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दिल्ली में मैली यमुना
– फोटो : अमर उजाला

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यमुना नदी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) की मात्रा बढ़ी है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) की हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। बीओडी का स्तर यमुना नदी के अधिकांश हिस्सों में मानकों के अनुरूप नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, यमुना नदी में बीओडी का स्तर केवल पल्ला क्षेत्र में ही मानकों के अनुरूप पाया गया है। इसके बाद नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है।

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सबसे अधिक असगरपुर में 29 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया। ओखला बैराज में 27, ओखला ब्रिज में 25, आईटीओ ब्रिज में 23, निजामुद्दीन ब्रिज में 21, आईएसबीटी ब्रिज में 11, वजीराबाद में बीओडी स्तर लगभग 5 मिलीग्राम प्रति लीटर है। 

बीओडी पानी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को विघटित करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा को दर्शाता है। मानकों के अनुसार, नदी के पानी में बीओडी का स्तर तीन मिलीग्राम प्रति लीटर या इससे कम होना चाहिए। ऐसे में लगभग सात जगह पर बीओडी का स्तर मानक से अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना में पानी का बहाव बढ़ने के कारण ही इस नदी में थोड़ा सुधार आया है।

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