Image Slider

बेंगलुरू. महान रिचर्ड हैडली के बाद टिम साउदी न्यूजीलैंड के दूसरे ऐसे गेंदबाज बनेंगे जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट का आंकड़ा पूरा किया हो. न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान अभी 18 विकेट दूर हैं. भारत के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच बेंगलुरु में खेला जाने वाला है जहां 2012 में साउदी ने एक पारी में 7 विकेट झटके थे. क्रिकेट से जुड़े कई अहम मुद्दों पर हमने टिम साउदी से ख़ास बात चीत की. टिम साउदी ने एक हफ्ते पहले ही न्यूजीलैंड की कप्तानी छोड़ी है.

  • आपकी टीम ने भारत में 1988 के बाद से कोई टेस्ट नहीं जीता है और सीरीज तो खैर कभी जीते ही नहीं. ऐसे में ये कितनी मुश्किल चुनौती है?

    देखिये, हमलोग इस सीरीज को लेकर काफी उत्साहित हैं. ये सच है कि भारत का दौरा हमेशा से कठिन रहा है. जैसा कि आपने बताया कि हमें यहां बहुत ज़्यादा कामयाबी अतीत में नहीं मिली है. ज़ाहिर सी बात है कि मेज़बान बहुत तगड़ी टीम है और ना सिर्फ टेस्ट फॉर्मेट बल्कि क्रिकेट के हर फॉर्मेट में उनका दबदबा है. निश्चित तौर पर ये मुश्किल चुनौती है क्योंकि कीवी क्रिकेटर होने के तौर पर ये कह सकता हूं कि यहां की पिचें हमारे देश से बिलकुल जुदा है. लेकिन, पिछले कुछ महीनों से हम उप-महाद्वीप के दौरे पर हैं और यहां की पिचों और मौसम के अभ्यस्त हो रहे हैं.

  • टेस्ट क्रिकेट के 4 बेहद धाकड़ बल्लेबाज़ों में से एक केन विलियम्सन आपकी टीम में हैं लेकिन फिलहाल अभी टीम से जुडे नहीं है. विराट कोहली का खेल हाल के सालों में जो रूट की तरह दबदबे और तहलका मचाने वाला नहीं रहा है. जिसकी काफी चर्चा होती है. आप पूरे मुद्दे को कैसे देखते हैं?

    देखिये, कोहली असाधारण खिलाड़ी हैं. उनका रिकॉर्ड इस बात की गवाही देता है. वो अपने खेल का स्तर इतना ऊंचा ले जा चुके हैं कि उसमें थोड़ी सी भी गिरावट आती है तो लोग बात करना शुरू कर देते हैं. वो ऐसी बातों को कई बार अपने करियर में देख चुके हैं और शानदार वापसी की है और यही वजह है कि वो फैब फोर का हिस्सा हैं. कोहली ना सिर्फ टेस्ट बल्कि क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में तगड़ा खेलते हैं. हाल के सालों में रूट ने टेस्ट क्रिकेट में दबदबा हासिल किया है और विलियम्सन भी बहुत पीछे नहीं हैं. एक गेंदबाज के तौर पर मैं हमेशा बेहतरीन खिलाड़ियों के खिलाफ खुद को चुनौती देना पसंद करता हूं और कोहली जैसे शानदार खिलाड़ी के सामने आपको हमेशा रोमांच महसूस होता है.

  • आपके हिसाब से लीडरशिप की क्या परिभाषा होती है?

    लीडरशिप की परिभाषा अलग माहौल और अलग-अलग देशों में जुदा होती है. अलग-अलग तरीके की लीडरशिप भी होती है. हमारे लिए लीडरशिप का मतलब लोगों को बेहतर तरीके से जानने और समझने का है. और उसके बाद उनसे सर्वश्रेष्ठ खेल हासिल करना होता है.

  • भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के बारे में आपकी क्या राय है. उनकी लीडरशिप कैसी दिखती है आपको?

    जब आप रोहित को देखते हैं तो आपको समझ में आता है कि वो बेहद शांत किस्म के कप्तान हैं. मैं उनके साथ मुंबई इंडियंस में खेला हूं. वो खेल की बारीकियों को बखूबी समझते हैं. निश्चित तौर पर उन्हें साथी खिलाड़ियों का सम्मान हासिल है. कई मायनों में देखा जाए तो उदाहरण के तौर पर कोहली जैसे कप्तान से बिलकुल अलग दिखते हैं. कोहली बेहद जूनूनी हैं और उन्हें भी साथी खिलाड़ियों से वैसा ही सम्मान हासिल है. मेरे हिसाब से आपको अपनी शैली हासिल करनी पड़ती है क्योंकि लीडरशिप का कोई सही और कोई गलत तरीका नहीं होता है. आपको ऐसा सामंजस्य बिठाना पड़ता है कि आप अपने साथियों से उनका सबसे बेहतरीन खेल हासिल कर पाएं.

  • आप अपने करियर के शुरुआती दौर में भारत का दौरा करते होंगे तो आपको लगता होगा कि ये स्पिनरों वाला मुल्क है लेकिन अब तो तीन तेज गेंदबाज़ भारतीय पिचों पर भी खेल सकते हैं. इस बदलाव को आप कैसे देखते हैं ख़ासकर ये देखते हुए कि जसप्रीत बुमराह इस टीम के लीडर हैं आक्रमण के?

  • फिलहाल इंडिया के पास एक या दो नहीं बल्कि तीन शानदार स्पिनर हैं और टीम का तेज गेंदबाज़ी आक्रमण भी ग़जब का है. बुमराह, शमी और मोहम्मद सिराज ने ना सिर्फ भारतीय पिचों पर बल्कि दुनिया के हर मैदान में शानदार खेल दिखाया है. आप आईपीएल को ही देख लीजिये जहां पर आपको हर वक्त एक नया उभरता हुआ तेज़ गेंदबाज़ दिखाई देता है जो जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आपको नज़र आता है. लेकिन, मौजूदा तिकड़ी तो बेहद अनुभवी और शानदार है और बुमराह तो लगातार निखरते हुए दिखते हैं. शमी भले ही फिलहाल नहीं खेल रहे हैं लेकिन वो भी बेहद उम्दा गेंदबाज हैं. ऐसे गेंदबाज़ी आक्रमण के ख़िलाफ खेलना हमारे लिए निश्चित तौर पर मुश्किल चुनौती होगी क्यों आपको तीन स्पिनर के अलावा, तीन शानदार तेज़ गेंदबाज़ों से भी निपटना है.

  • चलते-चलते आखिर में ये पूछना चाहूंगा कि क्या भारत की ऐसी कोई बात है जो आपको नापसंद है और उसमें हम लोग कुछ सुधार कर सकते हैं?

    ट्रैफिक सिस्टम! (इसके बाद कुछ पल के लिए रिपोर्टर और साउदी बहुत ज़ोर से हंसते हैं) . बहरहाल, अगर गंभीर तौर पर बात की जाए तो मुझे इस देश से कोई शिकायत नहीं है. ये हमारा सौभाग्य है कि हम जब भी यहां अलग अलग मैदानों में क्रिकेट खेलने जाते हैं तो खचाखच भरे स्टेडियम में लोग क्रिकेट को इतना प्यार देते हैं. ये बेहद शानदार अनुभव होता है.

  • FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 19:13 IST

    Social Media Links

    Follow Us on Social Media

    Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||