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कैलाश गहलोत
– फोटो : एएनआई

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दिल्ली में अब ई-ग्रामीण सेवा चलेगी। इसके लिए दिल्ली सरकार ने 15 साल पुराने ग्रामीण सेवा वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में कन्वर्जन की मंजूरी दे दी है। वर्तमान में दिल्ली में चल रही अधिकतर ग्रामीण सेवा जर्जर हो गई हैं।  

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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि पुराने ग्रामीण सेवा वाहन को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने से प्रदूषण कम होगा। साथ ही दिल्लीवासियों को भी सुलभ व उचित सुविधा मिलेगी। ग्रामीण सेवा योजना को 2011 में शुरू किया गया था। इनमें ड्राइवर के अलावा छह यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है। ये वाहन मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, अनधिकृत और पुनर्वास कॉलोनियों और जेजे समूहों में चलते हैं। दिल्ली में दो हजार से अधिक ग्रामीण सेवा वाहन चल रहे हैं। 

परमिट का होगा नवीनीकरण

पंजीकरण प्राधिकारी सभी विवरणों को सत्यापित करेंगे और ग्रामीण सेवा योजना के तहत वाहन के पंजीकरण को अपडेट करेंगे। नए वाहन को पुराने वाहन के समान मार्ग का ही परमिट मिलेगा।

मिलेगी ऑनलाइन सुविधा 

अधिकारी ने बताया कि नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन जमा हो जाने के बाद पंजीकरण प्राधिकारी सात दिन के भीतर नो ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) जारी करेंगे। अथॉरिटी यह सुनिश्चित करेगा कि वाहन के साथ कोई कर, जुर्माना या कानूनी समस्या न हो और यह राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) डेटाबेस पर स्पष्ट हो। यदि कोई समस्या पाई जाती है, तो मालिक को सूचित किया जाएगा और उन्हें सात दिनों के भीतर हल करना होगा।

पुराने वाहन होंगे स्क्रैप 

एनडीसी मिलने के बाद वाहन को 15 दिन के भीतर अधिकृत स्क्रैपिंग सुविधा में ले जाना होगा। वाहन स्क्रैप होने पर मालिक को जमा प्रमाणपत्र (सीओडी) मिलेगा। एनडीसी और सीओडी के साथ वाहन मालिक किसी भी अधिकृत डीलर से एक नया इलेक्ट्रिक ग्रामीण सेवा वाहन खरीद सकते हैं। नया वाहन खरीदने के बाद मालिक को उसके पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।

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