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दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले प्रसाद के लड्डू में मिलावट को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। करोड़ों सनातन प्रेमियों की आस्था के केंद्र भगवान तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावट की रिपोर्ट आने के बाद से सियासी धर्म युद्ध छिड़ गया है। आलम ये है कि मामले में फांसी और सीबीआई जांच तक की मांग हो गई है। दरअसल, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के पिछली जगनमोहन रेड्डी सरकार पर मंदिर में प्रसाद में घी की जगह मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाई जाने के आरोपों के बाद से विवाद जारी है। वहीं ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने भी रविवार को अपना बयान जारी करते हुए कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद की शुद्धता से छेड़छाड़ का मामला कोई साधारण मामला नहीं है। जो प्रसाद भगवान वेंकटेश्वर को चढ़ता था उसमें पिछले कुछ समय से जानवर की चर्बी वाला घी इस्तेमाल होता था। मामला गरमाया तो घी की जांच रिपोर्ट सामने आई और ये पता चला कि घी में मछली का तेल, गोमांस और सूअर की चर्बी सब डली हुई थी।

किसी को उम्मीद नहीं थी कि इतने बड़ा आस्था का केंद्र तिरुपति मंदिर साजिश का शिकार होगा। सवाल आस्था से खिलवाड़ का है। वो भक्त जिनके चढ़ावे से तिरुपति बालाजी दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक बना है। वो भक्त जो अपने साथ सिर्फ प्रसाद लेकर नहीं जाते बल्कि प्रसाद के रूप में भगवान का आशीर्वाद लेकर जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर उनकी आस्था से खिलवाड़ का जिम्मेदार कौन है? सवाल है कि तिरुपति बालाजी मंदिर के पवित्र प्रसाद में किसने और क्यों मिलावट की? उन्होंने कहा तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले प्रसाद के लड्डू में मिलावट करने वाले आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। मंदिर में घी की सप्लाई के लिए टेंडर निकाला जाता है। सबसे कम बोली लगाने वाले को ठेका दिया जाता है।

हालांकि पुराने मंदिर प्रशासन के अधिकारियों का दावा है कि शुद्ध देसी घी की आपूर्ति के लिए ट्रस्ट के प्लांट में ही 550 देसी गायें भी रखी गई हैं। इतना ही नहीं मंदिर में आने वाले घी की जांच की भी व्यवस्था है। प्लांट में देसी गाय के होने और घी की जांच की व्यवस्था होने के बाद भी फिर कैसे तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद की शुद्धता से छेड़छाड़ किया गया। वह भी इतना बड़ा कि मंदिर में प्रसाद में घी की जगह मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाई गई। तरुण मिश्र ने सरकार से मांग उठाई कि जहां भी मंदिरों में प्रसाद बनाया जा रहा है। उन प्रसादों में इस्तेमाल होने वाले घी व तेल की जांच की जाए। जिससे यह स्पष्ट हो सकें कि कहीं तरुपति बालाजी मंदिर की तरह अन्य मंदिरों में तो इस तरह की मिलावट नहीं की जा रही है।




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