जब तक लीला चलती है तब तक लोग अपने काम को छोड़कर दूर-दराज से इस लीला में शामिल होने के लिए आते है. लीला में शामिल होने से पहले वो शुद्धता का भी पूरा ख्याल रखते हैं और स्नान के बाद पूरे शाही ठाठ बाट में तैयार होकर ही लीला में शामिल होते हैं.
दुकान छोड़ लीला में होते हैं शामिल
इस दौरान कोई सफेद धोती-कुर्ता तो कोई धोती-कुर्ता पर पगड़ी लगाए नजर आते हैं. इसके अलावा आंखों में सुरमा और हर दिन अलग-अलग तरह के इत्र का प्रयोग कर यह नेमी लीला प्रेमी इस लीला में शामिल होते है. किसी किसी के पास तो शाही छड़ी भी होती है. यह नेमी भक्त भी रामनगर के इस लीला को खास बनाते हैं. लीला देखने वाले नेमी भक्त बंसत यादव ने लोकल 18 को बताया कि पिछले 35 सालों से इस लीला को देखने यहां आ रहे है. अपनी दुकान और कामकाज को छोड़कर बसंत यादव पूरे एक महीने तक इस लीला में शामिल होते है और इस अद्भुत पल के साक्षी बनते है. उन्होंने बताया कि हर दिन वो साफ और शुद्ध कपड़े को पहनकर ही लीला को देखते है.
भगवान राम की भक्ति में होते हैं लीन
मदन यादव ने लोकल 18 को बताया कि दोस्तों के साथ इस लीला को हर दिन निहारते हैं. इस लीला में स्वयं प्रभु श्री राम का दर्शन होता है और हम सब लोग उनके ही भक्ति में लीन रहते हैं. करीब 40 साल से लीला में शामिल होने का क्रम चलता आ रहा है. उन्होंने बताया कि लीला के इन एक महीने में जितना भी महत्वपूर्ण काम सामने आ जाए, बनारस से कभी भी दूर नहीं जाते है.
Tags: Dharma Aastha, Local18, UP news, Varanasi news
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