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14 मिनट पहले

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कभी सोचा है कैसा हो अगर आप अमेरिका के मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी MIT का एंट्रेस एग्जाम चुटकियों में हल कर लें? मुश्किल है। पर इन दिनों सोशल मीडिया पर एक क्‍वेश्‍चन पेपर वायरल हो रहे है। इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि ये MIT के एंट्रैंस एग्जाम का क्वेश्चन पेपर है।

Reddit पर इस पोस्ट पर करीब 37,000 रिएक्शन्स आ चुके हैं। इस पर यूजर्स ने लिखा है कि क्वेश्चन पेपर में एलजेब्रा के सवाल जरूरत से ज्यादा आसान हैं। एक यूजर ने तो यहां तक लिख दिया कि MIT के इस पेपर को तो स्कूल का बच्चा भी सॉल्व कर सकता है।

1869 का है वायरल पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये पेपर असल में MIT के 1869 के एंट्रेंस का है। 155 साल पुराना ये पेपर लोगों का काफी ध्यान खींच रहा है।

इसे लेकर एक यूजर ने लिखा, ‘जानकर अच्छा लगा कि मैं 1870 में MIT में पढ़ सकता था।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘इसमें सबसे ऊपर ‘एलजेब्रा’ लिखा है, इसलिए हो सकता है पूरे एंट्रेंस एग्जाम पेपर के बजाय यह केवल एलजेब्रा का सेक्शन हो। शायद इसमें कैलकुलस और अन्य सेक्‍शन भी हों।’

एक अन्य यूजर ने कहा, ‘इस पेपर को सॉल्व करने के लिए कैलकुलेटर की जरूरत नहीं है। केवल एलजेब्रा की बेसिक नॉलेज होनी चाहिए। इमानदारी से कहूं तो ज्यादातर को बिना कलम चलाए भी दिमाग से हल किया जा सकता है, लेकिन गणित हर किसी के बस की बात नहीं है।’

एक अन्य ने कहा, ‘यह कैलकुलेटर के बिना पूरी तरह से सॉल्व हो सकता है, जिसे मैथ्स आता है उसे पेपर सॉल्व करने में 50 मिनट से ज़्यादा समय नहीं लगेगा।’

ये कोई पहली बार नहीं है जब ये पेपर Reddit पर पोस्ट किया गया था। इसे करीब 14 साल पहले यहां किसी ने पोस्ट किया था लेकिन उस वक्त ज्यादा लोगों का ध्यान इस ओर नहीं गया था।

पहले बिना एंट्रेंस एग्जाम के MIT में सिलेक्शन होता था MIT अर्काइव्स के अनुसार, 1865 में जब यहां स्टूडेंट्स का पहला बैच आया तो उन्हें कोई एंट्रेस एग्जाम नहीं देना पड़ा। 1869 से इंग्लिश, जोमैट्री, एल्जेब्रा और अरिथमैटिक के लिए एंट्रेस एग्जाम से एडमिशन होने लगा। इसी समय का पेपर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है।

इसे लेकर जहां एक ओर लोग इसे जरूरत से ज्यादा आसान बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि ये उस समय के हिसाब से बिल्कुल सही था क्योंकि तब बिना कैलकुलेटर के इन्हें हल करना था।

इसे लेकर एक यूजर ने लिखा, ‘हो सकता है ये पेपर आज स्कूल के बच्चों के लिए भी आसान ही हो लेकिन ये पेपर बिना कैलकुलेटर के सॉल्व करने के लिए बनाया गया था। क्योंकि उस सेंचुरी में कैलकुलेटर नहीं थे।’

MIT में अप्लाई करने वालों में से सिर्फ 4% का सिलेक्शन

MIT कोई आम इंस्टीट्यूट नहीं है। यहां अप्लाई करने वालों में से सिर्फ 4% स्टूडेंट्स का ही सिलेक्शन हो पाता है। ऐसे में कई स्टूडेंट्स यहां पढ़ने का सपना तो देखते हैं, लेकिन चंद ही इस सपने को जी पाते हैं। ये इंस्टीट्यूट दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है जो रिसर्च वर्क के लिए जाना जाता है।

इन दिनों MIT के एंट्रेस एग्जाम का एक पेपर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

1861 में इस इंस्टीट्यूट को इस्टैब्लिश किया गया था और यहां पढ़ने वालों में से 101 स्टूडेंट्स को नोबेल प्राइज मिल चुका है। आज इसे दुनियाभर में मैथ्स, साइंस और इंजीनियरिंग की बेस्ट पढ़ाई के लिए जाना जाता है। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024-25 के अनुसार दुनिया में MIT की रैंक नंबर-1 है।

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