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कंगना रनौत और गौरव भाटिया
– फोटो : अमर उजाला

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भाजपा सांसद कंगना रनौत ने वापस लिए जा चुके तीन कृषि कानूनों पर बयान देकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कंगना ने तीन कृषि कानूनों को बहाल करने की मांग की। कंगना के बयान से भाजपा ने खुद को अलग कर लिया है। भाजपा का कहना है कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है।  

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भाजपा नेता गौरव भाटिया का कहना है, ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भाजपा सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर दिया गया बयान वायरल हो रहा है। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि यह बयान उनका व्यक्तिगत बयान है। रनौत भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर भाजपा के दृष्टिकोण को नहीं दिखाता है।’

जिसके बाद कंगना ने भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘बिल्कुल, कृषि कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और ये पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।’

कंगना पर बयान पर सियासी बवाल

कंगना रणौत के तीन कृषि कानूनों को दोबारा लागू किए जाने के विवादित बयान ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। पंजाब में इस पर सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस, शिअद और आप के नेताओं ने सांसद कंगना के इस बयान पर भाजपा हाईकमान को उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।

कंगना ने क्या कहा था?

दरअसल, वीडियो में कंगना को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि किसानों के वह कानून, जो अब वापस ले लिए गए हैं, मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए। तीन कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे। जैसे बाकी जगहों के किसान समृद्ध हो रहे हैं, हमारे किसानों को समृद्ध होना चाहिए। कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने इन्हें वापस ले लिया था। किसान देश के विकास में स्तंभ हैं। मैं उनसे हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस मांगें।  

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