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नई दिल्‍ली. इंटरनेशनल क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्‍होंने अपनी बॉलिंग का लोहा दुनियाभर में मनवाया और टीम की कई यादगार जीतों के हीरो रहे. हालांकि बैटिंग इनमें से ज्‍यादातर की कमजोर कड़ी रही. कुछ के नाम तो एक ही टेस्‍ट में शर्मिंदगी भरा बैटिंग रिकॉर्ड और शानदार बॉलिंग रिकॉर्ड दर्ज है. यह रिकॉर्ड है एक ही टेस्‍ट में ‘पेयर’ (दोनों पारियों में 0) और 10 विकेट हॉल का.टेस्‍ट क्रिकेट में अब तक 11 प्‍लेयर इस खास क्‍लब में स्‍थान दर्ज करा चुके हैं. इंग्‍लैंड के जॉर्ज लोहमन (George Lohmann) ने सबसे पहले 1896 में ऐसा किया था.

लोहमन के बाद 10 और प्‍लेयर इस खास रिकॉर्ड को अपने नाम दर्ज करा चुके हैं जिसमें श्रीलंका, पाकिस्‍तान और भारत का एक-एक प्‍लेयर शामिल है. श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन दो बार इस ‘खास क्‍लब’ में नाम दर्ज कराने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं. पाकिस्‍तान के वकार यूनुस और भारत के भगवत चंद्रशेखर भी एक टेस्‍ट में ‘पेयर’ बनाने के साथ 10 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल कर चुके हैं.

बॉलर जिसने टेस्‍ट में 3 बार पारी की पहली और आखिरी गेंद पर लिया विकेट, लिस्‍ट में भारत का स्पिनर भी

टेस्‍ट क्रिकेट के एक ही मैच में ‘पेयर’ और 10 या अधिक विकेट लेने वाले क्रिकेटर..

लोहमन ने सबसे पहले बनाया यह ‘अनोखा’ रिकॉर्ड
टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे पहले इंग्‍लैंड के जॉर्ज लोहमन ने फरवरी 1896 में यह अलग तरह का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पोर्ट एलिजाबेथ टेस्‍ट में वे दोनों पारियों में खाता खोले बिना आउट हुए थे लेकिन दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में 38 रन देकर 7 और दूसरी पारी में केवल 7 रन देकर 8 विकेट अपने नाम किए थे. मीडियम पेसर लोहमन ने दोनों पारियों में महज 45 रन देकर 15 विकेट हासिल किए थे और इंग्‍लैंड की 288 रनों की जीत के स्‍टार बने थे.

इंग्‍लैंड के डेरेक अंडरवुड (Derek Underwood) भी ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्‍ट में पेयर बनाने के साथ साथ मैच में 10 विकेट हॉल कर चुके हैं. जनवरी 1975 में हुए इस टेस्‍ट में अंडरवुड ने ऑस्‍ट्रेलिया की पहली पारी में 113 रन देकर 7 विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में 102 रन देकर 4 विकेट लिए थे लेकिन दोनों पारियों में खाता खोलने के नाकाम रहे थे. हालांकि परंपरागत शैली के बाएं हाथ के स्पिनर अंडरवुड का यह प्रदर्शन इंग्‍लैंड को जीत नहीं दिला सका था. ऑस्‍ट्रेलियाई टीम इस मैच को 163 रन से जीतने में कामयाब रही थी.

ग्रिमेट ने इंग्‍लैंड के खिलाफ की थी लोहमन की बराबरी
1930 में ऑस्‍ट्रेलिया के लेगब्रेक बॉलर क्‍लेरी ग्रिमेट (Clarence Grimmett) ने लोहमन के रिकॉर्ड की बराबरी की. इंग्‍लैंड के खिलाफ नॉटिंघम टेस्‍ट में ग्रिमेट दोनों पारियों में 0 से आगे नहीं बढ़ सके थे लेकिन इंग्‍लैंड की पहली पारी में 107 रन देकर 5 विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में भी 94 रन देकर 5 विकेट लिए थे. मैच में उन्‍होंने 201 रन देकर 10 विकेट लिए थे. हालांकि ग्रिमेट के इस प्रदर्शन के बावजूद ऑस्‍ट्रेलिया को मैच में 93 रन की हार का सामना करना पड़ा था.

ग्रिमेट के बाद ऑस्‍ट्रेलिया के शेन वार्न (Shane Warne) 2002 और मिचेल जॉनसन 2010 में इस ‘अनोखे’ रिकॉर्ड को बनाने में सफल रहे. लेगब्रेक बॉलर वॉर्न पाकिस्‍तान के खिलाफ अक्‍टूबर 2002 में न्‍यूट्रल वेन्‍यू, कोलंबो में हुए टेस्‍ट में बैटिंग में तो दोनों पारियों में ‘डक’ पर आउट हुए थे लेकिन उन्‍होंने पाकिस्‍तान की पहली पारी में 94 रन देकर 7 और दूसरी पारी में 94 रन देकर 4 विकेट लिए थे. मैच में उनकी बॉलिंग (188 रन देकर 11 विकेट) का ऑस्‍ट्रेलिया की 43 रन की जीत में अहम योगदान रहा था.

ऑस्‍ट्रेलिया के ही तेज गेंदबाज जॉनसन (Mitchell Johnson) ने न्‍यूजीलैंड के खिलाफ 2010 के हेमिल्‍टन टेस्‍ट में ग्रिमेट और वॉर्न की तरह प्रदर्शन किया.ऑस्‍ट्रेलिया की दोनों पारियों में वे खाता नहीं खोल पाए थे लेकिन न्‍यूजीलैंड की पहली पारी में 59 रन देकर 4 विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में 73 रन देकर 6 शिकार किए और 10 विकेट हॉल अपने नाम किया. ऑस्‍ट्रेलिया की जीत में वे प्‍लेयर ऑफ द मैच रहे थे.

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कीवी पेसर कोवी ने लिए 10 विकेट लेकिन…
पेसर जेमी कोवी एक ही टेस्‍ट में पेयर बनाने के साथ 10 या ज्‍यादा विकेट लेने वाले न्‍यूजीलैंड के अकेले क्रिकेटर हैं. इंग्‍लैंड के खिलाफ 1937 के ओल्‍ड ट्रेफर्ड टेस्‍ट में कोवी ने पहली पारी में 73 रन देकर 4 और दूसरी पारी में 67 रन देकर 6 विकेट लिए थे लेकिन बैट से दोनों पारियों में कोई योगदान नहीं दे सके थे. वैसे, कोवी का यह प्रदर्शन भी इंग्‍लैंड को मैच में जीत से नहीं रोक सका था.

कैरेबियन द्वीप के वेलेनटाइन भी कर चुके यह ‘कमाल’
किसी टेस्‍ट में ‘पेयर’ बनाने और 10 विकेट हॉल करने वाले क्रिकेटरों में वेस्‍टइंडीज के बाएं हाथ के स्पिनर अल्‍फ्रेड वेलेनटाइन का नाम शामिल है जिन्‍होंने इंग्‍लैंड के खिलाफ 1950 के ओल्‍ड ट्रेफर्ड टेस्‍ट की पहली पारी में 104 रन देकर 8 विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में 100 रन देकर 3 विकेट लिए थे. वेलेनटाइन बैटिंग में दोनों पारियों में वे एक भी रन का योगदान नहीं दे सके थे. वे आखिरी क्रम पर बैटिंग के लिए उतरे और दोनों बार 0 पर आउट हुए थे.

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ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत में चमके थे ‘चंद्रा’

Pair and 10 Wickets in a Test, Clarence Grimmett, Derek Underwood, Shane warne, Waqar Younis, B Chandrasekhar, M Muralitharan, Mitchell Johnson, एक ही टेस्‍ट में पेयर और 10 विकेट, क्‍लेरी ग्रिमेट, डेरेक अंडरवुड, वकार यूनुस,भगवत चंद्रशेखर, मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न, मिचेल जॉनसन

भागवत चंद्रशेखर (Bhagwat Chandrasekhar) ऐसे बॉलर हैं जिनके नाम पर टेस्‍ट में रनों से ज्‍यादा विकेट दर्ज हैं. लेग ब्रेक बॉलर ‘चंद्रा’ ने 58 टेस्‍ट में  167 रन बनाए लेकिन अपनी बॉलिंग से विपक्षी टीम के लिए सिरदर्द बनते थे. पोलियोग्रस्‍त दाएं हाथ को बॉलिंग में अपनी ताकत बनाते हुए उन्‍होंने टेस्‍ट क्रिकेट में 242 विकेट लिए.1977 के मेलबर्न टेस्‍ट में भारतीय टीम की 222 रनों की यादगार जीत में चंद्रशेखर हीरो बने थे. आखिरी क्रम पर बैटिंग करने वाला यह खिलाड़ी दोनों पारियों में 0 पर आउट हुए था लेकिन दोनों पारियों में एक समान छह-छह विकेट लिए थे. मैच में 12 विकेट लेकर उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलिया को उसके मैदान पर ही हार के लिए मजबूर कर दिया था.

कीवी टीम पर कहर बनकर टूट पड़े थे वकार

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पाकिस्‍तान के तेज गेंदबाज वकार यूनुस (Waqar Younis) भी टेस्‍ट की दोनों पारियों में 0 पर आउट होने और 10 या इससे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. अक्‍टूबर 1990 में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ फैसलाबाद टेस्‍ट में उन्‍होंने पहली पारी में 52 रन देकर 7 और दूसरी पारी में 54 रन देकर 5 विकेट लिए थे. मैच में 106 रन देकर 12 विकेट अपने नाम करने वाले वकार बैटिंग में फ्लॉप रहे थे और दोनों पारियों में खाता भी नहीं खोल पाए थे. वकार की बॉलिंग के कारण पाकिस्‍तान ने 65 रन से यह टेस्‍ट जीता था.

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मुरलीधरन दो बार बना चुके यह ‘अनोखा’ रिकॉर्ड

श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) अकेले ऐसे खिलाड़ी है जो दो बार एक ही टेस्‍ट में ‘पेयर’ के साथ 10 या इससे अधिक विकेट ले चुके हैं. पहली बार मार्च 2004 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ गॉल टेस्‍ट में उन्‍होंने पेयर बनाने के बाद मैच में 11 विकेट लिए और फिर दिसंबर 2006 में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन टेस्‍ट में इसे दोहराया. गॉल टेस्‍ट में बैट से तो वे दोनों पारियों में कोई योगदान नहीं दे सके थे लेकिन पहली पारी में ऑस्‍ट्रेलिया के छह (6/52) और दूसरी पारी में पांच (5/153) विकेट लिए थे. हालांकि मैच में मुरली के 11 विकेट पर ऑस्‍ट्रेलिया के शेन वॉर्न (5/116 और 5/43) के 10 विकेट भारी पड़े थे और ऑस्‍ट्रेलिया ने 197 रनों से मैच जीत लिया था.

मुरली ने इसके बाद न्‍यूजीलैंड के खिलाफ दोनों पारियों में ‘पेयर’ बनाया और 10 या इससे अधिक विकेट लिए. वे दोनों पारियों में 0 पर आउट हुए थे लेकिन पहली पारी में 31 रन देकर 4 और दूसरी पारी में 87 रन देकर 6 विकेट हासिल किए थे.

Tags: Muttiah Muralitharan, Shane warne, Test cricket, Waqar Younis

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