प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जालसाज देश में लोगों की मेहनत की कमाई तो लूट रहे हैं साथ ही देश की करेंसी को क्रिप्टो करेंसी के जरिए विदेश भेज रहे हैं। दक्षिण-पश्चिमी जिले की साइबर थाना पुलिस ने देश व दूसरे देशों में बैठे जालसाजों के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले विक्रम पुरोहित को गिरफ्तार किया है। ये जालसाजों के बैंक खातों को संभालता था। वह अन्य धोखेबाजों के साथ मिलकर फर्जी आईडी पर बनाए गए टेलीग्राम और व्हाट्सएप खातों पर काम करता है। इसके पास से तीन मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड और पांच एटीएम कार्ड बरामद किए गए। इसके बैंक खातों में 3.27 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता लगा है।
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि एक महिला ने एनसीआरपी पर 21 फरवरी को एक शिकायत दर्ज थी कि एक फेसबुक पर आमंत्रण लिंक के माध्यम से एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हुई। इस पर कथित व्यक्तियों ने स्टॉक चार्ट विश्लेषण सिखाने का दावा किया। इसके बाद उन्होंने उसे एक खाता खोलने को कहा और लाभ कमाने के लिए प्रतिदिन दो शेयर लाने और अगले दिन बेचने की घोषणा की। आरोपियों ने खुद को एमसी ग्रुप और एलकेपी सिक्योरिटीज का हिस्सा बताया। इसके बाद खाता खोलकर महिला ने निवेश करना शुरू कर दिया। आरोपियों के कहने पर प्ले स्टोर से पीओ सिक्योरिटीज एप्लीकेशन भी डाउनलोड कर लिया। पीड़िता ने अपने यूको बैंक खाते से तीन लेन-देन में उनके द्वारा दिए गए खातों में 18 लाख रुपये का निवेश किया। बाद में उसके पैसे नहीं उठाए गए।
मामला दर्जकर एसीपी/ऑपरेशन देवेंद्र कुमार व एसएचओ/साइबर इंस्पेक्टर विकास कुमार बुलडक की देखरेख में एसआई लव देसवाल, हवलदार अमित व सुखलाल की टीम ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि ठगी की रकम तीन अलग-अलग बैंक खातों में जमा की गई थी। ठगी की कुल 18 लाख रुपये में से चार लाख रुपये की रकम अंजना पुरा, बेंगलुरु निवासी दीपू पी पुत्र पुट्टस्वामी और मोहम्मद अली पुत्र महमद अकबर फेडरल बैंक खाते में जमा की गई थी। जांच के बाद इंस्पेक्टर विकास बुडलक ने दोनों को अगस्त महीने में गिरफ्तार कर लिया था।
9 चालू खाते खोले थे आरोपियों ने
ये भी पता लगा कि आरोपियों ने नौ चालू बैंक खाते खोले थे। फेडरल बैंक में तीन बैंक खाते, एसबीआई में तीन बैंक खाते और आरबीएल में तीन बैंक खाते थे। इसके अलावा, 10,00,000 रुपये की ठगी की गई राशि नेक्सस स्टील एंड अलॉयज से संबंधित इंडसइंड बैंक खाते में जमा की गई थी। इसके बाद बैंक खाते के इंटरनेट बैंकिंग के आईपी लॉग से एक आरोपी मुंबई निवासी चेतन नायडू पुत्र वेंकटेश नायडू (23)को मुंबई से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में विक्रम का नाम सामने आया था
चेतन से पता लगा कि वह पश्चिमी मुंबई महाराष्ट्र निवासी विक्रम पुरोहित के लिए काम करता था। इसके बाद वह खातों की इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस करता और ठगी गई रकम प्राप्त करने के लिए खातों की पात्रता की जांच करने तथा खातों की लिमिट बढ़ाने के बाद उन्हें विक्रम पुरोहित को मुहैया कराता, जो टेलीग्राम पर खाते की जानकारी देता है। विक्रम पुरोहित ने चेतन नायडू की गिरफ्तारी के बाद अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए। इसके बाद वह भारत से फरार हो गया। दिल्ली पुलिस ने आरोपी विक्रम पुरोहित के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया। जब वह भारत लौट रहा था तो एसआई लव देशवाल की टीम ने उसे मुंबई एयरपोर्ट से 12 अक्तूबर को गिरफ्तार कर लिया।
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