122 के डीपीएस, सेक्टर-72 पुलिस चौकी सर्फाबाद के पास भूमिगत विद्युत पाइपलाइन डालने के कार्य और सेक्टर-44 में एक इमारत के निर्माण कार्य के दौरान प्रदूषण के मानकों के उल्लंघन पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया। नोएडा में आठ स्थानों पर कुल चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। 

n    वहीं, ग्रेनो के जगत फार्म और कैलाश अस्पताल के पास निर्माणाधीन दो नए फुटओवर ब्रिज के दौरान प्रदूषण फैलाने पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ग्रेनो की टीम ने प्राधिकरण की निर्माणाधीन एजेंसी के ठेकेदार के खिलाफ 50-50 हजार का जुर्माना लगाया। सोमवार को निरीक्षण के समय जगत फार्म, गामा-1 के सामने फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के दौरान मिट्टी खुले में पड़ी मिली। निर्माण कार्य के दौरान जल छिड़काव एवं ग्रीन नेट नहीं लगाया था। ऐसे में कैलाश अस्पताल के सामने ठेकेदार वर्द्धमान कौशिक पर जुर्माना लगाया गया। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उत्सव शर्मा और डीके गुप्ता ने कहा कि मानकों के उल्लंघन पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

500 ई-बसें चलाने की तैयारी

प्रधानमंत्री ई-बस योजना से नोएडा, ग्रेनो व यमुना सिटी की आपस में कनेक्टिविटी और सार्वजनिक परिवहन के तौर पर बसें चलाने की योजना आगे बढ़ी है। शासन की ओर से नगर विकास विभाग ने योजना के लिए टेंडर प्रस्ताव (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) का प्रारूप तैयार कर तीनों प्राधिकरणों को सहमति के लिए भेजा है। 

साथ ही, अगर प्राधिकरण की कोई आपत्ति या सुझाव हैं तो वह भी मांगे गए हैं। तीनों प्राधिकरणों से जवाब मिलने के बाद शासन स्तर से ही जिले में 500 बसें चलाने का टेंडर प्रस्ताव जारी कर एजेंसी का चयन किया जाएगा। 

पिछले दिनों नगर विकास विभाग के साथ तीनों प्राधिकरणों की बैठक हुई थी। नोएडा क्षेत्र में 200 और ग्रेनो व यीडा क्षेत्र के लिए 150-150 बसें प्रस्तावित की गईं हैं। शहर में सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था न होना लंबे समय से समस्या बना हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि जिले के लिए पीएम ई-बस योजना से बसों की मांग की गई थी। केंद्र से इस मांग पर राज्य को प्रस्ताव मिला था। इसमें यह कहा गया कि जो भी एजेंसी बसें चलाएगी, उसे किराये से होने वाली आय और खर्च के बीच के अंतर का वहन करना होगा। जिले के हिसाब से यह खर्च शासन को देना पड़ता।

शासन स्तर से इंकार भी हो गया था, लेकिन जरूरत को देखते हुए तीनों प्राधिकरणों ने प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए कहा। अब तक तैयार हुई योजना में ये बसें ज्यादा बड़ी न रखकर 9 व 12 मीटर की सिंगल फ्लोर रखी गई हैं, इन्हें लेकर जो फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हुई है उसके हिसाब से तीनों प्राधिकरण क्षेत्रों में आय और खर्च के बीच के अंतर के तौर पर करीब 62 रुपये प्रति किलोमीटर प्राधिकरण को देने होंगे।टेंडर प्रस्ताव के तैयार हुए प्रारूप में इस खर्च पर प्राधिकरण से सहमति या आपत्ति-सुझाव मांगे गए हैं। 

प्राधिकरणों ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। प्राधिकरण ने अपनी सलाहकार एजेंसी से इस योजना पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। एजेंसी प्रस्तावित खर्च पर बसों की उपयोगिता को लेकर रिपोर्ट देगी।

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