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उदय भूमि
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई और राजस्व वसूली में सुर्खियां बटोरने के मामले में आबकारी विभाग हमेशा से अव्वल नजर आया है। इसी के साथ कार्यों में लापरवाही अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटता है। जिसका उदाहरण बुधवार को देखने को मिला। जिसमें ड्यूटी में लापरवाही करने के मामले में दो आबकारी निरीक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई आबकारी विभाग के लिए कोई नई बात नहीं, मगर इस कार्रवाई से अन्य आबकारी इंस्पेक्टरों को भी सबक लेने की जरूरत है। अगर कार्य में लापरवाही मिली तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। हाल ही में करीब दो माह पूर्व उप आबकारी आयुक्त द्वारा महिला समेत दो आबकारी निरीक्षकों पर निंलबन की कार्रवाई की थी।

इस कार्रवाई से प्रदेश के सभी जिलों में हड़कंप मच गया था। शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई और राजस्व वसूली बढ़ाने से सिर्फ काम नहीं चलेगा। अगर किसी भी कार्रवाई में आबकारी निरीक्षकों द्वारा लापरवाही सामने आई तो यह तो तय है कि उसके खिलाफ भी कार्रवाई होना स्वाभाविक है। बेअंदाजी करने वाले आबकारी विभाग के दो निरीक्षकों पर कार्यवाही की गाज गिरी है, शराब की दुकानों पर समय पर व्यवस्तापन न करने और अपने कार्यों में लापरवाही करने पर ये कार्यवाही उप आयुक्त द्वारा की गई। कार्यों में लापरवाही की वजह से दोनों निरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया।

प्रयागराज मुख्यालय (कार्मिक एवं अधिष्ठान) उप आबकारी आयुक्त राजेन्द्र कुमार का कहना है कि प्रदेश के सभी जिलों में शराब माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई के बीच सरकार को विभाग द्वारा राजस्व भी प्राप्त हो रहा है। मगर कार्यों में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो। बुधवार को संजय कुमार गौतम आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-2, तालबेहट ललितपुर और भास्कर सिंह बघेल आबकारी निरीक्षक प्रवर्तन-1 झाँसी प्रभार झांसी को अपने पदेन दायित्वों के निर्वहन में बरती गयी लापरवाही, उदासीनता, कादाचार, उद्दंडता एवं स्वेच्छाचारिता के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई की गई है और इनके विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

मुख्यालय ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब न देने पर अनुशासनहीनता का भी आरोप है। सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कार्यों में लापरवाही, उदासीनता, कादाचार, उद्दंडता एवं स्वेच्छाचारिता के मामले में अगर कोई भी दोषी पाया गया तो सिपाही हो, आबकारी निरीक्षक हो या फिर कोई अधिकारी संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग की प्राथमिकता अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करना और राजस्व में बढ़ोतरी करना है। जिसमें सभी की जिम्मेदारी बनती है कि अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करें।




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