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एनजीटी
– फोटो : संवाद

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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मामला पूर्वी दिल्ली स्थित एक व्यावसायिक परिसर में सुरक्षाकर्मी की लगातार सीटी बजाने से जुड़ा है। अधिकरण एक निवासी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मयूर विहार फेज- 1 में मुख्य सड़क पर स्थित नेक्सट्रा वाणिज्यिक परिसर में सुरक्षा कर्मी की सीटी से उत्पन्न शोर की शिकायत की गई थी। न्यायाधिकरण ने शिकायत पर गौर करते हुए कहा कि सीटी की आवाज से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। इससे पास के अपार्टमेंट में रहने वालों को परेशानी हो रही है।

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एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि आवेदक की ओर से पहले ही डीपीसीसी के समक्ष शिकायत की गई थी। आवेदक का कहना है कि सीटी की आवाज से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। इससे उससे काफी परेशानी हो रही है। शिकायत को ध्यान में रखते हुए अदालत का विचार है कि आवेदक की शिकायत पर डीपीसीसी की ओर से कानून के अनुसार विचार किया जा सकता है। यह फैसला पर्यावरण मानदंडों और विनियमों को लागू करने के लिए ट्रिब्यूनल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण से संबंधित है।

डीपीसीसी को उचित कार्रवाई के दिए निर्देश

न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल वाली पीठ ने कहा कि ऐसे में ट्रिब्यूनल मूल आवेदन का निपटारा करते हुए डीपीसीसी को आवेदक की शिकायत पर विचार करने के लिए कहती है। इसके अलावा अदालत, डीपीसीसी को यदि आवश्यक हो तो उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उचित कार्रवाई करने का निर्देश देती हैं। साथ ही, पीठ ने इस आदेश की प्रति के साथ याचिका की एक प्रति डीपीसीसी के सदस्य सचिव को भेजने के लिए कहा है।

दिल्ली के ध्वनि प्रदूषण के हॉट-स्पॉट इलाके

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने दिल्ली के कई इलाकों में हॉट-स्पॉट की पहचान की है। जहां औसत डेसिबल का स्तर बहुत अधिक दर्ज किया जाता है। जो महीने के हिसाब से अलग-अलग हैं, कुल मिलाकर अब तक 15 हैं। इसके अलावा विभाग वर्तमान में 31 शोर निगरानी स्टेशन संचालित करती है, जिसमें से 26 स्टेशन लगभग दो साल पहले जोड़े गए थे। डीपीसीसी के मुताबिक यह इलाके ध्वनि प्रदूषण के हॉट स्पॉट में से हैं…

  • अशोक विहार
  • करोल बाग
  • पूठ खुर्द बवाना
  • रोहिणी
  • मंदिर मार्ग

शोर स्तर की निगरानी चार श्रेणियों में विभाजित

डीपीसीसी ने शोर के स्तर की निगरानी के लिए शहर को चार श्रेणियों में विभाजित किया है। इसमें शांत, आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्र है। सभी क्षेत्रों के लिए शोर के स्तर के मानक दिन और रात के लिए अलग-अलग हैं। शांत क्षेत्रों के लिए मानक रात के लिए 40 डीबी (ए) और दिन के लिए 50 इकाई हैं। आवासीय के लिए यह रात में 45 और दिन में 55 है। वहीं, वाणिज्यिक क्षेत्रों के लिए यह रात में 55 इकाई और दिन में 65 है।

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