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जयपुर. हरियाणा में जहां बीजेपी विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद बेहद उत्साहित है, वहीं कांग्रेस पार्टी अप्रत्याशित हार से पूरी तरह से सदमे में है. कांग्रेस हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराने लगी है. कांग्रेस हाई कमान की बैठक में भी ईवीएम का मुद्दा उछला. पार्टी ने टेक्निकल कमेटी बनाने का निर्णय लिया है. यह कमेटी हरियाणा के पार्टी प्रत्याशियों से ईवीएम से जुड़ी शिकायतों पर मंथन करेगी. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ईवीएम मामले की गहराई से जांच की बात कह रहे हैं.

उनका कहना है, ‘हम इस मामले की गहराई में जाएंगे कि वास्तव में क्या हुआ? देश-दुनिया देख रही थी कि कांग्रेस जीत रही है. प्रदेश के लोग देख रहे थे कि कांग्रेस जीत रही है. कहीं से हारने की खबर तो आ ही नहीं रही थी, चाहे एग्जिट पोल हों या मीडिया… यह परिणाम चौंकाने वाले थे इसलिए इसकी तह में जाना जरूरी है. ईवीएम मशीन को लेकर भी हमने चुनाव आयोग में शिकायत की है. पहली बार हम चुनाव में देख रहे हैं कि इस प्रकार के हालात बनते हैं और परिणाम पलट जाते हैं . कई भाजपा नेता भी कह रहे थे कि कांग्रेस जीत रही है. यह सारी बातें तो हैं लेकिन मेरा मानना है कि जब तक आप इस मामले की तह तक न जाएं, तब तक इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है.’

दबी जुबान से स्वीकारी गुटबाजी
हालांकि दबी जुबान से गहलोत ने यह जरूर स्वीकार किया कि हरियाणा में गुटबाजी भी हार का संभावित कारण हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘गुटबाजी, जाट बनाम गैर-जाट के घ्रुवीकरण से कांग्रेस को नुकसान जरूर हुआ है. सैलजा कुमारी की नाराजगी से हुए नुकसान की पड़ताल होगी. बीजेपी झूठ फैलाने में कामयाब हो गई. आम आदमी पार्टी से गठबंधन होता तो बेहतर होता.’

राजस्थान में आगामी उपचुनावों पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम उपचुनाव जीतेंगे क्योंकि हमारी सरकार की योजनाओं को देशभर के राज्य अपना रहे हैं. समय बताएगा कि क्या होगा. बीजेपी को लगता है कि हरियाणा के बाद वह पुनर्जीवित हो गई है लेकिन ऐसा नहीं है, मुझे नहीं लगता कि माहौल बनेगा.’

इसी बीच, कांग्रेस ने हरियाणा के चुनाव नतीजों में मतगणना के दौरान गड़बड़ी की शिकायत चुनाव आयोग से की है. कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिध मंडल ने दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों मुलाकात की और आरोप लगया कि हरियाणा चुनाव में इस्तेमाल ईवीएम हैक की गई, जिससे 20 सीटों के नतीजों में हेराफेरी की गई.

कांग्रेस ने पानीपत के काउंटिंग सेंटर का दिया गया. कहा गया कि यहां शहरी सीट पर जिन ईवीएम की बैटरी 90% चार्ज थी, उनमें से निकले 70% वोट भाजपा के पक्ष में गए. यह भी दावा किया गया कि जिन ईवीएम की बैटरी 40-50% चार्ज थी, उनमें कांग्रेस को लीड मिली. चुनाव आयोग ऐसी ईवीएम को सीकर उनकी जांच करे. गौरतलब है कि 8 अक्टूबर को हुई काउंटिंग में बीजेपी को 48 सीटों पर अप्रत्याशित रूप से जीत मिली थी. कांग्रेस को सिर्फ 37 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.

Tags: Ashok gehlot, Haryana Election

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