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7 मिनट पहले

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गुजरात की 19 साल की मॉडल रिया सिंघा मिस यूनिवर्स 2024 चुनी गईं हैं यानी इस साल मैक्सिको में होने वाले मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट में वो भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

‘अहिल्या बाई होल्कर के साथ डिनर करना चाहूंगी’

कॉन्टेस्ट के क्वेश्चन आंसर राउंड में रिया से पूछा गया कि वो किस हिस्टोरिकल फिगर के साथ डिनर करना चाहेंगी और क्यों? इसके जवाब में उन्होंने अहिल्या बाई होल्कर का नाम लिया। रिया ने कहा कि अहिल्या बाई होल्कर एक पावरफुल रूलर थीं जिन्होंने महिला सशक्तिकरण पर उस वक्त काम किया जब फेमिनिज्म के बारे में कोई जानता तक नहीं था।

परफॉर्मिंग आर्ट्स की पढ़ाई कर रही हैं रिया

रिया सिंघा BPA यानी परफॉर्मिंग आर्ट्स की पढ़ाई कर रही हैं। इसमें स्टूडेंट्स को म्यूजिक, डांस, एक्टिंग, स्टेज परफॉर्मेंस, थिएटर जैसे डोमेन की प्रैक्टिकल नॉलेज और स्किल ट्रेनिंग दी जाती है।

2025 में देश में कोल्डप्ले का कॉन्सर्ट होने वाला है। इसके टिकट की प्रीबुकिंग के लिए इंटरनेट पर मारामारी मच गई। उधर दिल्ली में होने वाले दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के टिकट भी ब्लैक में कई गुना कीमत पर भी खरीदे गए। साफ है लाइव परफॉर्मेंस का दौर लौट आया है और इस तरह के एवेन्यू में करियर बनाने के लिए आप परफॉर्मिंग आर्ट्स की पढ़ाई कर सकते हैं।

देश में परफॉर्मिंग आर्टस के लिए हैदराबाद यूनिवर्सिटी बेस्ट

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 के अनुसार, देश में परफॉर्मिंग आर्ट्स के लिए हैदराबाद यूनिवर्सिटी बेस्ट है। यहां का सरोजनी नायडू स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड कम्युनिकेशन सेंटर, मास्टर्स इन परफॉर्मिंग आर्ट्स यानी MPA और परफॉर्मिंग आर्ट्स में PhD ऑफर करता है।

  • MPA- ये तीन साल का कोर्स है। इसमें थिएटर से संबंधिज प्रैक्टिकल और थ्योरी पढ़ाई जाती है। इसमें स्टूडेंट्स आर्टिस्टिक कम्युनिकेशन के लिए थिएटर के इस्तेमाल को सीखते हैं। इस कोर्स में थिएटर का वेस्टर्न और इंडियन ड्रामा दोनों पढ़ाया जाता है। इसके साथ-साथ थिएटर के लिट्रेरी, सोशियो-इकोनोमिक, पॉलिटिकल और फिलोसॉफिकल एस्पेक्ट्स भी स्टूडेंट्स को बताए जाते हैं। पहला साल पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स PG डिप्लोमा इन थिएटर आर्ट्स लेकर कोर्स छोड़ सकते हैं। कौन कर सकता है अप्लाई- किसी भी सब्जेक्ट में ग्रेजुएट कैंडिडेट्स MPA के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कैंडिडेट्स के पास थिएटर का एक्सपीरियंस होना जरूरी है। एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स को एक रिटेन एग्जाम देना होगा। इसमें सिलेक्शन होने पर कैंडिडेट्स को यूनिवर्सिटी में आकर ऑडिशन और इंटरव्यू देना होगा।
  • PhD- परफॉर्मिंग आर्ट्स में यहां के स्टूडेंट्स PhD भी कर सकते हैं। यहां परफॉर्मेंस की प्रैक्टिस को भी रिसर्च में शामिल किया जाता है। कौन कर सकता है अप्लाई- किसी भी सब्जेक्ट से मास्टर्स कर चुके कैंडिडेट्स इसमें अप्लाई कर सकते हैं। इसके साथ ही कैंडिडेट्स के पास थिएटर का एक्सपीरियंस होना चाहिए। यहां PhD में एडमिशन के लिए एलिजिबल कैंडिडेट्स को रिटेन टेस्ट और उसके बाद इंटरव्यू क्लियर करना होगा। NET-JRF क्लियर कर चुके कैंडिडेट्स को इंटरव्यू में 5 मार्क्स का एडवांटेज दिया जाएगा।

परफॉर्मिंग आर्ट्स में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं

परफॉर्मिंग आर्ट्स में मुख्य रूप से तीन एरियाज में आप स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं- म्यूजिक, डॉस और ड्रामा। इन तीनों के अलावा भी आप कई तरह के स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं….

  • परफॉर्मेंस एंड टेक्नोलॉजी- इसके स्टूडेंट्स थिएटर में बिहाइंड द सीन इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी जैसे लाइटिंग, साउंड आदि के इस्तेमाल के बारे में सीखते हैं। मसलन, किस तरह लाइटिंग और साउंड के इस्तेमाल से स्टेज की परफॉर्मेंस बेहतर हो सकती है। इसमें कई तरह की चीजें जैसे हाल में हुए तकनीकी बदलाव, परफॉर्मर या डायरेक्टर के फायदे के लिए कैसे उनका इस्तेमाल किया जाए और टेक्नोलॉजी से संबंधित हेल्थ और सेफ्टी प्रैक्टिस को सीखा जा सकता है।
  • परफॉर्मेंस एंड स्क्रिप्ट राइटिंग- अगर लिखने और परफॉर्म करने में दिलचस्पी है तो आप परफॉर्मेंस एंड स्क्रिप्ट राइटिंग में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। इसमें आप पोएट्री या सॉन्ग राइटिंग, क्रिएटिव कैरेक्टर्स को लिखने की स्किल्स, कहानी का प्लॉट लिखने की कला और स्टेज या स्क्रीन का ख्याल रखते हुए कैसे लिखना है सीख सकते हैं।
  • इम्प्रोवाइजेशन- अगर आपको ‘इन द मोमेंट’ रहना अच्छा लगता है और आप बिना वक्त गंवाए क्रिएटिव चीजें सोच सकते हैं तो इम्प्रोवाइजेशन या इम्प्रोव में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। इम्प्रोव सीखकर आप स्टैंड अप कॉमेडी कर सकते हैं। इसके अलावा, इम्प्रोव सीखने से आपकी परफॉर्मेंस स्किल भी बेहतर होगी क्योंकि अगर कोई स्क्रिप्ट परफॉर्म करते हुए आप कहीं फंस गए तो आप तुरंत उसे फिक्स कर सकते हैं।
  • परफॉर्मिंग फॉर स्क्रीन- परफॉर्मिंग आर्ट्स में कई डिग्रियां ऐसी हैं, जिसमें आपको कैमरा के सामने परफॉर्म करने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें एक्टिंग, डांसिंग, कोरियोग्राफी सीख सकते हैं। इसमें आपको वो बारीकियां भी सिखाई जाएंगी कि किस तरह स्क्रीन पर परफॉर्म करना स्टेज पर परफॉर्म करने से बिल्कुल अलग है।

इस सबके अलावा प्रोस्थैटिक मेक-अप, मैजिक, म्यूजिकल थिएटर, स्टेज कॉम्बैट, डायरेक्टिंग, स्पीच, माइम, ओपरा, पपेटरी और बैले में भी स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है।

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