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-काशीपुर से उत्तराखंड की शराब कंटेनर में भरकर बरेली, शाहजहांपुर और सीतापुर के रास्ते ले जा रहे थे बिहार
-ब्रेवरीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रभारी आबकारी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर बनाया हुआ था फर्जी पास
-बिहार पहुंचने से पहले ही आबकारी विभाग की टीम ने शराब से भरे कंटेनर समेत चालक और परिचालक को धर-दबोचा

उदय भूमि
लखनऊ। दिवाली का पर्व नजदीक आते ही शराब माफिया सक्रिय हो गए है। बढ़ते डिमांड को देखते हुए अवैध शराब का कारोबार करने वाले वाले माफिया गुप्त जगह पर स्टॉक करने के लिए स्थान ढूृंढ रहे हैं। अवैध शराब कारोबारी खुद का गुप्तचर रखकर पुलिस की गतिविधि के बारे में भी पूरी जानकारी जुटा रहा है ताकि अवैध शराब का भंडाफोड़ ना हो सके। त्योहार पर अवैध शराब के कारोबार में लिप्त शराब तस्करों का खेला बिगाड़ने के लिए आबकारी विभाग की टीमें भी कार्रवाई में करने में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एक दिन पूर्व ही जिले की आबकारी विभाग की टीम ने लाइसेंसी शराब की दुकान से अवैध शराब का भंडाफोड़ और इससे पूर्व देहात क्षेत्र में महुआ अवैध शराब के निर्माण का खुलासा किया था। इसी क्रम में एक बार फिर आबकारी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए शराब तस्करों के सपने को पूरा होने से पहले ही चकनाचूर कर दिया। जिसमें आबकारी विभाग की टीम ने लाखों रुपये की शराब से भरे कंटेनर को जब्त करते हुए चालक और परिचालक को गिरफ्तार किया है।

त्योहार में अवैध शराब खपाने के लिए हर दिन नई तरकीब अपना रहे है, मगर आबकारी विभाग की टीम के आगे उनकी एक भी तरकीब काम नहीं आ रही है। जिसके चलते शराब माफिया को हर बार लाखों-करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। शराब माफिया ने अपने धंधे को बढ़ाने के लिए एक बड़ा ही नेटवर्क तैयार किया हुआ है, जिसे आबकारी विभाग की टीम बड़ी ही तेजी के साथ खत्म कर रही है। त्योहार के सीजन में अवैध शराब को खपाने के लिए शराब माफिया ने इस बार बड़े ही नए तरीके के साथ शराब तस्करी की वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। अवैध शराब को अड्डे तक पहुंचाने के लिए ब्रेवरीज प्राइवेट लिमिटेड काशीपुर उधम सिंह नगर के नाम का फर्जी कागजात तैयार किया हुआ था। जिस पर उत्तराखंड के प्रभारी आबकारी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर भी किए हुए थे। जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रहें। सफल इसलिए कि उत्तराखंड के काशीपुर से कंटेनर में शराब भरकर उक्त शराब को बरेली, शाहजहांपुर और सीतापुर होते हुए लखनऊ, बनारस के रास्ते बिहार में पहुंचाने की फिराक में थे।

उत्तर प्रदेश में त्योहार को लेकर सभी जिलों में विशेष प्रवर्तन अभियान शुरु किया हुआ है। इस अभियान के तहत सभी जिलों में आबकारी विभाग के साथ प्रवर्तन की टीम और जिला प्रशासन एवं पुलिस की संयुक्त टीमें अवैध शराब की तलाश में पहरा दे रही है। लेकिन बरेली, शाहजहांपुर और सीतापुर जिले के आबकारी अधिकारी और पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे से अवैध शराब से भरा कंटेनर जैसे ही लखनऊ पहुंचा तो जिले की आबकारी विभाग और प्रवर्तन की संयुक्त टीम ने दबोच लिया। जब गाड़ी की तलाशी के लिए वाहन चालक से पूछा गया तो टीम को चकमा देने के लिए चालक ने अन्य जिलों की तरह लखनऊ की आबकारी विभाग की टीम को कागज थमा दिया। चालक को लगा कि जब अन्य अधिकारी इसकी चालाकी नहीं पकड़ पाए तो अन्य अधिकारी भी नहीं पकड़ पाएंगे। जब टीम ने कागज की जांच की तो कागज फर्जी पाए गए। गाड़ी की तलाशी लेने पर अंदर से शराब से भरी सैकड़ों पेटियां मिली।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया जिले में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और परिवहन के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम द्वारा विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत सभी टीमें अपने-अपने क्षेत्र में चेकिंग एवं दबिश की कार्रवाई कर रही है। गुरुवार शाम को मुखबिर से सूचना मिली कि उत्तराखंड के काशीपुर से शराब से भरा एक कंटेनर सीतापुर के रास्ते लखनऊ होते हुए बनारस के रास्ते बिहार जाने वाला है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए तत्काल आबकारी निरीक्षक अभिषेक सिंह, रिचा सिंह, शिखर कुमार मल्ल और प्रवर्तन मेरठ संजीव कुमार तिवारी एवं प्रदीप भारती की टीम गठित करते हुए इटौंजा टोल, सीतापुर रोड पर चेकिंग अभियान चलाया गया। चेकिंग के दौरान सीतापुर से आ रहे कंटेनर को चेकिंग के लिए रुकने का इशारा किया गया। चेकिंग के दौरान जब चालक राकेश कुमार पुत्र राम कृशन, ग्राम व पोस्ट- दुराना अंबाला सदर जिला अंबाला हरियाणा से गाड़ी के बारे में पूछताछ की गई तो उसने कागज निकाल कर टीम को दिखा दिया।

कागज पर उत्तराखंड काशीपुर उधम सिंह नगर ब्रेवरीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रभारी आबकारी अधिकारी के हस्ताक्षर से पास बनाकर अरुणाचल प्रदेश ले जाई जा रही थी। जब कागज की सही से जांच की गई तो कागज फर्जी पाए गए और उस पर अधिकारी के हस्ताक्षर भी फर्जी थे। शराब माफिया फर्जी कागजात के सहारे उत्तराखंड की शराब को अरुणाचंल प्रदेश में सप्लाई के लिए लेकर जा रहा था। जबकि यह यूपी के जिलों के साथ बिहार में सप्लाई करनी थी। क्योंकि उत्तराखंड की शराब को उत्तर प्रदेश में बेचकर जितना फायदा माफिया का होता, उससे कहीं ज्यादा फायदा उसे बिहार में शराब तस्करी करने पर होता। गाड़ी के अंदर से 893 पेटी कुल 10716 बोतल विदेशी मदिरा ब्रांड रॉयल पार्टी उत्तराखंड मार्का की बरामद किया गया। चालक और उसके परिचालक संजीव कुमार पुत्र नंद लाल निवासी हनी पैलेस अंबाला सदर जिला अंबाला हरियाणा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बरामद शराब की कीमत करीब 71 लाख 40 हजार रुपये है। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया जिले में अवैध शराब का कारोबार करने वालों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। आमजन की सुरक्षा के लिए आबकारी विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है। साथ ही जागरुकता अभियान भी लगातार चलाया जा रहा है। जिससे लोग अवैध शराब के सेवन से बच सकें। त्योहार के चलते अवैध शराब के खिलाफ आगे भी लगातार जारी रहेगी।

अवैध शराब की तस्करी में प्रति चक्कर पर चालक कमाते थे 50 हजार
अवैध शराब के कारोबार में लिप्त शराब माफिया के साथ उनके धंधे को बढ़ावा देने के लिए चालक और परिचालक भी अहम भूमिका निभा रहे है। जिसके लिए उनकी अच्छी कमाई भी होती है। जितनी कमाई उनकी दो माह ईमानदारी से वाहन चलाने में होती है। उतनी कमाई तो वह चार दिन में ही कर लेते है। क्योंकि शराब तस्करी के लिए चालक भी दूरी के हिसाब से अपने रेट तय रखते है। जिससे शराब माफिया का भी हौसला बढ़ जाता है। भले ही अभी तक जिले में शराब माफिया अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाए, लेकिन अन्य जिले में तो उनकी कामयाबी ही समझी जा सकती है।

क्योंकि जिस शराब से भरे कंटेनर को लेकर वाहन चालक उत्तराखंड की सीमा से प्रदेश के तीन-चार जिलो से आसानी से पार करके लखनऊ में पहुंच गए, यह अपने आप में आबकारी विभाग के साथ वहां के जिला प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर एक प्रश्नचिन्ह है। बरेली आबकारी विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें अगर थोड़ी सतर्कता दिखाती तो शायद शराब से भरा कंटेनर बरेली जिले से आगे नहीं बढ़ता। लखनऊ जिले की आबकारी विभाग की टीम ने अपनी कार्रवाई से एक बार फिर से यह साबित तो कर दिया कि शराब माफिया कितने भी शराब तस्करी के लिए जनत कर लें, उनकी दाल लखनऊ में गलने वाली नहीं है। उन्हें अगर शराब तस्करी करनी ही तो उन्हें प्रदेश के किसी अन्य जिलों को ढूंढना होगा। तभी शायद अपने इरादों में वह कामयाब हो सकें।

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