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नई दिल्‍ली. अब ईवी यानी इलेक्ट्रिक व्‍हीकल का समय आ गया है. टू व्‍हीलर से लेकर फोर व्‍हीलर का मार्केट लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं राज्‍य सरकारें भी सीएनजी बसों की जगह अब इलेक्ट्रिक बसों के चलाने में प्राथमिकता दे रही हैं. आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि बड़े राज्‍य इलेक्ट्रिक बसों के मामले में पीछे हैं, जबकि छोटा राज्‍य आगे है. आइए जानें, इलेक्ट्रिक बस चलाने में कौन सा राज्‍य अव्‍वल है और कौन सा फिसड्डी साबित हो रहा है.

सड़क परिवहन एवं राज्‍य मंत्रालय के डाटा के अनुसार छोटे राज्‍य के मामले में देश की राजधानी दिल्‍ली अव्‍वल है. यहां पर अभी 2011 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं. हालांकि देशभर में एक नंबर पर महाराष्‍ट्र है. यहां पर 2111 बसें चल रही हैं. अगर क्षेत्र के अनुसार देखा जाए तो महाराष्‍ट्र की तुलना में दिल्‍ली बहुत ही छोटा है और अंतर केवल 100 बसों का है. वहीं तीसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां पर 1195 बसें चल रही हैं. देश का सबसे बड़ा राज्‍य उत्‍तर प्रदेश चौथे नंबर है, यहां पर 758 बसें और पांचवें नंबर पर गुजरात, यहां पर 894 बसें चल रही हैं.

ये राज्‍य फिसड्डी

पूर्वोत्‍तर के राज्‍य मणिपुर और मिजोरम में केवल 1-1 बसें चल रही हैं. इसके बाद छत्‍तीसगढ़ में 4, झारखंड में 7 राजस्‍थान में केवल 24 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं. वहीं, पश्मिच बंगाल जैसे बड़े राज्‍य में केवल 181 बसें चल रही हैं. मंत्रालय लगातार राज्‍यों से सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट के रूप में इलेक्ट्रिक बसों को चलाने पर जोर दे रहा है, इस संबंध में पत्र भी लिखे है.

एक्‍सप्रेसवे और हाईवे पर मिलेंगे ईवी चार्जिंग स्‍टेशन

मंत्रालय सुविधाजनक सफर के लिए हाईवे और एक्‍सप्रेसवे पर ईवी चार्जिंग स्‍टेशन लगा रही हैं. दिल्‍ली-अमृतसर-कटरा एक्‍सप्रेसवे पर 38, दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे पर 51, दिल्‍ली देहरादून एक्‍सप्रेसवे पर 10 , ट्रांस राजस्‍थान एक्‍सप्रेसवे पर 4, इंदौर-हैदाराबाद पर 6, रायपुर विशाखापट्टन पर 12 ईवी चार्जिंग प्‍वाइंट मिलेंगे. इसके साथ ही मार्च 2025 से पहले 200 ईवी चार्जिंग स्‍टेशन और बनाए जाएंगे.

Tags: Electric Bus

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