तार में फंसे परिंदे को बचाता एक दमकलकर्मी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिजली के तार, पेड़ की शाखाओं या फिर मांझे की डोर में फंसे परिंदों को अब बेहद आसानी से और सुरक्षित बचा लिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली अग्निशमन विभाग टेलीस्कोपिक रेस्क्यू पोल की मदद लेगा। विभाग ने 66 पोल खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है।
पोल के साथ ही परिंदों बचाने के लिए मददगार अन्य उपकरण भी खरीदे जाएंगे। इसमें रेस्क्यू किट भी शामिल है। यह टेलीस्कोपिक रेस्क्यू पोल और अन्य उपकरण 3.73 करोड़ रुपये की लागत में खरीदे जाएंगे। दिल्ली में मौजूदा 66 अग्निशमन केंद्रों को एक-एक पोल राहत-बचाव कार्य के लिए दिए जाएंगे।
राजधानी में रोजाना दर्जन भर से अधिक पक्षी अलग-अलग जगहों पर फंस कर अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करते हैं। इन्हें बचाने के लिए या तो लोग स्वयं मदद के लिए आगे आते हैं या फिर दिल्ली अग्निशमन विभाग के कर्मी।
अग्निशमन विभाग के अधिकारियाें ने बताया कि पक्षियों के आपात स्थिति में फंसने पर राहत-बचाव कार्य में बहुत कठिनाई आती है। पेड़ों के बीच सीढि़यों को लगाकर बचाव अभियान चलाया जाता है। इस दौरान हाइड्रोलिक प्लेटफार्म युक्त मशीनों का भी उपयोग किया जाता है। कई मामलों में पक्षी 35 फीट से अधिक की ऊंचाई पर फंस जाते हैं।
ऐसे में अधिक ऊंचाई पर पहुंचने वाली हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की मशीनों को उपयोग में लाया जाता है। लेकिन यदि बिजली के तार में पक्षी फंसते है उस स्थिति में और सतर्कता की जरूरत होती है। कई मामलों में राहत बचाव के दौरान दमकल कर्मी घायल भी हो जाते हैं। ऐसे में टेलीस्कॉपिक रेस्क्यू पोल मंगाया जा रहा है।
नहीं लगेंगे बिजली के झटके :
अधिकारियों ने बताया कि टेलीस्कोपिक रेस्क्यू पोल कार्बन फाइबर की बनी होगी। इसे इस तरह से बनाया गया है कि इसमें बिजली के झटके नहीं लगेंगे। कई बार पक्षी तारों के जाल में फंस जाते हैं। इस स्थिति में राहत बचाव के दौरान दमकल कर्मियों को बिजली के झटके लगने की आशंका बनी रहती है।
70 फीट ऊंचाई तक फंसे पक्षियों को बचाया जाएगा
टेलीस्कॉपिक रेस्क्यू पोल आठ फीट का होगा। लेकिन इसे 70 फीट तक बढ़ाया जा सकता है। यानी यदि पक्षी 70 फीट की ऊंचाई पर फंसा हुआ है तो इसकी मदद से उसे बचा लिया जाएगा। इसके एक बाक्स भी लगा होगा। पक्षी बचा कर उसे बाक्स में रख लिया जाएगा। इसके बद उसे सुरक्षित उतार लिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि रेस्क्यू पोल में अत्याधुनिक कैमरा भी लगा होगा। इसकी मदद से पक्षी जहां फंसा होगा। उस स्थान को जमीन से दमकल कर्मी स्पष्ट देख सकेंगे। इसमें एक ब्लेड भी लगा होगा। यदि कोई तार या फिर पेड़ की शाखा को काटने की जरूरत होगी तो उसमें ब्लेड की मदद ली जाएगी।
आग की घटनाओं से निपटने के साथ ही विभाग को आपात स्थिति में फंसे पक्षी, जानवरों फंसने, पेड़ गिरने, मकान गिरने समेत कई अन्य परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। हमारे लिए आपात स्थिति में सबकी जान बराबर है। ऐसे में कोशिश रहती है कि मुसीबत में फंसे सभी को सुरक्षित बचाया जाए। टेलीस्कॉपिक रेस्क्यू पोल राहत-बचाव के कार्य के दौरान बहुत मददगार साबित होगी।
-अतुल गर्ग, निदेशक, दिल्ली अग्निशमन विभाग
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