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हाइलाइट्सग्‍लोबल इनवेस्‍टर स्प्टिनेगल ने कहा, जल्‍द आने वाली है मंदी. शेयर बााजर में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट आ सकती है. उन्‍होंने निवेशकों को हेज करके आगे बढ़ने की सलाह दी है.

नई दिल्‍ली. भारत सहित दुनियाभर के शेयर बाजार अभी उफान पर हैं. भारतीय बाजार ने तो रिकॉर्ड बनाने का भी रिकॉर्ड बना दिया है और घरेलू निवेशकों का उत्‍साह सातवें आसमान पर है. लेकिन, क्‍या यह तेजी आगे भी बनी रहेगी या फिर बाजार अब ढलान पर आने वाला है. अगर आपके मन में भी यह सवाल चिंता बनकर बार-बार उभर रहा है तो जरा इन महाशय की बात पर गौर फरमाइये. इससे पहले उन्‍होंने 2 बार बाजार को लेकर भविष्‍यवाणी की है और दोनों बार वही हुआ, जो कहा.

हम बात कर रहे हैं यूनिवर्सा इनवेस्‍टमेंट के को-फाउंडर मार्क स्पिटनेगल की. उनका कहना है कि बाजार अभी ‘गोल्‍डीलॉक फेज’ में चल रहा है. इसका मतलब है कि न तो ज्‍यादा तेजी और न ही मंदी. यह स्थिति अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्‍याज दरें घटाने और चीन की ओर से राहत पैकेज जारी करने की वजह से बनी है. ब्‍लूमबर्ग से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि अभी भले ही बाजार नई ऊंचाई पर है, लेकिन यह स्थिति ज्‍यादा समय तक रहने वाली नहीं है. इससे पहले उन्‍होंने साल 2000 और 2008 में बाजार में आई सुनामी को लेकर सटीक भविष्‍यवाणी की थी.

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क्‍या कहा इस दिग्‍गज ने
स्पिटनेगल ने साफ-साफ कहा है कि मौजूदा तेजी अस्‍थायी है और आने वाले समय में मंदी कभी भी दस्‍तक दे सकती है. इस बार बाजार का जो बुलबुला फटने वाला है, वह ऐतिहासिक होगा. भविष्‍य में आने वाली महंगाई स्‍थायी तौर पर लंबी चलेगी, इसे टालने के लिए फेड कितने भी कदम उठाएगा, वह पर्याप्‍त नहीं होगा. उन्‍होंने इससे बचने का तरीका भी बताया और कहा कि निवेशकों को बडे़ नुकसान से बचने के लिए हेज करके चलना चाहिए. निवेशक चाहें तो ‘इंश्‍योरेंस’ के जरिये इस गिरावट से बच सकते हैं.

पॉजिटिव दौर से बाहर आने वाला है बाजार
दिग्‍गज निवेशक ने आगाह किया कि बाजार की तेजी बस शॉर्ट टर्म के लिए है. साल के आखिर तक यह गोल्‍डीलॉक्‍स जोन से बाहर निकल जाएगा और ‘ब्‍लैक स्‍वॉन टेरिटरी’ में प्रवेश कर जाएगा. यह एक तरह की ऐसी घटना होती है, जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. जैसा कि कोविड-19 महामारी के समय हुआ था. जाहिर है कि उनका इशारा बाजार में आने वाली बड़ी गिरावट की तरफ है. स्पिटनेगल ने भले ही यह भविष्‍यवाणी अमेरिकी बाजार को लेकर की हो, लेकिन आप अच्‍छी तरह जानते हैं कि वहां के बाजार में गिरावट का सीधा असर भारतीय निवेशकों पर भी दिखता है.

मॉडर्न निवेश थ्‍योरी को बताया झूठा
स्पिटनेगल ने पारंपरिक निवेश रणनीति की भी जमकर खिंचाई की. उन्‍होंने कहा कि डाईवर्सिफिकेशन के नाम पर निवेशकों को झूठा दिलासा दिया जा रहा है. यह लांग टर्म में उन्‍हें सिर्फ गरीब बनाने का काम करेगा और कुछ नहीं. लिहाजा निवेशकों को ऐसी रणनीति पर काम करना चाहिए जो उन्‍हें अच्‍छे और बुरे, दोनों ही दौर में बाजार से रिटर्न दिला सके.

Tags: BSE Sensex, Business news, Share market

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