इस तिकड़ी के लिए शायद अगला लक्ष्य अनिल कुबंले-हरभजन सिंह-जहीर खान के साझा तौर पर 1347 विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ना हो. दिलचस्प बात ये है कि क्रिकेट इतिहास में दो महान स्पिनर और एक शानदार तेज गेंदबाज़ की ऐसी तिकड़ी की परंपरा किसी और मुल्क नहीं बल्कि भारत की ही अनोखी विरासत हैं. जी हां, अगर आप इतिहास खंगाले तो आपको वेस्टइंडीज़ के महान तेज गेंदबाज़ों की चौकड़ी का जिक्र मिलेगा या फिर भारतीय स्पिन दिग्गजों की चौकड़ी का. पिछले कुछ दशक में दो महान तेज गेंदबाजों के साथ एक दिग्गज स्पिनर ने मिलकर भी शानदार कामयाबी हासिल की जिसमें आप ग्लेन मैक्ग्रा-ब्रेट ली- शेन वार्न या फिर मैक्ग्रा-जैसन गिलेस्पी-वार्न की तिकड़ी का नाम ले सकते हैं या फिर जेम्स एंडरसन-स्टुअर्ट ब्राड- ग्रेम स्वान की तिकड़ी का या फिर थोड़ा पीछे जायें तो वसीम अकरम-वकार यूनिस-मुश्ताक अहमद की तिकड़ी का.
खैर, अगर मौजूदा दौर की तरफ लौटें तो आईसीसी टेस्ट रैंकिग में नंबर 1 और नंबर 2 गेंदबाज़ के बीच ‘खींचतान’ भी दो दिग्गज अश्विन और बुमराह के बीच ही चल रही है. अगर कानपुर टेस्ट से पहले अश्विन नंबर 1 थे तो इस मैच के बाद बुमराह नंबर 1 हो गए. और यही सवाल मैंने अश्विन से उनके नये हिंदी यूट्यूब चैनल पर पूछा तो वो हंस पड़े. अश्विन का कहना था- हम सभी को गर्व होना चाहिए. क्योंकि हम दोनों भारतीय हैं. इससे पहले अश्विन ने हमें एक खास इंटरव्यू में ये भी बताया था कि उनके और बुमराह के बीच भले ही उम्र का ठीक-ठाक फासला हो लेकिन वो उन्हें अपने दोस्त की तरह मानते हैं. कानपुर और उससे पहले चेन्नई टेस्ट के दौरान भी इस लेखक ने कई मौकों पर मैदान में इन दोनों खिलाड़ियों की लगातार मंथन और बातचीत और हंसी मज़ाक के लम्हों को देखते हुए ये अंदाज़ा लगाया कि वाकई में ये रिश्ता अब खास बन चुका है.
अश्विन का इस तिकड़ी के अहम किरदार जडेजा से तो वैसे भी खास किस्म का रिश्ता लंबे वक्त से रहा है. भले ही विदेशी पिचों पर जब एक स्पिनर चुनने की नौबत आती है तो कई मौकों पर अश्विन को ही बाहर बैठना पड़ता है. लेकिन, परिपक्व अश्विन में किसी तरह की खटास नहीं है. ‘ये जडेजा का तो कसूर नहीं है ना कि मुझे विदेश में 11 में जगह नहीं मिलती है. मुझे उनसे किसी तरह की जलन या खटास नहीं है. सच कहूं तो जडेजा सबसे प्रतिभावान खिलाड़ी रहे हैं, नैसर्गिक तौर पर एक बेहद उम्दा खिलाड़ी,’ ऐसा कहते हुए अश्विन गंभीर हो जाते हैं.
इन तीनों के बीच आपसी सम्मान की बातें सिर्फ इकतरफा नहीं है. हाल ही में, जब अश्विन ने 100 टेस्ट पूरे किए और 500 टेस्ट विकेट के क्लब में एंट्री की तो जडेजा ने उन्हें बेहद मजेदार ढंग से तमिल में उन्हें बधाई भेजी थी जिसे देखकर अश्विन लोट-पोट हो गये थे. जडेजा ने मैसेज किया था, ‘मैं आपके लिए बेहद खुश हूं अश्विन. भारतीय क्रिकेट के लिए आपकी सेवा शानदार रही है और आप इसी तरह से कामयाबी हासिल करते रहें और अपना मास्टरमाइंड मुझसे भी साझा करें ताकि मैं भी कुछ विकेट ले पाऊं और आपकी तरह लीजेंड बन पाऊं!’
जडेजा ना सिर्फ गेंदबाज के तौर पर बल्कि ऑलराउंडर के तौर पर अश्विन की ही तरह एक लीजेंड बन चुके हैं. जल्द ही जडेजा 312 विकेट पूरे करने वाले हैं और इसके साथ ही वो जहीर और इशांत शर्मा को पछाड़ते हुए भारत के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले टॉप 5 गेंदबाजों में शुमार हो जाएंगे. वैसे भी 3000 रन और 300 विकेट के खास क्लब में शामिल होने के लिए उन्हें सिर्फ इंग्लैंड के महान ऑलराउंडर इयन बॉथम से 2 टेस्ट ज़्यादा खेलने पड़े हैं.
कुंबले-हरभजन-जहीर की तिकड़ी ने मिलकर 25 टेस्ट खेले और 125 विकेट हासिल किये जबकि अश्विन-जडेजा-बुमराह की तिकड़ी ने महज 10 टेस्ट खेलकर 132 विकेट हासिल कर लिए हैं. लेकिन, सबसे खास बात ये है कि दुनिया के इतिहास में ये इकलौती तिकड़ी है जिसने ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के मैदान पर एक नहीं बल्कि लगातार 2 टेस्ट सीरीज में मात दी है. अगर ये तिकड़ी आने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर फिर से पिछले 2 दौरों वाली कामयाबी को दोहराने में अपना फिर से बहुमूल्य योगदान देते हैं तो भारतीय क्रिकेट के लिए इससे बेहतर तोहफा और क्या होगा.
Tags: Jasprit Bumrah, R ashwin, Ravichandran ashwin, Ravindra jadeja, Team india
FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 12:55 IST
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