माता-पिता के साथ नायशा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ वर्ष की बच्ची आसिफा से दुष्कर्म व हत्या की वारदात ने दिल्ली की तीसरी कक्षा की एक बच्ची को झकझोर कर रख दिया था। ये बच्ची नायशा आज ताइक्वांडो चैंपियन है। नायशा ने पिछले सप्ताह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से आयोजित सेंट्रल जोन गोल्ड मेडल-2024 पर कब्जा किया है। वह ताइक्वांडो में अब तक 22 गोल्ड, दो सिल्वर व तीन ब्रांज मेडल जीत चुकी हैं। नायशा का कहना है कि देश की हर बच्ची को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेनी चाहिए।
जम्मू कश्मीर के कठुआ में 17 जनवरी 2018 में आठ वर्ष की आसिफा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। वारदात से पहले नशीला पदार्थ दिया गया था। दिल दहला देने वाली ये वारदात कई साल तक मीडिया की सुर्खियों में बनी रही थी। दिल्ली के अलकनंदा स्थित ग्रीन फील्ड स्कूल में जब नायशा तीसरी कक्षा (अब पांचवीं कक्षा में) में पढ़ रही थी तो टीचर ने उसे बैड टच के बारे में बताया। नायशा की मां अंबिका शर्मा ने बताया कि नायशा को जम्मू कश्मीर की घटना के बारे में भी बताया गया था, तब उसने घर आकर एक ही सवाल पूछा कि क्या हम लड़कियां ऐसे लोगों का विरोध नहीं कर सकतीं। इस पर मां ने कहा कि कर सकते हैं पर उसके लिए मेहनत की जरूरत है।
गलती पहुंची थी ताइक्वांडो सेंटर
इस तरह के दरिंदों को सबक सिखाने के लिए नायशा हर मेहनत करने को तैयार हो गई। मां उसे कराटे सिखाने ले गई, मगर वह गलती से कालकाजी डीडीए फ्लैटों की मिनी मार्केट में एक कोचिंग सेंटर में पहुंच गई। ये सेंटर जूडो-कराटे का नहीं, बल्कि ताइक्वांडो सिखाने का था। नायशा ने कोच से सवाल किया कि वह जूडो कराटे या ताइक्वांडो क्या सीखकर लोगों से ज्यादा लड़ सकती है। कोच ने ताइक्वांडो से ज्यादा ताकत आने की बात कही तो बच्ची ने ताइक्वांडो सीखना शुरू कर दिया।
27 से ज्यादा मेडल जीते
आयशा दो वर्ष में अब तक 22 गोल्ड, दो सिल्वर और तीन ब्राउन जीत चुकी है। दिल्ली ताइक्वांडो स्पोर्ट्स क्लब में कोच मोहम्मद सलामुद्दीन के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही हुए नायशा ने सिर्फ दो सालों में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। नायशा दो बार की राज्य पदक विजेता (2023/2024) रही हैं। उन्होंने 2023 में नेशनल सिल्वर मेडल जीता और हाल ही में 2024 में सीबीएसई सेंट्रल जोन गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। उनकी नवीनतम उपलब्धि अंडर-14 गर्ल्स अंडर-26 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतना रही। इस मासूल ने 9 से 14 सितंबर तक उत्तराखंड में होने वाली नेशनल चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया।
सभी लड़कियों को ट्रेनिंग लेनी चाहिए
नायशा ने अमर उजाला संवाददाता से बात करते हुए बताया कि एक स्कूल टीचर ने बैड टच-गुड टच के बारे में बताया। उसने मैडम से बैड टच के बारे में पूछा तो वह परेशान हो गई। इसके बाद ऐसे लोगों से लडऩे की बात मन में आई। मात्र 10 वर्ष की इस बच्ची का कहना है कि दिल्ली क्या देश की हर लड़की को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। साथ ही जूडो कराटे सीखना चाहिए। नायशा का परिवार माध्यम वर्ग से ताल्लुक रखता है। पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं। नायशा का कहना है कि नेशनल्स में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयारी कर रही हूं।
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