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वाराणसी: आईआईटी बीएचयू रेप कांड में विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. इस घटना के विरोध में बयानबाजी करने वाले 13 स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित किया है. इनमें आइसा और एनएसयूआई के छात्र शामिल हैं. घटना के करीब 330 दिन बाद जांच कमिटी की रिपोर्ट के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कार्रवाई की है.

दरसअल, आईआईटी बीएचयू रेप कांड के बाद आइसा और एनएसयूआई के स्टूडेंट्स बीएचयू सिंह द्वार पर प्रदर्शन कर रहे थे. इस प्रदर्शन के दौरान रेप कांड को लेकर पॉलिटिकल बयानबाजी के बाद मामला बिगड़ गया और फिर बीएचयू सिंह द्वार पर ही आइसा और एबीवीपी के स्टूडेंट्स भीड़ गए. इस घटना में एबीवीपी के मेघा मुखर्जी समेत कई स्टूडेंट्स घायल हुए. जिसके बाद मामले में लंका थाने एफआईआर भी दर्ज हुई थी.

330 दिन बाद हुई कार्रवाई
एबीवीपी के मेघा मुखर्जी के शिकायत के करीब 330 दिन बाद अब 13 स्टूडेंट्स को निलंबित किया गया है. विश्वविद्यालय की ओर से जारी ऑर्डर के मुताबिक इस मामले में आकांक्षा, इप्शिता, चंदा यादव, उमेश यादव, अनुरति, सिद्धि, अमित और अमन को 30 दिन के लिए निलंबित किया गया है.

इन्हें 15 दिनों के लिए किया निलंबित
जबकि रोशन पाण्डेय, राजीव नयन, सुमन आंनद, अनुपम को 15 दिन के लिए निलंबित किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह लोग झगड़े का हिस्सा नहीं थे, फिर भी इन्हें हॉस्टल और पुस्तकालय से 15 दिनों के लिए निष्कासित कर दिया गया है.

एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप
इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन सभी छात्र-छात्राओं के काउंसलिंग कराने का फैसला भी लिया है. ताकि भविष्य में ऐसी शिकायतें सामने ना आएं. वहीं, इस कार्रवाई से आइसा के छात्रों में नाराजगी है. छात्रों का कहना है कि सत्ता के दबाव में विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है. जबकि मारपीट में आइसा के स्टूडेंट्स को भी चोटें आई थी.

Tags: Banaras news, BHU Protest, IIT BHU, Local18, UP news, Varanasi news

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